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CM के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, मदन कौशिक ने नकारा - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष ने भ्रष्टाचार के कई मुद्दों को नियम 310 के तहत सदन में उठाया. इनमें से कई मामलों को कोर्ट में होने की वजह से सुना नहीं गया. वहीं, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार से जुड़े एक मामले को नियम 58 के तहत चुना गया. जिस पर सरकार का जवाब सुनकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

uttarakhand winter session
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Published : Dec 23, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 10:51 PM IST

देहरादूनः सदन में विपक्ष ने सरकार पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मुद्दों पर श्रम एवं कर्मकार बोर्ड का मामला, मुख्यमंत्री पर सीबीआई जांच, सीएम के सलाहकार की कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं सहित कई अन्य मामलों को नियम 310 के तहत उठाया. इनमें से केवल मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की सोशल बेनिफिट म्यूच्युअल लिमिटेड कंपनी से जुड़े मामले को नियम 58 में सुना गया. बाकी विषय कोर्ट में होने की वजह से सदन में नहीं लिए गए.

CM के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

विपक्ष ने लगाया 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप.

विपक्ष ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की सोशल बेनिफिट म्यूच्युअल लिमिटेड कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि इस कम्पनी में 2017 से 2020 के बीच 2.5 लाख अकाउंट होल्डर बना लिए, जो कि संदिग्ध है. विपक्ष ने कहा कि इस मामले पर आरबीआई द्वारा भी जून 2020 में पत्र भेजा गया था और यह पूरी तरह से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है. विपक्ष इस पर सरकार से जांच की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इस मामले में सदन को गुमराह कर रही है.

पढ़ेंः त्रिवेंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक को किया सस्पेंड

सरकार का जवाब

इस मामले पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि विपक्ष का होमवर्क बिल्कुल कमजोर है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपक्ष का आरोप है, जून 2020 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा गया है. इसकी पुष्टि उन्होंने RBI से फैक्स के माध्यम से खुद की है. इसके अलावा एक विषय 2019 में सामने आया था, जहां पर प्रदेश में सैकड़ों इस तरह की चिटफंड कंपनियों पर RBI ने जांच के निर्देश दिए थे.

98 कंपनियां सही पाई गईं- मदन कौशिक

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव द्वारा STF से जांच करवाई गई और उस जांच में 98 कंपनियां बिल्कुल सही पाई गई थीं. इसमें से एक सोशल नेटवर्क बेनिफिट लिमिटेड भी सही पाई गई थी. इस तरह से विपक्ष के आरोप बिल्कुल निराधार हैं और विपक्ष की तैयारी बिल्कुल कमजोर है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष इस विधानसभा सत्र में लगातार कमजोर होमवर्क की वजह से सदन में अपनी बात को ठीक से नहीं रख पाया है.

देहरादूनः सदन में विपक्ष ने सरकार पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मुद्दों पर श्रम एवं कर्मकार बोर्ड का मामला, मुख्यमंत्री पर सीबीआई जांच, सीएम के सलाहकार की कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं सहित कई अन्य मामलों को नियम 310 के तहत उठाया. इनमें से केवल मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की सोशल बेनिफिट म्यूच्युअल लिमिटेड कंपनी से जुड़े मामले को नियम 58 में सुना गया. बाकी विषय कोर्ट में होने की वजह से सदन में नहीं लिए गए.

CM के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

विपक्ष ने लगाया 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप.

विपक्ष ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार की सोशल बेनिफिट म्यूच्युअल लिमिटेड कंपनी पर 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि इस कम्पनी में 2017 से 2020 के बीच 2.5 लाख अकाउंट होल्डर बना लिए, जो कि संदिग्ध है. विपक्ष ने कहा कि इस मामले पर आरबीआई द्वारा भी जून 2020 में पत्र भेजा गया था और यह पूरी तरह से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है. विपक्ष इस पर सरकार से जांच की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार इस मामले में सदन को गुमराह कर रही है.

पढ़ेंः त्रिवेंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी निदेशक को किया सस्पेंड

सरकार का जवाब

इस मामले पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि विपक्ष का होमवर्क बिल्कुल कमजोर है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपक्ष का आरोप है, जून 2020 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा गया है. इसकी पुष्टि उन्होंने RBI से फैक्स के माध्यम से खुद की है. इसके अलावा एक विषय 2019 में सामने आया था, जहां पर प्रदेश में सैकड़ों इस तरह की चिटफंड कंपनियों पर RBI ने जांच के निर्देश दिए थे.

98 कंपनियां सही पाई गईं- मदन कौशिक

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव द्वारा STF से जांच करवाई गई और उस जांच में 98 कंपनियां बिल्कुल सही पाई गई थीं. इसमें से एक सोशल नेटवर्क बेनिफिट लिमिटेड भी सही पाई गई थी. इस तरह से विपक्ष के आरोप बिल्कुल निराधार हैं और विपक्ष की तैयारी बिल्कुल कमजोर है. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष इस विधानसभा सत्र में लगातार कमजोर होमवर्क की वजह से सदन में अपनी बात को ठीक से नहीं रख पाया है.

Last Updated : Dec 23, 2020, 10:51 PM IST
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