देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान हर वर्ग और हर तबके पर असर पड़ा है. इस कड़ी में उत्तराखंड की विकास दर भी काफी प्रभावित हुई है. नियोजन विभाग का अनुमान है कि देश की विकास दर शून्य से नीचे -20 तक पहुंच गई है. पिछले कुछ समय के ट्रेड के अनुसार देश की विकास दर से प्रदेश की विकास दर करीब 2 फीसदी ही अधिक रहती रही है. साल 2019-20 में प्रदेश का विकास बहुत अधिक प्रभावित हुआ है.
बता दें वित्त वर्ष 2021 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ में उम्मीद से ज्यादा गिरावट आई है. पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी दर्ज की गई है. ऐसे में उत्तराखंड की विकास दर का अनुमान है कि प्रदेश की विकास दर भी शून्य से -20 फीसदी कम रहने वाली है. सांख्यिकी विभाग के अनुसार राज्य के लिए वार्षिक विकास दर ही जारी की जाती है. लिहाजा, इस मामले में अभी बस अनुमान ही लगाया जा सकता है.
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उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से पहले ही राज्य की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना शुरू हो गया था. जिसकी मुख्य वजह साल के शुरुआती महीनों में ही कर्मचारियों की हड़ताल थी. जिससे कई विकास कार्य प्रभावित हो गये थे. जिसका सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ा था. हालांकि, इस दौरान उद्योग और सेवा क्षेत्र ने प्रदेश की विकास दर को संभाले रखा. मगर फिर मार्च महीने से शुरू हुए लॉकडाउन ने राज्य की विकास दर को बुरी तरह प्रभावित किया.
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अब प्रदेश सरकार को अनलॉक 4.0 से बड़ी उम्मीद है. प्रदेश सरकार को टैक्स में करीब 700 करोड़ रुपए की वापसी हो रही है. वहीं, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का एक बड़ा संकेत मिल रहा है. आने वाले समय में उद्योग-धंधे निर्माण कार्य आदि की गति पर विकास दर निर्भर करेगी.
कुछ सालों में प्रदेश की विकास दर
- साल 2016-17 में 9.83%
- साल 2017-18 में 7.84%
- साल 2018-19 में 6.87%
पिछले कुछ सालों में देश की विकास दर
- 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1%
- 2019-20 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 4.2%