ETV Bharat / state

नहीं रहे 'वैक्सीन मैन', ब्लैक फंगस से जूझते हुए चंद्र बल्लभ बेंजवाल ने ली आखिरी सांस

वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर रुद्रप्रयाग के बैजी गांव निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल का निधन हो गया है. वो ब्लैक फंगस से जूझ रहे थे और दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. परिवार ने राज्य सरकार ने मदद की गुहार भी लगाई थी.

वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल का निधन
वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल का निधन
author img

By

Published : Jun 15, 2021, 9:50 AM IST

Updated : Jun 15, 2021, 12:44 PM IST

देहरादून: वैक्सीन मैन के नाम से चर्चित रुद्रप्रयाग के बैजी गांव निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल का दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में निधन हो गया है. चंद्र बल्लभ बेंजवाल ब्लैक फंगस की बीमारी से जूझ रहे थे. उनका इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा था. पिछले कुछ दिनों से वो वेंटिलेटर पर थे. उन्होंने 13 जून की शाम को आखिरी सांस ली.

बेंजवाल के माता-पिता, तीन भाई और दो बहनें रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बैंजी गांव में रहते हैं. उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई गोपेश्वर से की थी. गढ़वाल विवि से रसायन विज्ञान में एमएससी करने वाले बेंजवाल की बीमारी ने उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चौपट कर दी थी.

बीबकॉल की स्थापना से जुड़े थे बेंजवाल

चंद्र बल्लभ बेंजवाल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Immunologicals and Biologicals Corporation Limited) के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट थे. साल 1989 में भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) की स्थापना के समय से ही वो इससे जुड़े थे. पोलियो वैक्सीन निर्माण में उनकी भूमिका थी. इसी कारण उन्हें 'वैक्सीन मैन' नाम से जाना जाता था.

वैक्सीन मैन को नहीं मिला बेड

पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोडा ने बताया था कि चंद्र बल्लभ बेंजवाल की पूरी पूंजी इलाज में खत्म हो चुकी है. डॉ. दरमोडा ने दावा किया है कि उनके परिजनों की अपील पर सोशल मीडिया में लगभग 30 लाख रुपए जमा भी किए थे, जो खत्म हो चुके हैं. डॉ. दरमोडा ने हैरानी जताई कि बेंजवाल जब करोना की चपेट में आए तो पूरे दिल्ली में उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हो पाया था. परिजनों के अथक प्रयासों से बेड उपलब्ध हो पाया था.

पढ़ें: वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल की हालत नाजुक, सरकार से मदद की दरकार

ब्लैक फंगस होने के बाद स्वयं परिवार के द्वारा इंजेक्शन का इंतजाम किया गया, लेकिन वैक्सीन मैन के परिवार की राज्य, केंद्र सरकार ने कोई सुध नहीं ली. परिवार ने बुलंदशहर बीबकॉल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है कि जिस सरकारी संस्थान में बेंजवाल ने 30 वर्ष नौकरी की और वैक्सीन निर्माण के लिए दिन-रात एक कर सफलता प्राप्त की थी. उन्होंने भी उनकी किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की.

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध भी किया था कि सरकार बेंजी गांव निवासी बेंजवाल के पूरे इलाज का खर्चा राज्य सरकार उठाए. इससे उनके पूरे परिवार का मनोबल बढ़ेगा.

निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि,

चंद्रबल्लभ जी कोरोना वैक्सीन प्रोजेक्ट से भी जुड़े थे. मैं बेंजवाल जी के निधन पर उनको श्रद्धांजलि देता हूं और परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देकर उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दें. ऊं शान्ति.

देहरादून: वैक्सीन मैन के नाम से चर्चित रुद्रप्रयाग के बैजी गांव निवासी चंद्र बल्लभ बेंजवाल का दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में निधन हो गया है. चंद्र बल्लभ बेंजवाल ब्लैक फंगस की बीमारी से जूझ रहे थे. उनका इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा था. पिछले कुछ दिनों से वो वेंटिलेटर पर थे. उन्होंने 13 जून की शाम को आखिरी सांस ली.

बेंजवाल के माता-पिता, तीन भाई और दो बहनें रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बैंजी गांव में रहते हैं. उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई गोपेश्वर से की थी. गढ़वाल विवि से रसायन विज्ञान में एमएससी करने वाले बेंजवाल की बीमारी ने उनकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चौपट कर दी थी.

बीबकॉल की स्थापना से जुड़े थे बेंजवाल

चंद्र बल्लभ बेंजवाल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Immunologicals and Biologicals Corporation Limited) के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट थे. साल 1989 में भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीबकॉल) की स्थापना के समय से ही वो इससे जुड़े थे. पोलियो वैक्सीन निर्माण में उनकी भूमिका थी. इसी कारण उन्हें 'वैक्सीन मैन' नाम से जाना जाता था.

वैक्सीन मैन को नहीं मिला बेड

पर्वतीय विकास शोध केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. अरविंद दरमोडा ने बताया था कि चंद्र बल्लभ बेंजवाल की पूरी पूंजी इलाज में खत्म हो चुकी है. डॉ. दरमोडा ने दावा किया है कि उनके परिजनों की अपील पर सोशल मीडिया में लगभग 30 लाख रुपए जमा भी किए थे, जो खत्म हो चुके हैं. डॉ. दरमोडा ने हैरानी जताई कि बेंजवाल जब करोना की चपेट में आए तो पूरे दिल्ली में उन्हें बेड उपलब्ध नहीं हो पाया था. परिजनों के अथक प्रयासों से बेड उपलब्ध हो पाया था.

पढ़ें: वैक्सीन मैन चंद्र बल्लभ बेंजवाल की हालत नाजुक, सरकार से मदद की दरकार

ब्लैक फंगस होने के बाद स्वयं परिवार के द्वारा इंजेक्शन का इंतजाम किया गया, लेकिन वैक्सीन मैन के परिवार की राज्य, केंद्र सरकार ने कोई सुध नहीं ली. परिवार ने बुलंदशहर बीबकॉल प्रबंधन पर भी आरोप लगाया है कि जिस सरकारी संस्थान में बेंजवाल ने 30 वर्ष नौकरी की और वैक्सीन निर्माण के लिए दिन-रात एक कर सफलता प्राप्त की थी. उन्होंने भी उनकी किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं की.

स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध भी किया था कि सरकार बेंजी गांव निवासी बेंजवाल के पूरे इलाज का खर्चा राज्य सरकार उठाए. इससे उनके पूरे परिवार का मनोबल बढ़ेगा.

निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि,

चंद्रबल्लभ जी कोरोना वैक्सीन प्रोजेक्ट से भी जुड़े थे. मैं बेंजवाल जी के निधन पर उनको श्रद्धांजलि देता हूं और परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देकर उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दें. ऊं शान्ति.

Last Updated : Jun 15, 2021, 12:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.