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उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ का ऐलान, 20 दिसंबर को करेंगे कार्य बहिष्कार

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Published : Nov 22, 2022, 3:10 PM IST

उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने राजकीय विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों के लंबे समय से मांगों के निस्तारण न होने पर कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है. आगामी 20 दिसंबर को महासंघ एक दिवसीय कार्य बहिष्कार करेगा. हालांकि, महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर सचिव को पत्र भी लिखा है. अब पत्र के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

Uttarakhand University Employees Federation
उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ

देहरादूनः उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ (Uttarakhand University Employees Federation) सरकार के खिलाफ मुखर हो गया है. महासंघ ने विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 20 दिसंबर को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. साथ ही सचिव को पत्र लिखकर कर्मचारियों की शासन और विश्वविद्यालय स्तरीय मांगों के निस्तारण करने की मांग की है.

उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुलपति की नियुक्ति (Soban Singh Jeena University Almora) न करने, विवि के कुलसचिव की ओर से एकतरफा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और राज्य के कई अन्य विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक विवाद की स्थिति पैदा होने पर गंभीर चिंता जताई है. महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महामंत्री डॉक्टर लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से विश्वविद्यालयों में कार्य व्यवस्था में नए परिवर्तन हो रहे हैं. जिसमें कर्मचारियों की अहम भूमिका है, इसके बावजूद प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में दीर्घावधि से 1500 (पंद्रह सौ) से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं, जिनमें नियुक्ति करने की मांग संगठन की ओर से बार-बार की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

उनका कहना है कि विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी की भांति स्टाफिंग पैटर्न लागू करने और पदोन्नति की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की मांग प्रमुख रूप से उठाई जाती रही है. इससे संबंधित कई मामले शासन स्तर पर लंबित हैं, जिनका निस्तारण किया जाना आवश्यक है. राज्य कर्मचारियों को जारी होने वाले शासनादेश को विश्वविद्यालय में लागू करने, विवि में गोल्डन कार्ड सेवा देने, कार्यरत तकनीकी एवं एकल संवर्गीय कर्मचारियों के हित को देखते हुए व्यवस्था बनाने और सहायक कुलसचिव के पदों पर विश्वविद्यालय कर्मचारियों को पदोन्नति देने की मांग की है. इसके अलावा नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के व्यवस्थित संचालन के लिए कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने की मांग की जा रही है. इसका निस्तारण किया जाना आवश्यक है.

महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक कुमार सुंदरियाल ने बताया कि संगठन की कार्यकारिणी की बैठक हुई. जिसमें प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कर्मचारी और प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया है कि उनकी मांगों के निस्तारण न होने की स्थिति में आगामी 20 दिसंबर को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार (University Employees announcement work boycott) करेंगे. मांगों से संबंधित पत्र शासन-प्रशासन को प्रेषित किया जा चुका है. ताकि मांगों का निस्तारण हो सके और कर्मचारियों को किसी भी आंदोलनात्मक गतिविधि करने को बाध्य न होना पड़े.
ये भी पढ़ेंः विवि कर्मचारी महासंघ की हुई बैठक, एक हजार से ज्यादा खाली पदों पर जताई चिंता

देहरादूनः उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ (Uttarakhand University Employees Federation) सरकार के खिलाफ मुखर हो गया है. महासंघ ने विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 20 दिसंबर को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. साथ ही सचिव को पत्र लिखकर कर्मचारियों की शासन और विश्वविद्यालय स्तरीय मांगों के निस्तारण करने की मांग की है.

उत्तराखंड विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में कुलपति की नियुक्ति (Soban Singh Jeena University Almora) न करने, विवि के कुलसचिव की ओर से एकतरफा कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और राज्य के कई अन्य विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक विवाद की स्थिति पैदा होने पर गंभीर चिंता जताई है. महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह और महामंत्री डॉक्टर लक्ष्मण सिंह रौतेला ने बताया कि उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से विश्वविद्यालयों में कार्य व्यवस्था में नए परिवर्तन हो रहे हैं. जिसमें कर्मचारियों की अहम भूमिका है, इसके बावजूद प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में दीर्घावधि से 1500 (पंद्रह सौ) से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं, जिनमें नियुक्ति करने की मांग संगठन की ओर से बार-बार की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

उनका कहना है कि विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी की भांति स्टाफिंग पैटर्न लागू करने और पदोन्नति की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की मांग प्रमुख रूप से उठाई जाती रही है. इससे संबंधित कई मामले शासन स्तर पर लंबित हैं, जिनका निस्तारण किया जाना आवश्यक है. राज्य कर्मचारियों को जारी होने वाले शासनादेश को विश्वविद्यालय में लागू करने, विवि में गोल्डन कार्ड सेवा देने, कार्यरत तकनीकी एवं एकल संवर्गीय कर्मचारियों के हित को देखते हुए व्यवस्था बनाने और सहायक कुलसचिव के पदों पर विश्वविद्यालय कर्मचारियों को पदोन्नति देने की मांग की है. इसके अलावा नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के व्यवस्थित संचालन के लिए कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देने की मांग की जा रही है. इसका निस्तारण किया जाना आवश्यक है.

महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक कुमार सुंदरियाल ने बताया कि संगठन की कार्यकारिणी की बैठक हुई. जिसमें प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के कर्मचारी और प्रतिनिधियों ने निर्णय लिया है कि उनकी मांगों के निस्तारण न होने की स्थिति में आगामी 20 दिसंबर को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार (University Employees announcement work boycott) करेंगे. मांगों से संबंधित पत्र शासन-प्रशासन को प्रेषित किया जा चुका है. ताकि मांगों का निस्तारण हो सके और कर्मचारियों को किसी भी आंदोलनात्मक गतिविधि करने को बाध्य न होना पड़े.
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