देहरादूनः हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है. उत्तराखंड की बात करें तो यहां की 60% आबादी का हिस्सा युवा ही है, लेकिन देश हो या प्रदेश आज युवाओं की सबसे बड़ी समस्या रोजगार है. वहीं, युवा कल्याण परिषद इन युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग देता है. जिससे युवा प्रशिक्षण लेकर खुद का कार्य शुरू कर सकेंगे. इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ने भी युवाओं को अहम मौके दिए हैं.
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से खुद का व्यवसाय
युवाओं को रोजगार के नए अवसर मुहैया कराने के लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं चला रही है. इसी की तर्ज पर कोरोना काल में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लेकर आई है. जिसके माध्यम से युवा बैंक से सस्ती ब्याज दर में ऋण लेकर खुद का स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं.
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उत्तराखंड युवा कल्याण परिषद 2029 युवाओं को दे चुका प्रोफेशनल ट्रेनिंग
वहीं, दूसरी ओर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए युवा कल्याण परिषद भी कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है. जिसमें युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है. जिससे युवा प्रशिक्षण लेकर खुद का कार्य शुरू कर सके.
उत्तराखंड युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र रावत मोनी ने बताया कि कोरोनाकाल फिलहाल किसी भी तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं किया जा रहा है, लेकिन बीते 2 सालों में युवा कल्याण परिषद प्रदेश के 2029 युवाओं को प्रोफेशनल ट्रेनिंग दे चुका है. इसके अलावा परिषद की ओर से प्रांतीय रक्षक दल यानी आईडी में भी अब तक 3 से 4 हजार युवाओं को नौकरी पर लगाया जा चुका है. जो स्वास्थ्य महकमे के साथ ही पुलिस महकमे में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1999 को युवा विश्व सम्मलेन के दौरान की गई सिफारिशों को मानते हुए 120 में से 54 प्रस्तावों को पारित कर दिया गया था. साथ ही इसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा भी की गई थी. यही कारण है हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
विश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश है, जहां 25 से 35 साल तक के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अक्सर युवाओं का देश भी कहा जाता है. हालांकि, भारत में आज 70% लोग शिक्षित हैं, लेकिन ज्यादा आबादी होने की वजह से आज हमारे देश का युवा रोजगार की तलाश में दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं. कुछ ऐसी ही स्थिति उत्तराखंड की भी है. यहां का युवा पढ़ा-लिखा तो है, लेकिन रोजगार के अवसर न मिलने की स्थिति में परेशान हैं.