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उत्तराखंड में पर्यटन को बरकरार रखने के लिए पर्यटन विभाग करेगा ये काम - पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आती जा रही है, उसी अनुसार प्रदेश के पर्यटन स्थलों में सैलानियों को राहत दी जा रही है.

Uttarakhand Tourism
उत्तराखंड पर्यटन
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Published : Aug 3, 2021, 9:59 AM IST

Updated : Aug 3, 2021, 11:39 AM IST

देहरादून: कोरोनाकाल में प्रदेश में में पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है. प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है. जिसके प्रभावित होने से हर वर्ग प्रभावित हुआ है. हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आती गई, उसी अनुसार उत्तराखंड राज्य आने वाले पर्यटकों को राहत भी दी जा रही है. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान फिर सैलानियों की आमद पर असर पड़ा है.

हालांकि, जहां एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आयी है तो वहीं, मॉनसून सीजन में पर्यटकों की संख्या और भी कम हो जाती है. वर्तमान हालत यह है कि इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से कई बड़े आयोजन या तो स्थगित कर दिए गए हैं या फिर उन्हें सीमित कर दिया गया.

उत्तराखंड में पर्यटन बरकरार रखने के लिए पर्यटन विभाग करेगा ये काम

क्योंकि, इस साल हुए महाकुंभ-2021 को भी बेहद सीमित कर दिया गया. जिसके चलते हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम ही रही. उसके बाद चारधाम की यात्रा को स्थगित करने के साथ ही कावड़ यात्रा पर भी रोक लगा दी गई. जिससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी देखी गई.

पढ़ें-बलूनी पर हरदा का पलटवार, कहा- मैं हरिद्वारी लाल, लेकिन नहीं हूं आपकी तरह इतवारी लाल

वहीं, अब मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी सीमित ही रहती है. क्योंकि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भू-स्खलन और आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं. जिसके चलते सीमित संख्या में सैलानी उत्तराखंड की ओर रुख करते हैं. बीते दिनों कोरोना के मामले कम होने के बाद सैलानियों ने मसूरी और नैनीताल का भारी तादाद में रुख किया था, जिसके बाद शासन-प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया था.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आती जा रही है, उसी अनुसार प्रदेश के पर्यटन स्थलों में सैलानियों को राहत दी जा रही है. ऐसे में किसी भी पर्यटन स्थलों पर आने वाले यात्रियों की क्षमता भी पहले से अधिक कर दी गई है. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड राज्य आने वाले पर्यटकों की संख्या हमेशा से ही कम रहती है.

पढ़ें-कोविड से अनाथ हुए बच्चों को मिला 'वात्सल्य', CM बने मामा तो रेखा बनीं बुआ

राज्य सरकार की कोशिश है कि लगाता है पर्यटक स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जाता रहे, ताकि उत्तराखंड के प्रति पर्यटकों की रुचि को बरकरार रखा जा सके. साथ ही जावलकर ने बताया कि जब सामान्य गति से पर्यटन गतिविधियां शुरू हो जाएंगी, उस दौरान पर्यटकों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए विभाग लगातार तैयारियां कर रहा है.

साथ ही पर्यटन सचिव ने बताया कि तमाम बड़े आयोजन इस दौरान स्थगित हैं, लेकिन यह वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से हुआ है. लेकिन ऐसी ही स्थिति पूरे दुनिया भर में है, लेकिन यह एक चिंता का विषय है कि करीब डेढ़ साल का वक्त बीत गया है और उत्तराखंड की पर्यटन गतिविधियां पटरी पर नहीं आ पाई है.

देहरादून: कोरोनाकाल में प्रदेश में में पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है. प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है. जिसके प्रभावित होने से हर वर्ग प्रभावित हुआ है. हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आती गई, उसी अनुसार उत्तराखंड राज्य आने वाले पर्यटकों को राहत भी दी जा रही है. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान फिर सैलानियों की आमद पर असर पड़ा है.

हालांकि, जहां एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आयी है तो वहीं, मॉनसून सीजन में पर्यटकों की संख्या और भी कम हो जाती है. वर्तमान हालत यह है कि इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से कई बड़े आयोजन या तो स्थगित कर दिए गए हैं या फिर उन्हें सीमित कर दिया गया.

उत्तराखंड में पर्यटन बरकरार रखने के लिए पर्यटन विभाग करेगा ये काम

क्योंकि, इस साल हुए महाकुंभ-2021 को भी बेहद सीमित कर दिया गया. जिसके चलते हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम ही रही. उसके बाद चारधाम की यात्रा को स्थगित करने के साथ ही कावड़ यात्रा पर भी रोक लगा दी गई. जिससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी देखी गई.

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वहीं, अब मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी सीमित ही रहती है. क्योंकि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भू-स्खलन और आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं. जिसके चलते सीमित संख्या में सैलानी उत्तराखंड की ओर रुख करते हैं. बीते दिनों कोरोना के मामले कम होने के बाद सैलानियों ने मसूरी और नैनीताल का भारी तादाद में रुख किया था, जिसके बाद शासन-प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया था.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आती जा रही है, उसी अनुसार प्रदेश के पर्यटन स्थलों में सैलानियों को राहत दी जा रही है. ऐसे में किसी भी पर्यटन स्थलों पर आने वाले यात्रियों की क्षमता भी पहले से अधिक कर दी गई है. लेकिन मॉनसून सीजन के दौरान उत्तराखंड राज्य आने वाले पर्यटकों की संख्या हमेशा से ही कम रहती है.

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राज्य सरकार की कोशिश है कि लगाता है पर्यटक स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जाता रहे, ताकि उत्तराखंड के प्रति पर्यटकों की रुचि को बरकरार रखा जा सके. साथ ही जावलकर ने बताया कि जब सामान्य गति से पर्यटन गतिविधियां शुरू हो जाएंगी, उस दौरान पर्यटकों को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए विभाग लगातार तैयारियां कर रहा है.

साथ ही पर्यटन सचिव ने बताया कि तमाम बड़े आयोजन इस दौरान स्थगित हैं, लेकिन यह वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से हुआ है. लेकिन ऐसी ही स्थिति पूरे दुनिया भर में है, लेकिन यह एक चिंता का विषय है कि करीब डेढ़ साल का वक्त बीत गया है और उत्तराखंड की पर्यटन गतिविधियां पटरी पर नहीं आ पाई है.

Last Updated : Aug 3, 2021, 11:39 AM IST
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