देहरादून: साल के पहले दिन करनपुर स्थित डीबीएस कॉलेज के सामने स्थित छात्र हॉस्टल के बरामदे में संदिग्ध परिस्थितियों में 38 वर्षीय कपिल देव का शव बरामद हुआ था. पुलिस जांच में इस घटना को हादसा बताया गया है. वहीं, पुलिस की इस कार्रवाई से मृतक के परिजन असंतुष्ट दिख रहे हैं. मृतक की मां का आरोप है कि पुलिस हॉस्टल संचालक के दबाव में आकर मौत को एक्सीडेंट साबित करने में जुटी है.
पीड़ित परिवार ने पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए हैं. मृतक की मां का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो ताकि उनके बेटे की मौत की सच्चाई सामने आ सके. उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल के छात्रों के साथ कपिल का लंबे समय से विवाद चल रहा था, इसी के चलते कपिल ने जब हॉस्टल में रात चार बजे तक चलने वाली पार्टी का विरोध किया तो छात्रों ने उसकी हत्या कर शव को छत से फेंक दिया.
पहला सवाल
- मृतक के परिजनों का आरोप है कि छात्र हॉस्टल के बरामदे पर जिस हालत में कपिल का शव बरामद किया गया है, उससे सवाल उठता है कि अगर कपिल की मौत छत से गिरकर पेट फटने से हुई है तो जमीन पर कोई भी खून का धब्बा क्यों नहीं है? ऐसे में आशंका है कि पहले धारदार हथियार से उसका पेट काटा गया, फिर शव छत की ग्रिल के सहारे नीचे फेंक दिया गया.
दूसरा सवाल
- परिजनों का यह भी आरोप है कि घटना के कुछ समय पहले ही हॉस्टल का सीसीटीवी कैमरा बंद हो गया था और घटना के चार घंटे बाद यानी सुबह 8 बजे कैमरा फिर से कैसे चालू हो गया? ऐसे में उन को आशंका है कि सीसीटीवी कैमरा बंद कर घटना को अंजाम दिया गया है.
तीसरा सवाल
- परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनको घटना से संबंधित कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाया है, जबकि पुलिस ने मीडिया में बयान दिया है कि उन्होंने सीसीटीवी का वह फुटेज परिवार को दिखाया है जिसमें मृतक कपिल हॉस्टल की छत से नीचे गिर रहा है.
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बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभीतक परिजनों को नहीं मिल पाई है, जिसको लेकर भी परिवार के लोग जांच पड़ताल को लेकर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. मृतक के माता-पिता की मांग है कि पुलिस इस मामले पर किसी के दबाव में न आकर निष्पक्ष जांच करे, ताकि उनके बेटे की मौत का रहस्य सभी के सामने आ सके.