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विकासनगर हादसाः बाल-बाल बचे 6 साल के रितिक की आपबीती, कहा- मैं उठा रहा था, लेकिन सब सो गए थे

विकासनगर हादसे में बाल-बाल बचे 6 वर्षीय रितिक ने हादसे की आपबीती सुनाई है. हादसे में 15 में से 13 लोगों की मौत हो गई थी. रितिक ने बताया जब गाड़ी गिरी तो मैं जोर-जोर से आवाज दे रहा था. लेकिन किसी को मेरी आवाज सुनाई नहीं दी. मेरे साथ के सभी लोग सो रखे थे. कोई उठ नहीं रहा था.

vikashnagar
विकासनगर
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Published : Nov 2, 2021, 5:34 PM IST

विकासनगर: चकराता क्षेत्र में बुल्हाड़-बायला मार्ग पर रविवार 31 अक्टूबर को यूटिलिटी वाहन हादसे में 15 में 13 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 2 लोग मौत के मुंह से बाहर आए. जिनमें से एक 6 साल का बच्चा है रितिक. 300 फीट नीचे खाई में गिरे यूटिलिटी वाहन में सवार रितिक को मामूली चोटें आईं. एक तरफ हादसे में जहां 13 लोग काल के गाल में समा गए वहीं, हादसे में बचा रितिक अब घटना की आपबीती सुना रहा है.

क्या हुआ हादसे की सुबहः अस्पताल में भर्ती रितिक बताता है कि जब गाड़ी खाई में गिरी तो हमें कुछ पता नहीं चला. मैं आगे ड्राइवर और उसके बगल वाली सीट के बीच में बैठा था. गाड़ी नीचे खाई में उल्टी पड़ी थी. कई लोगों को चोट लगी थी. मैंने बहुत ज्यादा जोर-जोर से आवाज दी. मगर किसी ने नहीं सुनी. मैं अपने साथ गाड़ी में सवार लोगों को उठा रहा था, लेकिन कोई उठ नहीं रहा था. बहुत देर बाद लोगों को मेरी आवाज सुनाई दी, तो लोग नीचे आए और उन्होंने मुझे बाहर निकाला तो मैं उन पर लिपट गया.

हादसे के गवाह 6 साल के रितिक की आपबीती.

विकासनगर अस्पताल के डॉक्टर नरेंद्र चौहान का कहना है कि रितिक खतरे से बिल्कुल बाहर है और खूब बातें कर रहा है. घटना में अगर रितिक नहीं बचता तो घटना की जानकारी समय से नहीं मिल पाती. रितिक का इलाज विकासनगर के राजकीय अस्पताल में चल रहा है. कई समाजसेवी लोगों ने रितिक से मुलाकात भी की है. समाजसेवी राकेश तोमर उत्तराखंडी ने भी रितिक से मुलाकात की व हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: खाई में बस गिरने से 13 की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख

हादसे के पीछे ओवरलोडिंग बड़ी वजह: रविवार को बड़े हादसे का कारण ओवरलोडिंग बताया गया. यूटिलिटी वाहन में सवार सभी लोग एक ही गांव के रहने वाले थे. खाई में गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए. कड़ी मशक्कत के बाद सभी शवों और घायलों को खाई से बाहर निकाला जा सका. हादसे के मामले में परिवहन विभाग (RTO) की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.

जब मालिक बना ड्राइवर तो हुआ हादसा: चकराता में रविवार को दर्दनाक हादसे के कारणों में शुरुआती खुलासे चौंकाने वाले हैं. इसमें वाहन का ड्राइवर नहीं होने पर मालिक ने ही स्टेयरिंग थाम लिया था. इसके बाद जैसे ही गाड़ी 100 मीटर आगे बढ़ी तो 300 फीट गहरी खाई में गिर गई और लोग हादसे का शिकार हो गए. स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस गाड़ी को रोज ड्राइवर चलाता था. लेकिन, शनिवार को उसे कुछ काम था तो वह अपने गांव चला गया था. ऐसे में गाड़ी मालिक नरेंद्र ने खुद ही ड्राइविंग का फैसला लिया.

ये भी पढ़ेंः INSIDE STORY: जब गाड़ी मालिक बना ड्राइवर तो 13 लोगों की गई जान, चकराता हादसे में ओवरलोडिंग बड़ी वजह

क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं: स्थानीय लोगों के मुताबिक यूटिलिटी में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं. आरटीओ से यूटिलिटी वाहन के लिए पास तो जारी है लेकिन, इसमें रविवार को 15 सवारियां बैठी थीं. खचाखच गाड़ी भरी होने के कारण गाड़ी चला रहे मालिक ने थोड़ी दूर जाकर नियंत्रण खो दिया और 300 फीट गहरी खाई में गिर गयी. एसपी देहात का कहना था कि ये जानकारी सिर्फ स्थानीय लोगों ने ही दी है.

चकराता एसडीएम कर रहे जांच: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चकराता हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं. देहरादून डीएम आर राजेश कुमार के मुताबिक एसडीएम चकराता को इस हादसे की जांच सौंपी गई है, जो जल्द पूरी कर ली जाएगी.

विकासनगर: चकराता क्षेत्र में बुल्हाड़-बायला मार्ग पर रविवार 31 अक्टूबर को यूटिलिटी वाहन हादसे में 15 में 13 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 2 लोग मौत के मुंह से बाहर आए. जिनमें से एक 6 साल का बच्चा है रितिक. 300 फीट नीचे खाई में गिरे यूटिलिटी वाहन में सवार रितिक को मामूली चोटें आईं. एक तरफ हादसे में जहां 13 लोग काल के गाल में समा गए वहीं, हादसे में बचा रितिक अब घटना की आपबीती सुना रहा है.

क्या हुआ हादसे की सुबहः अस्पताल में भर्ती रितिक बताता है कि जब गाड़ी खाई में गिरी तो हमें कुछ पता नहीं चला. मैं आगे ड्राइवर और उसके बगल वाली सीट के बीच में बैठा था. गाड़ी नीचे खाई में उल्टी पड़ी थी. कई लोगों को चोट लगी थी. मैंने बहुत ज्यादा जोर-जोर से आवाज दी. मगर किसी ने नहीं सुनी. मैं अपने साथ गाड़ी में सवार लोगों को उठा रहा था, लेकिन कोई उठ नहीं रहा था. बहुत देर बाद लोगों को मेरी आवाज सुनाई दी, तो लोग नीचे आए और उन्होंने मुझे बाहर निकाला तो मैं उन पर लिपट गया.

हादसे के गवाह 6 साल के रितिक की आपबीती.

विकासनगर अस्पताल के डॉक्टर नरेंद्र चौहान का कहना है कि रितिक खतरे से बिल्कुल बाहर है और खूब बातें कर रहा है. घटना में अगर रितिक नहीं बचता तो घटना की जानकारी समय से नहीं मिल पाती. रितिक का इलाज विकासनगर के राजकीय अस्पताल में चल रहा है. कई समाजसेवी लोगों ने रितिक से मुलाकात भी की है. समाजसेवी राकेश तोमर उत्तराखंडी ने भी रितिक से मुलाकात की व हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

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हादसे के पीछे ओवरलोडिंग बड़ी वजह: रविवार को बड़े हादसे का कारण ओवरलोडिंग बताया गया. यूटिलिटी वाहन में सवार सभी लोग एक ही गांव के रहने वाले थे. खाई में गिरते ही वाहन के परखच्चे उड़ गए. कड़ी मशक्कत के बाद सभी शवों और घायलों को खाई से बाहर निकाला जा सका. हादसे के मामले में परिवहन विभाग (RTO) की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.

जब मालिक बना ड्राइवर तो हुआ हादसा: चकराता में रविवार को दर्दनाक हादसे के कारणों में शुरुआती खुलासे चौंकाने वाले हैं. इसमें वाहन का ड्राइवर नहीं होने पर मालिक ने ही स्टेयरिंग थाम लिया था. इसके बाद जैसे ही गाड़ी 100 मीटर आगे बढ़ी तो 300 फीट गहरी खाई में गिर गई और लोग हादसे का शिकार हो गए. स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस गाड़ी को रोज ड्राइवर चलाता था. लेकिन, शनिवार को उसे कुछ काम था तो वह अपने गांव चला गया था. ऐसे में गाड़ी मालिक नरेंद्र ने खुद ही ड्राइविंग का फैसला लिया.

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क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं: स्थानीय लोगों के मुताबिक यूटिलिटी में क्षमता से अधिक सवारियां बैठी थीं. आरटीओ से यूटिलिटी वाहन के लिए पास तो जारी है लेकिन, इसमें रविवार को 15 सवारियां बैठी थीं. खचाखच गाड़ी भरी होने के कारण गाड़ी चला रहे मालिक ने थोड़ी दूर जाकर नियंत्रण खो दिया और 300 फीट गहरी खाई में गिर गयी. एसपी देहात का कहना था कि ये जानकारी सिर्फ स्थानीय लोगों ने ही दी है.

चकराता एसडीएम कर रहे जांच: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चकराता हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं. देहरादून डीएम आर राजेश कुमार के मुताबिक एसडीएम चकराता को इस हादसे की जांच सौंपी गई है, जो जल्द पूरी कर ली जाएगी.

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