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गैंगस्टर यशपाल तोमर केस: उत्तराखंड STF ने दो मामलों में दाखिल की चार्जशीट, करीबी गुर्गे सुरेंद्र को भी दबोचा

उत्तराखंड के गैंगस्टर यशपाल तोमर पर उत्तराखंड STF का शिकंजा कसता ही जा रहा है. उत्तराखंड STF ने दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. वहीं, गुरुवार को गैंगस्टर यशपाल तोमर का खास गुर्गा भी उत्तराखंड STF के हत्थे चढ़ा है.

gangster Yashpal Tomar
गैंगस्टर यशपाल तोमर केस
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Published : Jun 3, 2022, 9:48 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 9:06 AM IST

देहरादून: उत्तर भारत के कुख्यात भू माफिया गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार में दर्ज दो गंभीर अपराधों के मुकदमे में उत्तराखंड STF ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. हालांकि, अभी तक की जांच-पड़ताल में हरिद्वार जिले से संबंधित संगीन अपराधों व जमीनों के फर्जीवाड़े के मामलों में एसटीएफ की जांच में फिलहाल उत्तराखंड के किसी राजनेता या अधिकारी सहित उनसे संबंधित लोगों के नाम सामने नहीं आए हैं, जबकि ग्रेटर नोएडा में तोमर सहित उत्तराखंड के कुछ IAS-IPS अधिकारियों के परिजनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं.

यशपाल तोमर का गुर्गा सुरेंद्र गिरफ्तार: गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके सहयोगी सुरेंद्र के खिलाफ 23 अप्रैल 2022 को हरिद्वार कोतवाली में कोर्ट को गुमराह कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चोरी की गाड़ी को अपना बताकर रिलीज करवाने के मामले में एक मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में यशपाल तोमर के गुर्गे सुरेंद्र को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने गुरुवार 2 जून को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
पढ़ें- योगी की तरह CM धामी कार्रवाई कर देंगे बड़ा संदेश या फिर अधिकारी काटते रहेंगे मौज?

कार चोरी से जुड़ा है मामला: ये मामला साल 2002 में गुड़गांव से एक कार चोरी का है. इस चोरी की गाड़ी का मुकदमा 2001 में गुड़गांव सिटी कोतवाली में दर्ज किया गया था. पुलिस जानकारी के मुताबिक, यशपाल तोमर ने ही साल 2004 में अपने नजदीकी गुर्गे सुरेंद्र को फर्जी मुकेश नाम का व्यक्ति दर्शाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार को रिलीज कराया था. इतना ही नहीं, पुलिस जांच पड़ताल में ये भी पता चला कि यशपाल तोमर ने 2001 में गुड़गांव से जो कार चोरी की थी उसका नंबर भी फर्जी दर्शाया था.

2002 में पकड़ा गया था तोमर: उत्तर प्रदेश के ग्राम बरनाला बागपत के रहने वाले कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर (पुत्र महेंद्र सिंह तोमर) को साल 2002 में हरिद्वार कोतवाली में उसके चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. उस समय पुलिस ने उसके कब्जे से कुछ अवैध हथियार और एक मारुति गाड़ी पकड़ी थी. उस समय बरामद गाड़ी का नंबर HR12D3289 लिखा था जबकि गाड़ी का असली नंबर HR26L9645 था. यही वो गाड़ी थी जिसके संबंध में साल 2001 में सिटी कोतवाली गुड़गांव में चोरी का मुकदमा लिखा गया.
पढ़ें- बागपत में यशपाल तोमर की 98 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क, DM हरिद्वार के पत्र पर एक्शन

अभी सामने नहीं आए उत्तराखंड से संबंधित अन्य लोगों ने नाम: उधर, कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ इससे पहले हरिद्वार में जमीनों के फर्जीवाड़े और आपराधिक मामलों में दर्ज मुकदमे को लेकर उत्तराखंड STF अजय सिंह के अनुसार दोनों ही मामलों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इससे पहले हरिद्वार जिला कोर्ट के आदेश पर अभियुक्त यशपाल तोमर की 153 करोड़ की अवैध संपत्ति भी सीज की गई है. फिलहाल, हरिद्वार में अवैध संपत्ति और आपराधिक मामलों में चल रही जांच के दौरान वर्तमान तक उत्तराखंड से संबंधित अन्य व्यक्तियों के नाम सामने नहीं आए हैं.

देहरादून: उत्तर भारत के कुख्यात भू माफिया गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार में दर्ज दो गंभीर अपराधों के मुकदमे में उत्तराखंड STF ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. हालांकि, अभी तक की जांच-पड़ताल में हरिद्वार जिले से संबंधित संगीन अपराधों व जमीनों के फर्जीवाड़े के मामलों में एसटीएफ की जांच में फिलहाल उत्तराखंड के किसी राजनेता या अधिकारी सहित उनसे संबंधित लोगों के नाम सामने नहीं आए हैं, जबकि ग्रेटर नोएडा में तोमर सहित उत्तराखंड के कुछ IAS-IPS अधिकारियों के परिजनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं.

यशपाल तोमर का गुर्गा सुरेंद्र गिरफ्तार: गैंगस्टर यशपाल तोमर और उसके सहयोगी सुरेंद्र के खिलाफ 23 अप्रैल 2022 को हरिद्वार कोतवाली में कोर्ट को गुमराह कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चोरी की गाड़ी को अपना बताकर रिलीज करवाने के मामले में एक मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में यशपाल तोमर के गुर्गे सुरेंद्र को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने गुरुवार 2 जून को गिरफ्तार कर जेल भेजा.
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कार चोरी से जुड़ा है मामला: ये मामला साल 2002 में गुड़गांव से एक कार चोरी का है. इस चोरी की गाड़ी का मुकदमा 2001 में गुड़गांव सिटी कोतवाली में दर्ज किया गया था. पुलिस जानकारी के मुताबिक, यशपाल तोमर ने ही साल 2004 में अपने नजदीकी गुर्गे सुरेंद्र को फर्जी मुकेश नाम का व्यक्ति दर्शाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार को रिलीज कराया था. इतना ही नहीं, पुलिस जांच पड़ताल में ये भी पता चला कि यशपाल तोमर ने 2001 में गुड़गांव से जो कार चोरी की थी उसका नंबर भी फर्जी दर्शाया था.

2002 में पकड़ा गया था तोमर: उत्तर प्रदेश के ग्राम बरनाला बागपत के रहने वाले कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर (पुत्र महेंद्र सिंह तोमर) को साल 2002 में हरिद्वार कोतवाली में उसके चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. उस समय पुलिस ने उसके कब्जे से कुछ अवैध हथियार और एक मारुति गाड़ी पकड़ी थी. उस समय बरामद गाड़ी का नंबर HR12D3289 लिखा था जबकि गाड़ी का असली नंबर HR26L9645 था. यही वो गाड़ी थी जिसके संबंध में साल 2001 में सिटी कोतवाली गुड़गांव में चोरी का मुकदमा लिखा गया.
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अभी सामने नहीं आए उत्तराखंड से संबंधित अन्य लोगों ने नाम: उधर, कुख्यात गैंगस्टर यशपाल तोमर के खिलाफ इससे पहले हरिद्वार में जमीनों के फर्जीवाड़े और आपराधिक मामलों में दर्ज मुकदमे को लेकर उत्तराखंड STF अजय सिंह के अनुसार दोनों ही मामलों में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है. इससे पहले हरिद्वार जिला कोर्ट के आदेश पर अभियुक्त यशपाल तोमर की 153 करोड़ की अवैध संपत्ति भी सीज की गई है. फिलहाल, हरिद्वार में अवैध संपत्ति और आपराधिक मामलों में चल रही जांच के दौरान वर्तमान तक उत्तराखंड से संबंधित अन्य व्यक्तियों के नाम सामने नहीं आए हैं.

Last Updated : Jun 4, 2022, 9:06 AM IST
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