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चारधाम यात्रा पर आचार संहिता का साया, हेली सेवा पर असमंजस बरकार

इस बार चारधाम यात्रा में आचार संहिता की वजह से नेताओं का चारधाम यात्रा के दौरान न पहुंच पाना और हेलीकॉप्टर कंपनियों का उत्तराखंड में सेवाएं न दे पाना खास होगा. हेलीकॉप्टर कंपनियों की सेवा न दे पाने से यात्रियों को थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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Published : May 2, 2019, 12:50 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रदेश में 7 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने हैं तो 9 मई को केदारनाथ और 10 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. जिसके लिए प्रदेश सरकार समीक्षा करने में जुटा हुआ है. इस बार आचार संहिता की वजह से चारधाम यात्रा में कई चीजें अलग दिखाई देंगी.

चारधाम यात्रा में वीवीआईपी मूवमेंट पर बना संशय.

इस बार चारधाम यात्रा में आचार संहिता की वजह से नेताओं का चारधाम यात्रा के दौरान न पहुंच पाना और हेलीकॉप्टर कंपनियों का उत्तराखंड में सेवाएं न दे पाना खास होगा. हेलीकॉप्टर कंपनियों की सेवा न दे पाने से यात्रियों को थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यूं तो उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं को लेकर मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग है. जिस पर हाईकोर्ट को ही अंतिम निर्णय लेना है, लेकिन इस से हटकर देखा जाए तो फिलहाल हेली कंपनियां भी चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. क्योंकि अधिकतर कंपनियों के हेलीकॉप्टर तमाम राजनीतिक दलों द्वारा बुक किए गए हैं.

ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवा को हाई कोर्ट की मंजूरी मिल भी जाती है तो चुनाव के चलते 23 मई तक इस सेवा पर संशय बना रहेगा. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि कि इस बार चारधाम यात्रा के लिए कोई भी वीवीआईपी मूवमेंट की सूचना अभी तक तक नहीं मिली है और चुनावी कार्यक्रम होने के चलते राजनेताओं के दौरे 23 मई तक होना काफी मुश्किल है. दिलीप जावलकर ने बताया कि हेली सेवाएं निर्वाचन को लेकर बुकिंग में चल रही है, जिसके कारण उनकी भी सेवा देने को लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बता दें कि उत्तराखंड में यात्रा के दौरान यात्री बड़ी संख्या में यात्री हेली सेवाओं का उपयोग करते हैं पिछले साल 700000 पर्यटकों में से करीब 125000 पर्यटकों ने हवाई सेवा के जरिए बाबा केदारनाथ के दर्शन किए थे. ऐसे में इस बार मामला कोर्ट और हेली कंपनियों के निर्वाचन में व्यस्त होने के कारण फंसता नजर आ रहा है. एडवांस बुकिंग करने वाले यात्रियों को भी हेली सेवाओं का फायदा मिलने की संभावना फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रदेश में 7 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने हैं तो 9 मई को केदारनाथ और 10 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. जिसके लिए प्रदेश सरकार समीक्षा करने में जुटा हुआ है. इस बार आचार संहिता की वजह से चारधाम यात्रा में कई चीजें अलग दिखाई देंगी.

चारधाम यात्रा में वीवीआईपी मूवमेंट पर बना संशय.

इस बार चारधाम यात्रा में आचार संहिता की वजह से नेताओं का चारधाम यात्रा के दौरान न पहुंच पाना और हेलीकॉप्टर कंपनियों का उत्तराखंड में सेवाएं न दे पाना खास होगा. हेलीकॉप्टर कंपनियों की सेवा न दे पाने से यात्रियों को थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यूं तो उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं को लेकर मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग है. जिस पर हाईकोर्ट को ही अंतिम निर्णय लेना है, लेकिन इस से हटकर देखा जाए तो फिलहाल हेली कंपनियां भी चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. क्योंकि अधिकतर कंपनियों के हेलीकॉप्टर तमाम राजनीतिक दलों द्वारा बुक किए गए हैं.

ऐसे में चारधाम यात्रा के दौरान हेली सेवा को हाई कोर्ट की मंजूरी मिल भी जाती है तो चुनाव के चलते 23 मई तक इस सेवा पर संशय बना रहेगा. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि कि इस बार चारधाम यात्रा के लिए कोई भी वीवीआईपी मूवमेंट की सूचना अभी तक तक नहीं मिली है और चुनावी कार्यक्रम होने के चलते राजनेताओं के दौरे 23 मई तक होना काफी मुश्किल है. दिलीप जावलकर ने बताया कि हेली सेवाएं निर्वाचन को लेकर बुकिंग में चल रही है, जिसके कारण उनकी भी सेवा देने को लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बता दें कि उत्तराखंड में यात्रा के दौरान यात्री बड़ी संख्या में यात्री हेली सेवाओं का उपयोग करते हैं पिछले साल 700000 पर्यटकों में से करीब 125000 पर्यटकों ने हवाई सेवा के जरिए बाबा केदारनाथ के दर्शन किए थे. ऐसे में इस बार मामला कोर्ट और हेली कंपनियों के निर्वाचन में व्यस्त होने के कारण फंसता नजर आ रहा है. एडवांस बुकिंग करने वाले यात्रियों को भी हेली सेवाओं का फायदा मिलने की संभावना फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है.

Intro:Note--फीड मोजो के साथ एफटीपी से चार धाम स्पेशल नाम से भी भेजी गई है।

स्पेशल रिपोर्ट....

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद हाल ही में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा पर इन लोकसभा चुनाव का सीधा असर देखने को मिलेगा। दरअसल उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के चलते चार धाम यात्रा के दौरान वीवीआइपी मूवमेंट करीब ना के बराबर ही रहेगा जबकि हवाई सेवाओं को लेकर भी इसमें सीधा असर देखने की संभावना है। ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट....


Body:उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रदेश में 7 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने हैं तो 9 मई को केदारनाथ और 10 मई को बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने हैं ...ऐसे में प्रदेश सरकार चार धाम के लिए तैयारियों की समीक्षा मे जुटी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि उत्तराखंड में इस बार चार धाम यात्रा के दौरान कई बातें ऐसी होंगी जो पिछले सालों से जुदा दिखाई देंगी... इसमें सबसे खास नेताओं का चार धाम यात्रा के दौरान पहुंचना और हेलीकॉप्टर कंपनियों का उत्तराखंड में सेवाएं न दें पाने का मामला होगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड में 11 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो चुका है लेकिन 23 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना होनी है ऐसे में प्रदेश में आचार संहिता लागू है जिसका असर अब चार धाम यात्रा पर भी दिखेगा। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर बताते हैं कि इस बार उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए कोई भी वीवीआइपी मूवमेंट की सूचना अब तक नहीं मिली है और चुनावी कार्यक्रम होने के चलते राजनेताओं के दौरे 23 मई तक होना काफी मुश्किल है।

बाइट दिलीप जावलकर सचिव पर्यटन

राजनेताओं की चुनावी व्यस्तता के चलते उनका चार धाम यात्रा के लिए आना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है लेकिन दूसरा पहलू हेली सेवाओं से जुड़ा हुआ है यूं तो उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं को लेकर मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है और इस पर हाईकोर्ट को ही निर्णय लेना है लेकिन इस से हटकर देखा जाए तो फिलहाल हेली कंपनियां भी चुनावी कार्यक्रमों में व्यस्त हैं और क्योंकि अधिकतर कंपनियों के हेलीकॉप्टर तमाम राजनीतिक दलों द्वारा बुक किए गए हैं ऐसे में चार धाम यात्रा के दौरान कोर्ट की मंजूरी के बाद भी उनका सेवा दे पाना काफी मुश्किल लगता है इस बात को खुद पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर भी बताते हुए कहते हैं कि हेली सेवाएं निर्वाचन को लेकर बुकिंग में चल रही है जिसके कारण उनका भी सेवाओं के लिए आना फिलहाल असमंजस में है।

बाइट दिलीप जावलकर सचिव पर्यटन

चार धाम यात्रा को लेकर गौर करें तो उत्तराखंड में यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में यात्री हेली सेवाओं का उपयोग करते हैं पिछले साल 700000 पर्यटकों में से करीब 125000 पर्यटक हवाई सेवा के जरिए ही केदारनाथ में भगवान भोले के दर्शन करने पहुंचे थे। ऐसे में इस बार मामला कोर्ट में चलने और हेली कंपनियों के निर्वाचन में व्यस्त होने के कारण फंसता नजर आ रहा है और एडवांस बुकिंग करने वाले यात्रियों को भी हेली सेवाओं का फायदा मिलने की संभावना फिलहाल दिखाई नहीं दे रही है।


Conclusion:प्रदेश में लोक सभा चुनाव के चलते इस बार चार धाम यात्रा पर काफी असर देखने को मिलेगा और यह सर खासतौर पर चुनावी तैयारियों और हेली सेवाओं समेत कुछ वीवीआईपी लोगों के उत्तराखंड पहुंचने से जुड़ा होगा।

पीटीसी नवीन उनियाल
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