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डोईवाला: आजादी के 73 साल बाद बना पुल, ग्रामीणों में खुशी की लहर - CM Trivendra Singh Rawat

डोईवाला के सिंधवाल गांव की जनता को आजादी के बाद अब पुल की सौगात मिली है, जिससे ग्रामीणों में खुशी लहर है.

Bridge ready in Doiwala
Bridge ready in Doiwala
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Published : Feb 8, 2021, 4:43 PM IST

डोईवाला: देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट के अंतर्गत सिंधवाल गांव में विदालना नदी पर पुल बनने से ग्रामीणों में खुशी है. आजादी के 73 साल बाद अब यह पुल बनकर तैयार हुआ है. 6 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से यह पुल बनकर तैयार हुआ है. पुल ना होने से कई गांवों की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 7 फरवरी को पुल का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन चमोली आपदा की वजह से प्रोग्राम स्थगित करना पड़ा.

विदालना नदी पर पुल के बनने से ग्रामीणों में खुशी की लहर.

ग्रामीणों का कहना है कि वो लंबे समय से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे थे. उत्तराखंड गठन से पहले और गठन के बाद अब तक कई सरकारें आईं लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो सका. पुल ना होने की वजह से ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी.

पढ़ें- जल प्रलय रेस्क्यू LIVE: युद्ध स्तर पर जुटी सेना-NDRF, प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहे मुख्यमंत्री

वहीं, स्कूल जाने वाले छात्रों को नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता था. इससे छात्रों के बहने का खतरा भी बना रहता था. वहीं, बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाने में परेशानी होती थी. वहीं, जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त कर रहे हैं. बता दें, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस पुल के लोकार्पण के लिए 7 तारीख को पहुंचने वाले थे, लेकिन चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना से लोकार्पण कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा.

डोईवाला: देहरादून की डोईवाला विधानसभा सीट के अंतर्गत सिंधवाल गांव में विदालना नदी पर पुल बनने से ग्रामीणों में खुशी है. आजादी के 73 साल बाद अब यह पुल बनकर तैयार हुआ है. 6 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत से यह पुल बनकर तैयार हुआ है. पुल ना होने से कई गांवों की जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 7 फरवरी को पुल का उद्घाटन करने वाले थे लेकिन चमोली आपदा की वजह से प्रोग्राम स्थगित करना पड़ा.

विदालना नदी पर पुल के बनने से ग्रामीणों में खुशी की लहर.

ग्रामीणों का कहना है कि वो लंबे समय से पुल निर्माण की मांग करते आ रहे थे. उत्तराखंड गठन से पहले और गठन के बाद अब तक कई सरकारें आईं लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो सका. पुल ना होने की वजह से ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी.

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वहीं, स्कूल जाने वाले छात्रों को नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता था. इससे छात्रों के बहने का खतरा भी बना रहता था. वहीं, बीमार व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाने में परेशानी होती थी. वहीं, जनप्रतिनिधि भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त कर रहे हैं. बता दें, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस पुल के लोकार्पण के लिए 7 तारीख को पहुंचने वाले थे, लेकिन चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना से लोकार्पण कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा.

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