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विजय दिवसः सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, चमोली-रुद्रप्रयाग में शहीदों की पत्नियां सम्मानित

आज विजय दिवस पर प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. देहरादून में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीदों को याद किया. वहीं, रुद्रप्रयाग में डीएम मनुज गोयल ने शहीद की पत्नी कांता देवी को सम्मानित किया. वहीं, कालाढूंगी में पूर्व सैनिकों ने पुराने दिनों को याद किया.

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Published : Dec 16, 2020, 3:30 PM IST

Updated : Dec 16, 2020, 5:47 PM IST

देहरादून/रुद्रप्रयाग/चमोली/कालाढूंगी/चंपावतः 16 दिसंबर 1971, यही वो दिन था जब 13 दिन की जंग के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने घुटने टेक दिये थे और नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ था. तब से 16 दिसंबर को वीरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत पाकिस्तान की 1971 की जंग की जीत को उत्तराखंड में विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी पार्क शहीद स्मारक पर पहुंचकर 1971 में शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी विजय दिवस मनाया गया और शहीदों को याद कर उन्हें पुष्प अर्पित किए गए.

विजय दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क देहरादून में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की महान सेना ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया था. भारत की सुरक्षा और विश्व के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण दिन है.

सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सीएम ने कहा कि यह हमारे सैनिकों को वीरता का परिणाम है. हमारे जवानों के अद्भुत पराक्रम से इस युद्ध में एक बड़ी विजय भारत को प्राप्त हुई थी. हम इस युद्ध में देश के शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. भारत की ये जीत दुनिया भर में बड़ी जीतों में शुमार है.

डीएम- अपने दायित्वों का निर्वहन ही शहीदों के प्रति असल श्रद्धांजलि

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रुद्रप्रयाग में शहीद की पत्नी को सम्मानित करते डीएम.

रुद्रप्रयाग में कोरोना गाइडलाइंस के बीच विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर जिले के नवनियुक्त जिलाधिकारी मनुज गोयल ने शहीदों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का सही ढ़ंग से निर्वहन करना ही शहीदों को असली श्रद्धांजलि देना है.

गुलाबराय मैदान पर आयोजित समारोह में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की स्मृति में 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हम सब अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी एवं निष्ठा से करें, यही हमारी शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर बंग्लादेश को मुक्त कराया था.

पढ़ेंः विजय दिवस: भारत-पाक जंग में देवभूमि के 255 जवानों ने दी थी शहादत, ये है सूबेदार दरबारा सिंह की गाथा

समारोह में उपस्थित जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (अ0प्रा0) आरएल थापा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में लड़ाई लड़ी गई थी. भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को परास्त किया और पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तानी फौज के चंगुल से मुक्त कराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रर्दशन किया. इस अभियान में वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी. इस मौके पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में जिले के शहीद दरवान सिंह की धर्मपत्नी कांता देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. वहीं युद्ध के प्रत्यक्ष दर्शी राइफल मैन दयाल सिंह को भी शॉल भेंट कर सम्मानित किया.

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धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत.

कांग्रेस का धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत

विजय दिवस के मौके पर देहरादून में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया और धन्यवाद जवान अभियान की घोषणा की. राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित धन्यवाद जवान कार्यक्रम में कई पूर्व सैन्य अधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने विजय दिवस के अवसर पर धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत की. जिसके तहत कांग्रेस घर-घर जाकर प्रदेश के लोगों की तरफ से उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे.

इस अभियान के तहत प्रीतम सिंह उत्तराखंड के सभी जिलों का दौरा करेंगे और सैनिकों से परिवारों से मिलेंगे. प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से सेना और अर्धसैनिक बलों के परिवारों का हाल पूछ कर उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा. उनकी जरूरतों को पूर्ति करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर (7669643999) भी जारी किया गया है. जिसके माध्यम से जवानों के परिजन व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी समस्याओं और सुझाव को हमारे साथ साझा कर सकते हैं.

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चमोली डीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि.
चमोली में पूर्व सैनिक और शहीदों की पत्नियां सम्मानित

चमोली जिले के गोपेश्वर शहीद पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी लोगों को बधाई दी और शहीदों को याद किया. इस मौके पर जिले से शहीद हवलदार स्व. सुरेशा नन्द पुरोहित की पत्नी कमला देवी, राइफलमैन स्व. गोविन्द सिंह की पत्नी ऊखा देवी समेत कई पूर्व सैनिक शामिल ते. जिलाधिकारी ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया.

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए समर्पित सेना के जवानों और शहीदों पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है. आज का दिन हमें शहीदों के अदम्य साहस एवं बलिदान को स्मरण कराते हुए देश सेवा के लिए प्रेरित करता है. जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए देश सेवा में अपना अहम योगदान देने की अपील की.

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कालाढूंगी में विजय दिवस समारोह.

कालाढ़ूंगी में शहीदों को किया गया याद

कालाढूंगी के रामलीला मैदान में विजय दिवस के मौके पर पूर्व सैनिकों, सेना के अधिकारियों और जिला प्रशासन व पुलिस टीम ने शहीदों को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पूर्व सैनिक लक्ष्मण देउपा ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि उस समय भी देश की सेना में दुश्मनों को करारा जवाब देकर विजय हासिल की थी और आज भी भारतीय सेना किसी से कम नहीं है जो भी हमारी सरहदों की तरफ आंख उठाकर देखेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

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चंपावत में शहीदों की परिवारों को सम्मान.

चम्पावत में पूर्व सैनिकों ने शहीदों को किया याद

जिले के बनबसा में 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध मे भारत की जीत विजय दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिक संगठन ने क्षेत्र के शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया. इस आयोजन में टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया व सीओ विपिन चंद्र पंत ने भी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम में 1971 युद्ध में शहीद हुए क्षेत्र के 6 वीर जवानों को याद किया गया और उनके परिवारजनों शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. कोविड संक्रमण के चलते इस बार विजय दिवस का कार्यक्रम पूर्व सैनिक संगठन गौरव सेनानी कल्याण समिति द्वारा सूक्ष्म रूप में मनाया गया.

देहरादून/रुद्रप्रयाग/चमोली/कालाढूंगी/चंपावतः 16 दिसंबर 1971, यही वो दिन था जब 13 दिन की जंग के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने घुटने टेक दिये थे और नए देश बांग्लादेश का जन्म हुआ था. तब से 16 दिसंबर को वीरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत पाकिस्तान की 1971 की जंग की जीत को उत्तराखंड में विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी पार्क शहीद स्मारक पर पहुंचकर 1971 में शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी विजय दिवस मनाया गया और शहीदों को याद कर उन्हें पुष्प अर्पित किए गए.

विजय दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क देहरादून में शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की महान सेना ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने को मजबूर कर दिया था. भारत की सुरक्षा और विश्व के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण दिन है.

सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

सीएम ने कहा कि यह हमारे सैनिकों को वीरता का परिणाम है. हमारे जवानों के अद्भुत पराक्रम से इस युद्ध में एक बड़ी विजय भारत को प्राप्त हुई थी. हम इस युद्ध में देश के शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. भारत की ये जीत दुनिया भर में बड़ी जीतों में शुमार है.

डीएम- अपने दायित्वों का निर्वहन ही शहीदों के प्रति असल श्रद्धांजलि

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रुद्रप्रयाग में शहीद की पत्नी को सम्मानित करते डीएम.

रुद्रप्रयाग में कोरोना गाइडलाइंस के बीच विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर जिले के नवनियुक्त जिलाधिकारी मनुज गोयल ने शहीदों का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का सही ढ़ंग से निर्वहन करना ही शहीदों को असली श्रद्धांजलि देना है.

गुलाबराय मैदान पर आयोजित समारोह में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की स्मृति में 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि हम सब अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी एवं निष्ठा से करें, यही हमारी शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिये प्रतीकात्मक है क्योंकि इस दिन हमने मुक्ति वाहनी सेना के साथ मिलकर बंग्लादेश को मुक्त कराया था.

पढ़ेंः विजय दिवस: भारत-पाक जंग में देवभूमि के 255 जवानों ने दी थी शहादत, ये है सूबेदार दरबारा सिंह की गाथा

समारोह में उपस्थित जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (अ0प्रा0) आरएल थापा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में लड़ाई लड़ी गई थी. भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को परास्त किया और पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तानी फौज के चंगुल से मुक्त कराया, जो वर्तमान में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रर्दशन किया. इस अभियान में वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी. इस मौके पर जिलाधिकारी मनुज गोयल ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में जिले के शहीद दरवान सिंह की धर्मपत्नी कांता देवी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. वहीं युद्ध के प्रत्यक्ष दर्शी राइफल मैन दयाल सिंह को भी शॉल भेंट कर सम्मानित किया.

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धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत.

कांग्रेस का धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत

विजय दिवस के मौके पर देहरादून में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया और धन्यवाद जवान अभियान की घोषणा की. राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित धन्यवाद जवान कार्यक्रम में कई पूर्व सैन्य अधिकारी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने विजय दिवस के अवसर पर धन्यवाद जवान अभियान की शुरुआत की. जिसके तहत कांग्रेस घर-घर जाकर प्रदेश के लोगों की तरफ से उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेंगे.

इस अभियान के तहत प्रीतम सिंह उत्तराखंड के सभी जिलों का दौरा करेंगे और सैनिकों से परिवारों से मिलेंगे. प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस की तरफ से सेना और अर्धसैनिक बलों के परिवारों का हाल पूछ कर उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा. उनकी जरूरतों को पूर्ति करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर (7669643999) भी जारी किया गया है. जिसके माध्यम से जवानों के परिजन व्हाट्सएप के माध्यम से अपनी समस्याओं और सुझाव को हमारे साथ साझा कर सकते हैं.

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चमोली डीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि.
चमोली में पूर्व सैनिक और शहीदों की पत्नियां सम्मानित

चमोली जिले के गोपेश्वर शहीद पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने सभी लोगों को बधाई दी और शहीदों को याद किया. इस मौके पर जिले से शहीद हवलदार स्व. सुरेशा नन्द पुरोहित की पत्नी कमला देवी, राइफलमैन स्व. गोविन्द सिंह की पत्नी ऊखा देवी समेत कई पूर्व सैनिक शामिल ते. जिलाधिकारी ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया.

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए समर्पित सेना के जवानों और शहीदों पर राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को गर्व है. आज का दिन हमें शहीदों के अदम्य साहस एवं बलिदान को स्मरण कराते हुए देश सेवा के लिए प्रेरित करता है. जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए देश सेवा में अपना अहम योगदान देने की अपील की.

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कालाढूंगी में विजय दिवस समारोह.

कालाढ़ूंगी में शहीदों को किया गया याद

कालाढूंगी के रामलीला मैदान में विजय दिवस के मौके पर पूर्व सैनिकों, सेना के अधिकारियों और जिला प्रशासन व पुलिस टीम ने शहीदों को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पूर्व सैनिक लक्ष्मण देउपा ने शहीदों को याद करते हुए कहा कि उस समय भी देश की सेना में दुश्मनों को करारा जवाब देकर विजय हासिल की थी और आज भी भारतीय सेना किसी से कम नहीं है जो भी हमारी सरहदों की तरफ आंख उठाकर देखेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

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चंपावत में शहीदों की परिवारों को सम्मान.

चम्पावत में पूर्व सैनिकों ने शहीदों को किया याद

जिले के बनबसा में 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध मे भारत की जीत विजय दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिक संगठन ने क्षेत्र के शहीदों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया. इस आयोजन में टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया व सीओ विपिन चंद्र पंत ने भी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम में 1971 युद्ध में शहीद हुए क्षेत्र के 6 वीर जवानों को याद किया गया और उनके परिवारजनों शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. कोविड संक्रमण के चलते इस बार विजय दिवस का कार्यक्रम पूर्व सैनिक संगठन गौरव सेनानी कल्याण समिति द्वारा सूक्ष्म रूप में मनाया गया.

Last Updated : Dec 16, 2020, 5:47 PM IST
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