देहरादून: UKSSSC पेपर लीक मामले में एसटीएफ की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में एसटीएफ ने एक और अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. एसटीएफ ने सबूतों के आधार पर जसपुर निवासी तुषार चौहान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. UKSSSC पेपर लीक मामले अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
पेपर लीक के अधिकांश तार कुमाऊं के जनपदों से जुड़े: UKSSSC पेपर लीक मामले के तार लगातार कुमाऊं क्षेत्र से जुड़ रहे हैं. दो न्यायिक कर्मियों की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह के सबूत मिले हैं, उसके आधार पर कुमाऊं के सितारगंज, जसपुर, रामनगर नैनीताल से गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है.
जांच पड़ताल में जानकारी सामने आई है कि तुषार चौहान खुद भी पेपर का अभ्यर्थी हैं. उसने पहले अपने के लिए 15 लाख रुपये में मनोज जोशी (सितारगंज कोर्ट कर्मचारी) से संपर्क कर पेपर खरीदा था. उसके बाद पेपर को आगे अन्य अभ्यर्थियों को बेचा. तुषार चौहान ने खुद भी पेपर दिया, जिसमें उसकी 164 रैकिंग आयी. वह मेरिट के आधार पर नौकरी पाने की कतार में था. STF जांच के अनुसार जसपुर निवासी तुषार चौहान ने मनोज जोशी सहित नेटवर्क के अन्य लोगों को पेपर खरीदने के लिए पहले 3 लाख दिए. परीक्षा पास होने के बाद 12 लाख रुपये और दिए.
कोर्ट कर्मचारी ने रामनगर रिजॉर्ट में 4 लोगों से सॉल्व कराये पेपर: STF के मुताबिक अभियुक्त तुषार चौहान के कब्जे से कई अहम सबूत दस्तावेज बरामद हुए. जांच पड़ताल में जानकारी सामने आयी सितारगंज कोर्ट कर्मचारी अभियुक्त मनोज जोशी ने 15 लाख रुपये में तुषार चौहान को न सिर्फ पेपर उपलब्ध कराया. साथ ही रामनगर रिजॉर्ट में परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र को 3 से 4 अन्य अभ्यर्थियों के साथ मिलकर पेपर सॉल्व कराया.
तुषार पर पेपर लीक नेटवर्क के साक्ष्य मिटाने का आरोप: एसटीएफ के मुताबिक इस केस की जांच पड़ताल के दौरान हाल के दिनों में अभियुक्त तुषार चौहान पेपर लीक जुड़े नेटवर्क के लोगों से संपर्क कर साक्ष्य-सबूतों को मिटाने का प्रयास कर रहा था. इस बात के पुख़्ता प्रमाण सामने आए हैं. तुषार के संपर्क में आये अन्य लोगों से पूछताछ जारी है.
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STF एसएसपी के अनुसार तुषार ने किन-किन लोगों को परीक्षा पत्र बेचा इस बात की भी छानबीन चल रही है. वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि तुषार के अलावा पेपर लीक गिरोह में लिप्त कई और लोग भी जांच को प्रभावित करने की दिशा में साक्ष्य व सबूत मिटाने के षड्यंत्र कर रहे हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित कर गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी है.
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आज आयोग के तत्कालीन एग्जाम कंट्रोलर नारायण सिंह से भी एक बार फिर एसटीएफ परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित मामलों में गहनता से पूछताछ करेगी. एसटीएफ को इस बात का अंदेशा है कि पेपर आयोजित करने की पूरी प्रक्रिया में या तो घोर लापरवाही हुई है या फिर यह एक सोची समझी साजिश है. ऐसे में एसटीएफ रिटायर्ड एग्जामनर नारायण सिंह से पूछताछ कर अहम जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी.
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्नातक स्तर के पेपर लीक मामले में आयोग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. पेपर प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान की सीसीटीवी फुटेज आयोग के पास नहीं हैं. यह जानकारी परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी से एसटीएफ को पूछताछ में मिली है. वहीं प्रिंटिंग प्रेस की ओर से फुटेज आयोग को देने की बात कही जा रही है. ऐसे में एसटीएफ जल्द ही आयोग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
पंचायत सदस्यों के नाम भी आए सामने: UKSSSC पेपर लीक मामले में कुछ पंचायत सदस्यों के नाम भी संदेह के घेरे में हैं. बताया जा रहा है कि संदिग्धों में से कुछ और देश के बाहर भी चले गए हैं. हालांकि, इस मामले में एसटीएफ ने साफ किया है कि जब तक किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलता है, उसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. जानकारी के अनुसार, पेपर लीक केस में एक जिला पंचायत सदस्य के खिलाफ 2020 में में मुकदमा दर्ज हुआ था.