देहरादून: चिटफंड कंपनी के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाली फर्जी कंपनी की डायरेक्टर मोनिका कपूर को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्ट फोर्स) ने दिल्ली के पंजाबी बाग (प्रगति अपार्टमेंट) से गिरफ्तार किया है. गैंग की मुख्य महिला आरोपी चमोली, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और बागेश्वर जनपद में कई लोगों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर चुकी है.
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि महिला आरोपी के खिलाफ चार जिलों चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून में इनाम घोषित किया गया था. आरोपी महिला के खिलाफ उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. एसटीएफ के मुताबिक बीते दो साल से उत्तराखंड के सात जिलों की पुलिस मोनिका कपूर की तलाश में जुटी हुई थी.
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एसटीएफ ने बताया कि महिला के खिलाफ बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के अलग-अलग थानों में करीब 15 मुकदमे दर्ज हैं. आरोपी महिला का नाम मोनिका कपूर है, जिस पर चार जिलों की पुलिस ने 61,500 रुपए का इनाम घोषित किया था.
एसटीएफ ने बताया कि महिला के खिलाफ उत्तरकाशी में 16 करोड़, टिहरी- 1.25 करोड़, देहरादून -13 करोड़ और चमोली में 6 करोड़ रुपए के गबन करने का आरोप है. साथ ही कंपनी के कपिल देव राठी, पकंज गंभीर और अनिल रावत को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि अपराधी मोनिका कपूर जनशक्ति मल्टी स्टेट मल्टी परपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कंपनी की निदेशक थी. इसका मुख्यालय राठी बिल्डिंग प्लाट न. 231/18ए बीना एन्क्लेव नागलोई दिल्ली था. मोनिका कपूर ने अपने साथियों के साथ मिलकर कंपनी बनाई थी और साल 2015 से उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों व तहसीलों में बेरोजगार युवकों को कंपनी का प्रचार करने सहित युवाओं को जोड़ने और उनसे निवेश करने के लिए प्रेरित किया करती थी.
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आरोप है कि इस तरह लालच में आकर युवा कंपनी से जुड़े और उन्होंने बड़ा निवेश भी किया. आरोपी बचत खाते, आरडी, एफडी और दैनिक बचत खाते आदि अपने यहां खुलवाते थे. इसी तरह कंपनी ने लोगों का बड़ा निवेश अपने यहां करवाया है और जब काफी पैसा हो गया तो आरोपी साल 2021 में ऑफिस बंद करके फरार हो गए.