उत्तराखंड में आने वाले दिन लोगों पर पड़ सकते हैं भारी. मौसम दिखा सकता है रौद्र रूप. रेड अलर्ट जारी.
देहरादून: उत्तराखंड में इनदिनों हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. भारी बर्फबारी के चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मौसम के तेवर आने वाले दिनों में भी ऐसे ही रहने वाले हैं. लगातार हो रही बर्फबारी के बीच एक बार फिर मौसम विभाग ने भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है. विभाग की मानें तो छह फरवरी और सात फरवरी तक मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ रहेगा.
भारी बर्फबारी की वजह से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र बर्फिस्तान बने हुए हैं. पांच फरवरी से दोबारा मौसम कहर बरपा सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक छह और सात फरवरी को प्रदेशभर में भारी बारिश और बर्फबारी होगी. इस दौरान विभाग ने लोगों को सचेत रहने के निर्देश दिए हैं. विभाग ने अलर्ट के दौरान श्रद्धालुओं को धामों की यात्रा न करने और पर्यटकों को भी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है. विभाग ने खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी और बारिश होने की आशंका जताई है.
मौसम निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक प्रदेशवासियों को एक बार फिर कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा. मौसम निदेशक ने बताया कि 6 और 7 फरवरी को जनपद देहरादून समेत उधम सिंह नगर और हरिद्वार में माध्यम से भारी बरसात हो सकती है. इसके अलावा मसूरी, चकराता, उत्तरकाशी , चमोली, पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जनपदों में भारी बर्फबारी होने से एक बार फिर स्थानीय निवासियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं. विक्रम सिंह के अनुसार काश्तकारों के लिए यह बारिश और बर्फबारी काफी लाभदायक साबित होगी, इससे उनकी फसल को अच्छा लाभ मिलेगा.
वहीं, आईआईटी रुड़की मौसम विभाग ने 6 से 10 फरवरी तक हरिद्वार में कुल 68 मिलीमीटर बरसात की संभावना जताई है. 6 फरवरी को एक मिलीमीटर, 7 फरवरी को 15 मिमी और 8 फरवरी को 50 मिलीमीटर बरसात का पूर्वानुमान लगाया है. आईआईटी रुड़की के मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक इससे अधिकतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. 7 व 8 फरवरी को घने बादल छाए रह सकते हैं. कुछ इलाकों में बर्फीले तूफान का अनुमान भी लगाया गया है. उम्मीद है कि 9 फरवरी से उत्तर भारत में मौसम साफ हो सकता है.
आईआईटी रुड़की मौसम विभाग ने किसानों को आलू की फसल की जल्द खुदाई करने की सलाह दी है. साथ ही सरसों की फसल उगाने वाले किसानों को खेत से जल निकासी का उचित प्रबंध करने को कहा है. सब्जियों के खेत में भी ज्यादा पानी न रुकने देने की सलाह दी है.