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सरकार के मंत्री-विधायक भी बोले नहीं चाहिए ऐसी स्मार्ट सिटी, नाकामियों से जनता हुई परेशान

देहरादून स्मार्ट सिटी के कामों की कछुआ चाल से सरकार के मंत्री और विधायक भी परेशान आ चुके हैं. देहरादून स्मार्ट सिटी के कामों की वजह से शहर की जनता को जो परेशानी झेलनी पड़ रही है, उस पर सरकार को जवाब देते नहीं बन रहा है. यही कारण है कि सरकार के विधायक भी अब यही कहते हुए दिख रहे हैं कि उन्हें ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए.

Dehradun Smart City
देहरादून स्मार्ट सिटी
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Published : Jul 29, 2022, 8:31 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन से अब भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने भी तौबा कर ली है. देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किए जाने के बाद पिछले कई सालों से इस परियोजना पर कछुए की चाल से काम चल रहा है. स्थिति यह है कि अब सरकार के ही मंत्री और विधायक सार्वजनिक रूप से स्मार्ट सिटी के काम पर सवाल खड़े करने लगे हैं, स्थिति यह है कि अब भाजपा विधायक ने भी साफ कर दिया कि उन्हें और शहर को ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए.

देशभर के विभिन्न शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया गया तो उत्तराखंड के लिए भी इन शहरों में देहरादून का चयन होना एक बड़ी खुशखबरी माना गया था, लेकिन किसी को पता नहीं था कि स्मार्ट सिटी के नाम पर लोगों को इस कदर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

सरकार के मंत्री-विधायक भी बोले नहीं चाहिए ऐसी स्मार्ट सिटी.
पढ़ें- सरकारी बंगले की सुख सुविधाएं भोग रहे विपक्ष के नेता, हरीश रावत बोले- NO Comment

बता दें कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी विकास कार्यक्रम के तहत स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की थी. उत्तराखंड का राजधानी देहरादून का भी स्मार्ट सिटी के रूप में चयन हुआ था. साल 2019 में स्मार्ट सिटी को लेकर काम शुरू कर दिया गया. जनता को सुविधाएं देने के नाम पर स्मार्ट सिटी के काम तो शुरू हुए, लेकिन जैसे जैसे समय बड़ा यह परियोजना सुविधाओं की जगह मुसीबतें बढ़ाने वाली बन गई.

इस परियोजना को लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने जब आज निरीक्षण किया तो उनके सामने ही भाजपा के मेयर समेत क्षेत्रीय विधायक ने भी निर्माण कार्य को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर कर दी. यही नहीं भाजपा के विधायक खजान दास ने तो सार्वजनिक रूप से यहां तक कह दिया कि देहरादून शहर को ऐसी स्मार्ट सिटी चाहिए ही नहीं जो लोगों को परेशान करने वाली हो. स्मार्ट सिटी का करने वाली एजेंसी समय पर अपना काम नहीं कर रही है.
पढ़ें- दून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अब मॉनसून का बहाना, अक्टूबर तक पूरे होंगे स्मार्ट भवन

2021 में पूरा होना था काम: देहरादून स्मार्ट सिटी का काम 2019 में शुरू हुआ था, जिसे 14 मार्च 2021 तक पूरा होना था, लेकिन जब समय पर काम पूरा नहीं हुई तो इसका समय बढ़ाकर मई 2022 किया गया. मई को बीते हुए भी दो महीने हो चुके हैं, दो दिनों बाद अगस्त शुरू होने वाला है, लेकिन अभीतक स्टार्म सिटी के अधिकांश काम अधूरे पड़े हैं.

देहरादून में करीब 14,61 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी का काम होना है. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने आज निरीक्षण के दौरान काम करने वाली एजेंसी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई, साथ ही स्मार्ट सिटी की सीईओ सोनिका को एजेंसी ब्रीज एंड रूफ के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए. प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि आज जनता स्मार्ट सिटी में हो रही ढीलाई के कारण भाजपा सरकार को कोस रही है.

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन से अब भाजपा सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने भी तौबा कर ली है. देहरादून को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किए जाने के बाद पिछले कई सालों से इस परियोजना पर कछुए की चाल से काम चल रहा है. स्थिति यह है कि अब सरकार के ही मंत्री और विधायक सार्वजनिक रूप से स्मार्ट सिटी के काम पर सवाल खड़े करने लगे हैं, स्थिति यह है कि अब भाजपा विधायक ने भी साफ कर दिया कि उन्हें और शहर को ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए.

देशभर के विभिन्न शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया गया तो उत्तराखंड के लिए भी इन शहरों में देहरादून का चयन होना एक बड़ी खुशखबरी माना गया था, लेकिन किसी को पता नहीं था कि स्मार्ट सिटी के नाम पर लोगों को इस कदर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.

सरकार के मंत्री-विधायक भी बोले नहीं चाहिए ऐसी स्मार्ट सिटी.
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बता दें कि साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी विकास कार्यक्रम के तहत स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की थी. उत्तराखंड का राजधानी देहरादून का भी स्मार्ट सिटी के रूप में चयन हुआ था. साल 2019 में स्मार्ट सिटी को लेकर काम शुरू कर दिया गया. जनता को सुविधाएं देने के नाम पर स्मार्ट सिटी के काम तो शुरू हुए, लेकिन जैसे जैसे समय बड़ा यह परियोजना सुविधाओं की जगह मुसीबतें बढ़ाने वाली बन गई.

इस परियोजना को लेकर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने जब आज निरीक्षण किया तो उनके सामने ही भाजपा के मेयर समेत क्षेत्रीय विधायक ने भी निर्माण कार्य को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर कर दी. यही नहीं भाजपा के विधायक खजान दास ने तो सार्वजनिक रूप से यहां तक कह दिया कि देहरादून शहर को ऐसी स्मार्ट सिटी चाहिए ही नहीं जो लोगों को परेशान करने वाली हो. स्मार्ट सिटी का करने वाली एजेंसी समय पर अपना काम नहीं कर रही है.
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2021 में पूरा होना था काम: देहरादून स्मार्ट सिटी का काम 2019 में शुरू हुआ था, जिसे 14 मार्च 2021 तक पूरा होना था, लेकिन जब समय पर काम पूरा नहीं हुई तो इसका समय बढ़ाकर मई 2022 किया गया. मई को बीते हुए भी दो महीने हो चुके हैं, दो दिनों बाद अगस्त शुरू होने वाला है, लेकिन अभीतक स्टार्म सिटी के अधिकांश काम अधूरे पड़े हैं.

देहरादून में करीब 14,61 करोड़ की लागत से स्मार्ट सिटी का काम होना है. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने आज निरीक्षण के दौरान काम करने वाली एजेंसी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई, साथ ही स्मार्ट सिटी की सीईओ सोनिका को एजेंसी ब्रीज एंड रूफ के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए. प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि आज जनता स्मार्ट सिटी में हो रही ढीलाई के कारण भाजपा सरकार को कोस रही है.

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