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बजट सत्रः विपक्ष के हंगामे के बाद सदन बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित - governor baby rani maurya

राज्यपाल के अभिभाषण के साथ गैरसैंण में बजट सत्र की शुरुआत हुई, हालांकि विपक्ष के हंगामे के साथ सत्र हंगामेदार तरीके से खत्म हुआ. विधानसभा को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

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उत्तराखंड बजट सत्र
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Published : Mar 3, 2020, 6:59 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 7:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. आज सत्र की शुरुआत राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण से हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जनता से जुड़े कई मुद्दों को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया. जबकि सत्ता पक्ष के तमाम विधायक बार-बार अभिभाषण पूरा होने की बात करते रहे. विपक्ष के विधायकों ने इस दौरान वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए.

विपक्ष के तमाम विधायक स्थायी राजधानी, जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान, बेरोजगारी, प्रमोशन में आरक्षण के विरोध करने वाले जनरल-ओबीसी कर्मचारी संगठन के आंदोलन के साथ ही कई जनसरोकारी मुद्दों को लेकर वेल तक पहुंच गए. विपक्षी विधायकों ने इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए.

उत्तराखंड बजट सत्र

भोजन अवकाश के बाद विपक्ष विधायकों ने विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली अनुसार, सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं करने का आरोप लगाया. हालांकि विपक्ष के तमाम आरोपों को संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि सदन सदा परंपराओं से चलता रहा है और सत्ता पक्ष सभी संवैधानिक परंपराओं का बखूबी निर्वहन कर रहा है.

विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सदन की कार्यवाही को नियमानुसार संचालित नहीं करना चाहती है. जबकि सत्ता पक्ष संवैधानिक परंपराओं के अनुसार ही सदन की कार्यवाही चलने की बात कह रहा है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड बजट सत्रः हरदा बोले-सत्ता में आए तो देंगे फ्री बिजली-पानी

हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कार्य संचालन नियमावली का अध्ययन कराए जाने के साथ ही न सिर्फ अपना विनिश्चय सुरक्षित रखा, बल्कि बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई है. ताकि स्वरूप कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन में सरकारी कामकाज को तय किया जा सके और उसी के अनुसार सदन की कार्यवाही संचालित की जा सके.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. आज सत्र की शुरुआत राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण से हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जनता से जुड़े कई मुद्दों को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया. जबकि सत्ता पक्ष के तमाम विधायक बार-बार अभिभाषण पूरा होने की बात करते रहे. विपक्ष के विधायकों ने इस दौरान वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए.

विपक्ष के तमाम विधायक स्थायी राजधानी, जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान, बेरोजगारी, प्रमोशन में आरक्षण के विरोध करने वाले जनरल-ओबीसी कर्मचारी संगठन के आंदोलन के साथ ही कई जनसरोकारी मुद्दों को लेकर वेल तक पहुंच गए. विपक्षी विधायकों ने इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए.

उत्तराखंड बजट सत्र

भोजन अवकाश के बाद विपक्ष विधायकों ने विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली अनुसार, सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं करने का आरोप लगाया. हालांकि विपक्ष के तमाम आरोपों को संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि सदन सदा परंपराओं से चलता रहा है और सत्ता पक्ष सभी संवैधानिक परंपराओं का बखूबी निर्वहन कर रहा है.

विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सदन की कार्यवाही को नियमानुसार संचालित नहीं करना चाहती है. जबकि सत्ता पक्ष संवैधानिक परंपराओं के अनुसार ही सदन की कार्यवाही चलने की बात कह रहा है.

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हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कार्य संचालन नियमावली का अध्ययन कराए जाने के साथ ही न सिर्फ अपना विनिश्चय सुरक्षित रखा, बल्कि बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई है. ताकि स्वरूप कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन में सरकारी कामकाज को तय किया जा सके और उसी के अनुसार सदन की कार्यवाही संचालित की जा सके.

Last Updated : Mar 3, 2020, 7:52 PM IST
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