देहरादून: उत्तराखंड को रेशम के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए रेशम विभाग प्रयासों में जुट गया है. इस कड़ी में रेशम बीजागार भवन के निर्माण का फैसला लिया गया है. रेशम बीजागार के निर्माण से प्रदेश के किसानों को प्रदेश में उत्पादित रेशम कीटांड उपलब्ध हो पाएगा. साथ ही रेशम कीटांड की आपूर्ति में प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा.
रेशम किटांड के लिए भारत सरकार के रेशम विभाग पर निर्भर रहने वाले उत्तराखंड को अब प्रदेश में ही उत्पादित रेशम कीटांड मिल सकेगा. इस तरह उत्तराखंड अब रेशम उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ सकेगा. वहीं, प्रदेश में रेशम बीजागार भवन बनकर तैयार हो चुका है. ऐसे में प्रदेश में उत्पादित रेशम किटांड को यहां से रेशम किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. जानकारी के मुताबिक अब तक प्रदेश रेशम कीटांड केद्रीय रेशम बोर्ड और भारत सरकार से ही प्राप्त करता रहा है.
ये भी पढ़ें: स्कूलों को खोलने से पहले प्रशासन लेगा जायजा, कोरोना गाइडलाइन का करना होगा पालन
बताया जा रहा है कि आने वाले सालों में प्रदेश, रेशम विभाग से सालाना दो से ढाई लाख डीएमएल का उत्पादन करने लगेगा. जिससे वार्षिक रूप से 15 से 20 लाख रुपए के राजस्व की बचत होगी. साथ ही स्थानीय और उच्च गुणवत्ता का रोगमुक्त रेशम कीटांड किसानों को उपलब्ध हो सकेगा. इस प्रकार आगामी वर्षों में प्रतिवर्ष रेशम विभाग, प्रदेश में उत्पादित रेशम कीटांड की मात्रा में वृद्धि कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा.