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उत्तराखंड में चक्का जाम: विक्रम-ऑटो-बस-ट्रकों के थमे पहिए, यात्री बेहद परेशान

ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में आज उत्तराखंड में परिवहन यूनियनों का चक्का जाम रहा. वहीं, इस चक्का जाम का खास असर देहरादून में देखने को मिला. वाहन स्वामियों की हड़ताल के कारण लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ी.

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Published : Nov 29, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 7:55 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में तमाम परिवहन यूनियनों ने आज राज्यव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया था. वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और दस साल पुराने डीजल चलित ऑटो-विक्रम को बाहर करने के विरोध में आज राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में विक्रम, ऑटो और सिटी बसों ने चक्का जाम किया था. इसके साथ ही ये सभी वाहन स्वामी विधानसभा कूच करने भी पहुंचे थे. हड़ताल के चलते देहरादून की सड़कों पर इक्के-दुक्के वाहन ही चलते दिखे.

ऑटो-विक्रम-बसों का चक्का जाम: दरअसल, परिवहन विभाग ने देहरादून के डोईवाला और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में निजी सहभागिता से ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू किए हैं, और वाहनों की फिटनेस अनिवार्य कर दी है. इसका ऑटो, सिटी बस और विक्रम संचालक विरोध कर रहे हैं. वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि हाल ही में आरटीए की बैठक हुई थी जिसमें 2023 तक 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो और विक्रम को बाहर करने का निर्णय लिया गया है, जिसका भी भारी विरोध देखा जा रहा है.

उत्तराखंड में चक्का जाम.

वाहन स्वामियों का कहना है कि अगर उनकी गाड़ी बाहर की जाती है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा. उत्तराखंड विक्रम, ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ, सिटी बस सेवा महासंघ सहित गढ़वाल मंडल की करीब 15 यूनियनों के साथ ही कुमाऊं मंडल की यूनियन भी इस चक्का जाम में शामिल हैं.

सड़कों पर प्रदर्शन: वहीं, राज्य भर के ट्रांसपोर्ट यूनियन सहित ऑटो बस विक्रम संचालक ऑटोमेटिक फिटनेस योजना के विरोध में आज देहरादून की सड़कों में प्रदर्शन किया. इसका असर देहरादून के साथ-साथ मसूरी में भी देखने को मिला. मसूरी में सभी टैक्सी और जीप के पहिए जाम रहे. जिससे मसूरी में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मसूरी टैक्सी और जीप एसोसिएशन के कार्यालय में ताले लगे दिखाई दिये.

उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार का कहना है कि संघ लगातार प्रदेश में लागू कम्प्यूटर फिटनेस टेस्ट का विरोध कर रहा है. इसको लेकर संघ ने परिवहन मंत्री, सचिव और आयुक्त से मुलाकात भी की है. लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

विकासनगर में चक्काजामः ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में परिवहन यूनियनों ने राज्यव्यापी चक्का जाम को जौनसारी जनजाति हल्का मोटर वाहन स्वामी समिति ने भी समर्थन दिया. सुबह से ही सहिया मंडी में यूटिलिटी वाहन खड़े रहे. जिस कारण वाहनों का आवागमन नहीं हो सका. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. गांव से आए एक मरीज ने बताया कि उसके पैर में चोट लगी है और डॉक्टर के पास मसूरी जाना है. लेकिन कोई भी वाहन जाने को तैयार नहीं है.

परिवहन आयुक्त का बयान: यूनियनों के इस ऐलान के बाद आयुक्त परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी डीएम, एसएसपी, आरटीओ, एआरटीओ को पत्र भेजकर चक्काजाम होने पर वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है. इसके साथ ही ह्यांकी ने राज्य में स्थापित ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन स्थापना के महत्व की परिकल्पना के संबंध में स्थिति स्पष्ट की है. उनका कहना है कि देश एवं प्रदेश के अंतर्गत यात्रियों, वाहन चालक एवं वाहन की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण भी लगातार एक चिंता का विषय बन गया है. इसको देखते हुए वाहनों का सही-सही परीक्षण करने के लिए तकनीक का प्रयोग करना बहुत जरूरी हो गया है. वाहन के फिटनेस परीक्षण को बेहतर और सही बनाए जाने के लिए ही ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना और परिकल्पना तैयार की गई है.

देहरादूनः उत्तराखंड राज्य में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में तमाम परिवहन यूनियनों ने आज राज्यव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया था. वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और दस साल पुराने डीजल चलित ऑटो-विक्रम को बाहर करने के विरोध में आज राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में विक्रम, ऑटो और सिटी बसों ने चक्का जाम किया था. इसके साथ ही ये सभी वाहन स्वामी विधानसभा कूच करने भी पहुंचे थे. हड़ताल के चलते देहरादून की सड़कों पर इक्के-दुक्के वाहन ही चलते दिखे.

ऑटो-विक्रम-बसों का चक्का जाम: दरअसल, परिवहन विभाग ने देहरादून के डोईवाला और उधम सिंह नगर के रुद्रपुर में निजी सहभागिता से ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू किए हैं, और वाहनों की फिटनेस अनिवार्य कर दी है. इसका ऑटो, सिटी बस और विक्रम संचालक विरोध कर रहे हैं. वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि हाल ही में आरटीए की बैठक हुई थी जिसमें 2023 तक 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो और विक्रम को बाहर करने का निर्णय लिया गया है, जिसका भी भारी विरोध देखा जा रहा है.

उत्तराखंड में चक्का जाम.

वाहन स्वामियों का कहना है कि अगर उनकी गाड़ी बाहर की जाती है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा. उत्तराखंड विक्रम, ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ, सिटी बस सेवा महासंघ सहित गढ़वाल मंडल की करीब 15 यूनियनों के साथ ही कुमाऊं मंडल की यूनियन भी इस चक्का जाम में शामिल हैं.

सड़कों पर प्रदर्शन: वहीं, राज्य भर के ट्रांसपोर्ट यूनियन सहित ऑटो बस विक्रम संचालक ऑटोमेटिक फिटनेस योजना के विरोध में आज देहरादून की सड़कों में प्रदर्शन किया. इसका असर देहरादून के साथ-साथ मसूरी में भी देखने को मिला. मसूरी में सभी टैक्सी और जीप के पहिए जाम रहे. जिससे मसूरी में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मसूरी टैक्सी और जीप एसोसिएशन के कार्यालय में ताले लगे दिखाई दिये.

उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार का कहना है कि संघ लगातार प्रदेश में लागू कम्प्यूटर फिटनेस टेस्ट का विरोध कर रहा है. इसको लेकर संघ ने परिवहन मंत्री, सचिव और आयुक्त से मुलाकात भी की है. लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

विकासनगर में चक्काजामः ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के विरोध में परिवहन यूनियनों ने राज्यव्यापी चक्का जाम को जौनसारी जनजाति हल्का मोटर वाहन स्वामी समिति ने भी समर्थन दिया. सुबह से ही सहिया मंडी में यूटिलिटी वाहन खड़े रहे. जिस कारण वाहनों का आवागमन नहीं हो सका. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. गांव से आए एक मरीज ने बताया कि उसके पैर में चोट लगी है और डॉक्टर के पास मसूरी जाना है. लेकिन कोई भी वाहन जाने को तैयार नहीं है.

परिवहन आयुक्त का बयान: यूनियनों के इस ऐलान के बाद आयुक्त परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी डीएम, एसएसपी, आरटीओ, एआरटीओ को पत्र भेजकर चक्काजाम होने पर वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है. इसके साथ ही ह्यांकी ने राज्य में स्थापित ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन स्थापना के महत्व की परिकल्पना के संबंध में स्थिति स्पष्ट की है. उनका कहना है कि देश एवं प्रदेश के अंतर्गत यात्रियों, वाहन चालक एवं वाहन की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण भी लगातार एक चिंता का विषय बन गया है. इसको देखते हुए वाहनों का सही-सही परीक्षण करने के लिए तकनीक का प्रयोग करना बहुत जरूरी हो गया है. वाहन के फिटनेस परीक्षण को बेहतर और सही बनाए जाने के लिए ही ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना और परिकल्पना तैयार की गई है.

Last Updated : Nov 29, 2022, 7:55 PM IST
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