देहरादून: उत्तराखंड साइबर पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को राजस्थान के बीकानेर से गिरफ्तार किया है, जिन्हें तीन राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी. हालांकि, इस गिरोह के दो सदस्य फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में एसटीएफ जुटी है.
एसटीएफ गिरफ्त में आए गिरोह के दो सदस्यों ने कुछ दिन पहले देहरादून में बीएसएल नंबर केवाईसी के नाम पर 16 लाख की धोखाधड़ी की थी. शिकायतकर्ता की सूचना पर कार्रवाई करते हुए STF व साइबर पुलिस ने दोनों आरोपियों को राजस्थान के नोखा बीकानेर से गिरफ्तार किया है. दोनों के नाम अरविंद पुरोहित (26) और धीरज पंचारिया (25) है. शुरूआती जांच में पता चला है कि अभियुक्तों द्वारा साइबर क्राइम धोखाधड़ी से कई तरह के चल अचल संपत्ति जुटाई है. एसटीएफ गिरोह के नेटवर्क अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाकर आगे की कार्रवाई में जुटी है.
दिल्ली, बेंगलुरु और तेलंगाना पुलिस को है इन साइबर क्रिमिनल की तलाश
उत्तराखंड STF से मिली जानकारी के मुताबिक बीकानेर निवासी अरविंद पुरोहित एक शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके पीछे दिल्ली, तेलंगाना और बेंगलुरु जैसे राज्यों की पुलिस तलाश में जुटी हैं. इतना ही नहीं, पता चला कि अरविंद दो साल पहले मुंबई में गिरफ्तार होकर जेल काट चुका है. उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा इस साइबर गिरोह के सदस्यों के अलग-अलग बैंक अकाउंट फ्रीज करा कर इनके नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश तेज कर दी गई है.
लॉकडाउन में रोजगार छूटने के कारण बनाया साइबर क्राइम गिरोह
एसटीएफ की गिरफ्त में आए अरविंद पुरोहित मुंबई में एक फर्नीचर की दुकान का काम करता था. लॉकडाउन होने के बाद वह अपने गृह क्षेत्र नोखा बीकानेर जनपद में आया. जहां उसकी धीरज से हुई. दोनों ने शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने के लालच में जामताड़ा में दो अन्य युवकों के माध्यम से साइबर ठगी की रणनीति बनाई. इसी के तहत जामताड़ा साइबर अपराधियों से क्राइम का तरीका सिखा.
रणनीति के तहत जामताड़ा से बीएसएनएल नंबर की केवाईसी अपडेट के नाम पर देशभर में लोगों को फोन करना शुरू किया. बीएसएनएल नंबर ब्लॉक होने का भय दिखाते हुए लोगों को क्विक सपोर्ट ऐप डाउनलोड करा कर केवाईसी कराने का झांसा दिया. इसी फर्जी ऐप के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट से एक के बाद एक लाखों रुपये निकालते गए.
गिरोह के मास्टरमाइंड अरविंद ने अपने ठगी की रकम को नेटवर्क में इस्तेमाल करने के साथ ही अलग-अलग सदस्यों के खाते में भेजता था. इस अपराध के दौरान गिरोह के सदस्यों द्वारा ना सिर्फ महंगे शौक पूरे किए बल्कि गोल्ड लोन जैसे खातों की किश्त भी धोखाधड़ी के पैसों से चुकाई.
सावधान रहें बीएसएनएल कंपनी जैसे नंबरों के केवाईसी पर हो रही है ठगी: एसटीएस
उत्तराखंड स्टेट एसएससी अजय सिंह के मुताबिक गिरोह बाकायदा बीएसएनल नंबर के फोन को ब्लॉक होने का भय दिखाकर क्विक सपोर्ट ऐप को डाउनलोड कराता था. इस फर्जीवाड़े के झांसे में लेकर केवाईसी अपडेट करने के नाम पर देशभर में कई लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. इस मामले में एसटीएफ और साइबर पुलिस संयुक्त कार्रवाई करते हुए नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.