देहरादून: केंद्र सरकार की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों ने परीक्षा कार्यक्रम जारी किए हैं. ये परीक्षाएं 14 सितंबर से अलग-अलग विश्वविद्यालयों में होंगी. निजी कॉलेज संचालकों ने इन परीक्षाओं को सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौती भरा बताया है और साथ ही छात्रों के हित में विभिन्न तरह की मांगें भी की गई हैं.
कॉलेज संचालकों का कहना है कि ये परीक्षाएं जून में हो जानी चाहिए थीं. क्योंकि उस समय कोरोना के मामले काफी कम थे. लेकिन उस समय ये परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं. वर्तमान में कोरोना ने विकराल रूप धारण किया हुआ है. ऐसे में ये परीक्षाएं करवाना छात्रों की जान से खिलवाड़ करना है और कॉलेज संचालकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. निजी कॉलेज के संचालकों ने व्यवस्थाओं को लेकर भी कई तरह के सवाल उठाए हैं. एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट सुनील अग्रवाल का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में कॉलेजों में व्यवस्था बनाना काफी बड़ी चुनौती है.
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उन्होंने कहा कि इस समय छात्रों में कोरोना को लेकर काफी दहशत है और इस माहौल में परीक्षा करवाना और परीक्षा देना कॉलेज प्रशासन और छात्रों के लिए मानसिक तौर पर काफी चुनौती भरा है. अग्रवाल का कहना है कि इससे पहले कई कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया जाता था. लेकिन इस बार सोशल-डिस्टेंसिंग के चलते सेंटरों की संख्या बढ़ानी होगी. व्यवस्थाएं भी चाक-चौबंद करनी होंगी.
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एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट सुनील अग्रवाल ने छात्रों के हितों का ध्यान रखते हुए परीक्षा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं, जो कि इस प्रकार से हैं...
1)- पूर्व में यूजीसी द्वारा कहा गया था कि केवल अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी लेकिन श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किए गए परीक्षा कार्यक्रम में सभी वर्षों के कार्यक्रम हैं. यह स्पष्ट होना चाहिए कि अंतिम वर्ष के अलावा अन्य वर्षों की परीक्षा जरूरी है या नहीं, क्योंकि पूर्व में मिली जानकारी के अनुसार छात्र मानसिक रूप से तैयार नहीं थे. ऐसी स्थिति में अगर यह आवश्यक है तो उसके लिए कुछ वैकल्पिक व्यवस्था भी होनी चाहिए.
2)- इन परीक्षाओं में इस समय चल रही ट्रांसपोर्ट की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए परीक्षार्थी को नजदीक में परीक्षा केंद्र की सुविधा मिलनी चाहिए.
3)- कोविड-19 में सोशल डिस्टेंसिंग के चलते इस बार एग्जाम सेंटर बढ़ाने की मांग निजी कॉलेज एसोसिएशन ने की है.
4)- कॉलेज संगठन ने मांग उठाई है कि परीक्षार्थी को बिना किसी परेशानी के परीक्षा केंद्र को परिवर्तन की सुविधा मिलनी चाहिए.
5)- कोविड-19 के समय जहां पर लगातार परिस्थितियां बदल रही हैं ऐसे में अगर किसी बच्चे की परीक्षा छूटती है तो उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी होनी चाहिए.