दिल्ली/देहरादूनः देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस ((73rd Republic Day)) मना रहा है. 1950 में इस दिन देश का संविधान लागू किया गया था. इस बार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2022) की परेड में 16 सैन्य दलों, 17 मिलिट्री बैंड, विभिन्न राज्यों, विभागों और सैन्य बलों की 25 झांकियों को शामिल गया है. 12 राज्यों की झांकियों में उत्तराखंड देवभूमि की झांकी भी शामिल की गई है.
उत्तराखंड की झांकी में देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत नजर आई. झांकी में मोक्षधाम भगवान बदरीनाथ, टिहरी डैम, हेमकुंड साहिब के साथ ही ऐतिहासिक डोबरा-चांठी पुल दर्शाया गया. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब 13वीं बार उत्तराखंड की झांकी को राजपथ की परेड में शामिल किया गया है.
उत्तराखंड की झांकी के अग्र भाग में हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा दरबार को दर्शाया गया. इसके बाद देश को प्रकाश देता टिहरी डैम और उसके ऊपर देश के सबसे लंबे डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल बनाया गया है. इसी के साथ आखिरी में चारधामों में से एक भगवान नारायण (विष्णु) के मंदिर बदरीनाथ मंदिर को झांकी में उकेरा गया है.
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हेमकुंड साहिब: सिखों की अटूट आस्था के प्रतीक श्री हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली में 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा 6 महीने तक बर्फ से ढका रहता है. श्री हेमकुंड साहिब अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह देश के सबसे महत्वपूर्ण गुरुद्वारों में से एक है. गुरुद्वारे के पास ही एक सरोवर है. इस पवित्र जगह को अमृत सरोवर अर्थात अमृत का तालाब कहा जाता है.
डोबरा चांठी पुल: टिहरी झील पर देश का सबसे लंबा डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज झूला पुल बना है. इसका निर्माण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था. इस पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन ने तैयार किया था. यह पुल 16 टन भार के वाहन गुजरने की क्षमता के लिए तैयार किया गया है. इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है. साथ ही इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है. टिहरी बांध की झील के ऊपर करीब तीन सौ करोड़ की लागत से बने 440 मीटर स्पॉन के डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण बीते साल 8 अक्टूबर 2020 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था.
टिहरी डेम: देश के सबसे ऊंचे बांध में से एक टिहरी डैम है. 260.5 मीटर ऊंचा यह बांध सिर्फ उत्तराखंड नहीं बल्कि देश के कई राज्यों को रोशन कर रहा है. दिल्ली और यूपी के कुछ क्षेत्रों में बांध के जल का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए भी किया जाता है. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से भी यह बांध काफी अहम माना जाता है. टिहरी झील करीब 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है. बता दें कि टिहरी बांध में वर्ष 2006 में बिजली उत्पादन शुरू हुआ था, जो निरंतर जारी है.
बदरीनाथ धाम: उत्तराखंड के चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम स्थित है. यह देश के चारधामों में से एक है. बदरीनाथ को बदरी विशाल मंदिर भी कहा जाता है. यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर है. यहां नर-नारायण विग्रह की पूजा अर्चना होती है. कहते हैं छह माह देव और छह माह मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं.
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