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UKSSSC पेपर लीक: पूर्व सचिव समेत 5 अधिकारियों पर केस दर्ज करने की तैयारी, विजिलेंस ने मांगी अनुमति

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में जांच का दायर बढ़ता ही जा रहा है. अब यूकेएसएसएससी के पूर्व सचिव संतोष बडोनी और पूर्व परीक्षा नियंत्रक (EC) नारायण सिंह डांगी समेत पांच अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए विजिलेंस ने शासन से अनुमति मांगी है.

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Published : Oct 8, 2022, 3:34 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 3:43 PM IST

देहरादून: यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में आयोग के सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी एवं तीन अनुभाग अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. जांच के बाद विजिलेंस ने शासन को पत्र लिखकर पांचों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शासन से अनुमति मांगी है. ऐसे में शासन से अनुमति मिलते ही सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू होगी.

पिछले सात सालों में 88 परीक्षाओं पर सवाल: विजिलेंस जांच के अनुसार इस मामले में कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है. विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार पिछले 7 सालों में आयोग की ओर से 88 परीक्षाएं आयोजित करवाई गई. यह परीक्षाएं लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस की ओर से करवाई गई.
पढ़ें- उत्तरकाशी एवलॉन्च: सात शव मातली हेलीपैड लाए गए, 3 अभी भी एडवांस बेस कैंप में फंसे

कंपनी का रिकॉर्ड खराब होने के बावजूद भी आयोग के अधिकारियों ने किसी कंपनी से 88 परीक्षाएं करवा दी. यह अपने आप में गंभीर मामला है. ऐसे में अनियमितता पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है. बताया जा रहा है कि शासन से अनुमति मिलते ही तत्काल आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी भी हो सकती है.

देहरादून: यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले में आयोग के सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी एवं तीन अनुभाग अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. जांच के बाद विजिलेंस ने शासन को पत्र लिखकर पांचों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की शासन से अनुमति मांगी है. ऐसे में शासन से अनुमति मिलते ही सभी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू होगी.

पिछले सात सालों में 88 परीक्षाओं पर सवाल: विजिलेंस जांच के अनुसार इस मामले में कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है. विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार पिछले 7 सालों में आयोग की ओर से 88 परीक्षाएं आयोजित करवाई गई. यह परीक्षाएं लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस की ओर से करवाई गई.
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कंपनी का रिकॉर्ड खराब होने के बावजूद भी आयोग के अधिकारियों ने किसी कंपनी से 88 परीक्षाएं करवा दी. यह अपने आप में गंभीर मामला है. ऐसे में अनियमितता पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है. बताया जा रहा है कि शासन से अनुमति मिलते ही तत्काल आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी भी हो सकती है.

Last Updated : Oct 8, 2022, 3:43 PM IST
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