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एक बार फिर आंदोलन की राह पर रोडवेज कर्मचारी, एमडी को सौंपा ज्ञापन - उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी

अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी एक बार फिर उग्र नजर आ रहे हैं. दरअसल, रोडवेज प्रबंधन ने आश्वासन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की, जिसे लेकर वह नाराज हैं और रोडवेज एमडी को ज्ञापन सौंपकर जल्द कार्रावई की मांग की है.

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आंदोलन की राह पर रोडवेज कर्मचारी
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Published : Dec 24, 2020, 3:42 PM IST

देहरादून: बीते दिनों अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी की मांगों पर द्विपक्षीय वार्ता वार्ता हुई थी. रोडवेज प्रबंधन ने यह आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को मांग लिया जाएगा. जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों में अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. लेकिन अभी तक सहमति बने बिंदुओं पर कोई कार्रवाई ना होने के चलते एक बार फिर उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी उग्र नजर आ रहे हैं और अपनी मांगों के संबंध में यूनियन ने रोडवेज एमडी को ज्ञापन भी सौंपा है.

पढ़ें- बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेसी विधायकों ने किया प्रदर्शन, सदन में उठाएगी महंगाई का मुद्दा

सौंपे गए ज्ञापन में उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने इस बात का जिक्र किया है कि अगर सहमति बने मांगों पर 8 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं होती है तो कर्मचारी इसका विरोध करते हुए 11 जनवरी से कार्य बहिष्कार और क्रमिक अनशन करेंगे. वहीं, उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह भगत ने बताया कि पिछले आंदोलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता हुई थी और उस द्वारा आश्वासन मिलने के चलते आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, जिन बिंदुओं पर वार्ता के दौरान सहमति बनी थी उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो 11 जनवरी से कर्मचारी आंदोलन पर बैठ जाएंगे.

रोडवेज कर्मचारियों की मुख्य मांगे-

  • निगम की ओर से छह नवंबर को जारी पत्र में चालक-परिचालकों के 280 किलोमीटर प्रतिदिन की जो शर्त रखी गई है, उसे पूर्व की भांति किया जाए.
  • उच्च न्यायालय की ओर से 23 सितंबर और 27 नवंबर को संविदा चालकों और परिचालकों को जो राहत प्रदान की गई है, उसके तहत ऐसे कार्मिकों के वेतन भुगतान के संबंध में अलग से निर्देश जारी किए जाएं.
  • निगम मुख्यालय के विशेष ऑडिट पर आदेश के बाद एसीपी को ग्रेड वेतन 4200 से घटाकर 2800 करने की जो कार्रवाई की जा रही है, उस पर तत्काल रोक लगाई जाए. 4200 ग्रेड वेतन यथावत रखा जाए.
  • निगम की छवि धूमिल करने वाले दो परिचालकों को सेवा मुक्त किया जाए.
  • मंडलीय, डिपो कार्यालय में वाह्य श्रेणी के अंतर्गत कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम दैनिक वेतन भोगी, संविदा, अंशकालिक तदर्थ, वर्कचार्ज किया जाए.
  • कनिष्ठ लिपिक से सहायक यातायात का काम लेने पर परिवहन निगम ने डिपो और जिले से बाहर ट्रांसफर को जो आदेश जारी किया है, उसमें शिथिलता प्रदान की जाए.
  • परिवहन निगम में प्रोन्नति के माध्यम से भरे जाने वाले सभी संवर्ग के रिक्त पदों पर शीघ्र प्रोन्नति की कार्रवाई की जाए.
  • निगम के संविदा और विशेष श्रेणी के सभी चालकों, परिचालकों के साथ ही कार्यशाला में तैनात बाह्य स्त्रोत तकनीकी कर्मचारियों को पूर्व की भांति सभी वित्तीय लाभ देते हुए वेतन भुगतान किया जाए.

देहरादून: बीते दिनों अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी की मांगों पर द्विपक्षीय वार्ता वार्ता हुई थी. रोडवेज प्रबंधन ने यह आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को मांग लिया जाएगा. जिसके बाद रोडवेज कर्मचारियों में अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. लेकिन अभी तक सहमति बने बिंदुओं पर कोई कार्रवाई ना होने के चलते एक बार फिर उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारी उग्र नजर आ रहे हैं और अपनी मांगों के संबंध में यूनियन ने रोडवेज एमडी को ज्ञापन भी सौंपा है.

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सौंपे गए ज्ञापन में उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने इस बात का जिक्र किया है कि अगर सहमति बने मांगों पर 8 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं होती है तो कर्मचारी इसका विरोध करते हुए 11 जनवरी से कार्य बहिष्कार और क्रमिक अनशन करेंगे. वहीं, उत्तरांचल रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह भगत ने बताया कि पिछले आंदोलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता हुई थी और उस द्वारा आश्वासन मिलने के चलते आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था. हालांकि, जिन बिंदुओं पर वार्ता के दौरान सहमति बनी थी उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो 11 जनवरी से कर्मचारी आंदोलन पर बैठ जाएंगे.

रोडवेज कर्मचारियों की मुख्य मांगे-

  • निगम की ओर से छह नवंबर को जारी पत्र में चालक-परिचालकों के 280 किलोमीटर प्रतिदिन की जो शर्त रखी गई है, उसे पूर्व की भांति किया जाए.
  • उच्च न्यायालय की ओर से 23 सितंबर और 27 नवंबर को संविदा चालकों और परिचालकों को जो राहत प्रदान की गई है, उसके तहत ऐसे कार्मिकों के वेतन भुगतान के संबंध में अलग से निर्देश जारी किए जाएं.
  • निगम मुख्यालय के विशेष ऑडिट पर आदेश के बाद एसीपी को ग्रेड वेतन 4200 से घटाकर 2800 करने की जो कार्रवाई की जा रही है, उस पर तत्काल रोक लगाई जाए. 4200 ग्रेड वेतन यथावत रखा जाए.
  • निगम की छवि धूमिल करने वाले दो परिचालकों को सेवा मुक्त किया जाए.
  • मंडलीय, डिपो कार्यालय में वाह्य श्रेणी के अंतर्गत कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम दैनिक वेतन भोगी, संविदा, अंशकालिक तदर्थ, वर्कचार्ज किया जाए.
  • कनिष्ठ लिपिक से सहायक यातायात का काम लेने पर परिवहन निगम ने डिपो और जिले से बाहर ट्रांसफर को जो आदेश जारी किया है, उसमें शिथिलता प्रदान की जाए.
  • परिवहन निगम में प्रोन्नति के माध्यम से भरे जाने वाले सभी संवर्ग के रिक्त पदों पर शीघ्र प्रोन्नति की कार्रवाई की जाए.
  • निगम के संविदा और विशेष श्रेणी के सभी चालकों, परिचालकों के साथ ही कार्यशाला में तैनात बाह्य स्त्रोत तकनीकी कर्मचारियों को पूर्व की भांति सभी वित्तीय लाभ देते हुए वेतन भुगतान किया जाए.
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