1- दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान सड़क पर लेट गए हरीश रावत, पुलिस ने हिरासत में लिया
दिल्ली में महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए. उन्होंने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी गिरफ्तारी दी. उन्होंने लिखा है कि तानाशाही हुकूमत को इन्हीं हौसलों से डर लगता है, ये जंग जारी रहेगी.
2- UKSSSC के अध्यक्ष एस राजू ने दिया इस्तीफा
UKSSSC के अध्यक्ष एस राजू ने इस्तीफा दे दिया है. पेपर लीक मामले के बाद लगातार आयोग पर सवाल उठ रहे थे. जिसके बाद आज उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है.
3- UKSSSC की गलती का खामियाजा भुगत रहे पुलिस रैंकर्स अभ्यर्थी, नई भर्तियां भी अधर में
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग (Uttarakhand Subordinate Selection Service Commission) अभी तक साल 2021 में हुई पुलिस रैंकर्स परीक्षा के परिणाम घोषित (Police Rankers Exam Result) नहीं कर सका है. जिसके कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
4- उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने के लिए देहरादून में चिंतन, दवा निर्माताओं से लिये सुझाव
आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे उत्तराखंड को आयुष प्रदेश के रूप में विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और उसमें कई निर्णय लिए.
5- बिंदाल चौकी इंचार्ज पर गिरी गाज, देहरादून SSP ने किया सस्पेंड, पीड़ित की नहीं सुनी थी शिकायत
देहरादून के बिंदाल चौकी इंचार्ज कमल रावत को शिकायतकर्ता की एफआईआर नहीं लिखना भारी पड़ गया. एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने बिंदाल चौकी इंचार्ज कमल रावत को निलंबित किया है. वहीं अन्य पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की चेतावनी भी दी है कि वे थाने और चौकी पहुंचने वाले फरियादियों की शिकायत जरूर सुनें और उस पर कार्रवाई भी करें.
6- उत्तराखंड के दुग्ध उत्पादकों को दी गई 22 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक दिवसीय दौरे पर आज उधमसिंह नगर पहुंचे. यहां उन्होंने डेयरी विकास विभाग के दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. इस दौरान दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि भी दी गई है.
7- स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा CHC सहिया, बन गया रेफर सेंटर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहिया विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. सीएचसी में 8 डॉक्टर तैनात हैं लेकिन एक भी स्पेशलिस्ट नहीं है. इस कारण मरीजों को कभी देहरादून तो कभी विकासनगर के चक्कर काटने पड़ते हैं.
8- हाल-ए-स्वास्थ्य सुविधा: हरिद्वार में अव्यवस्था की मार झेल रहे तीनों बड़े सरकारी अस्पताल
कुंभ नगरी हरिद्वार के 3 बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. 2004 के बाद जिले को कोई नए अस्पताल की सौगात नहीं मिल पाई है. 1976 में बने जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल की माली हालत ऐसी है कि अब तो लेंटर भी गिरने लगा है.
9- श्रीनगर NIT के नये शैक्षणिक सत्र की हुई शुरूआत, जारी हुआ वार्षिक कैलेंडर
श्रीनगर एनआईटी में आज से कक्षाएं विधिवत रूप से शुरू हो गई हैं. इस बार एनआईटी उत्तराखंड में 500 छात्रों के रहने की व्यवस्था बनाई गई है.
10- अंग्रेजों ने जिसे पहचाना, अपनों ने उसे नकारा, बांज का पेड़ कर सकता है मालामाल!
उत्तराखंड के जंगलों में पाये जाने वाले बांज के पेड़ की गुणवत्ता को 18वीं सदी में अंग्रेजों ने पहचान लिया था. बांज के टसर से विश्व स्तरीय सिल्क उत्पादन होता है. लेकिन समय के साथ नीति नियंताओं की अनदेखी के कारण बांज अपनी पहचान खोने लगा. इसके अद्भुत गुणों के कारण एक बार फिर से सरकार बांज के जंगलों का सर्वे करा रही है. ताकि प्रदेश में इससे विश्व स्तरीय सिल्क का उत्पादन किया जा सके.