देहरादून: उत्तराखंड राज्य के पहले वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, काशीपुर इकाई का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल लोकार्पण किया. इसके साथ ही प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित लघु फिल्म को भी लॉन्च किया गया. दरअसल, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन भी किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली चुनौतियों के निस्तारण के संबंध में की जाने वाली चर्चा निश्चित रूप से राज्य में पर्यावरण के मानक व स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि आज हमारे घरों, उद्योगों, होटलों, रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठानों से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आधुनिक तकनीक से प्लास्टिक कचरे के रिसाइक्लिंग तकनीक को विकसित करने की दिशा में जागरुक और संवेदनशील बनने की आवश्यकता है. सिंगल यूज प्लास्टिक को हमारे जीवन की उपयोगिता से बाहर करने की दिशा में हम सबको सामूहिक रूप से अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्लास्टिक उत्पादन से संबंधित उद्योग/इकाई द्वारा ईपीआर रजिस्ट्रेशन के संबंध में उत्तर भारत में उत्तराखंड वर्तमान में अग्रणी है, जो निश्चित रूप से एक गौरव का विषय है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में किया जाने वाला मंथन निश्चित रूप से हमारे उद्यमियों और आम जनता को अपने प्रतिष्ठान, घर, शहर और गांव के साथ ही पूरे राज्य को स्वच्छ बनाने में सहयोग करेगा.
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सीएम ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें उत्तराखंड में वेस्ट टू वैल्थ और वेस्ट टू एनर्जी की दिशा में काम करने की ओर अग्रसर होना होगा. अब सर्कुलर इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट आ चुका है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कारगर साबित होगा. कचरे को सिर्फ कचरा न समझकर एक संसाधन के तौर पर देखने की आवश्यकता है. इससे आम लोगों को आजीविका के साथ-साथ रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे. आज देश में कई स्टार्टअप इस दिशा में नई तकनीक व उत्पाद के साथ सामने आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा तथा अन्य स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से प्लास्टिक हटाओ अभियान में तेजी आयी है. प्लास्टिक व अन्य प्रकार के वेस्ट मैनेजमेंट हेतु रिड्यूस, रियूज और रीसाइकिल के सिद्धांत को अपनाते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नीति, गाइडलाइंस व एसओपी बनाए गये हैं. यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करे तो आज पर्यावरण प्रदूषण की जो बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी है, उससे निपटा जा सकता है और धरती को एक बड़े खतरे से बचाया जा सकता है. पर्यावरण संरक्षण से संबंधित जीवनशैली व दिनचर्या को अपनाते हुए हम पूरे विश्व को यह संदेश दे सकते हैं कि हमारे प्रदेश व देश के नागरिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग व प्रतिबद्ध हैं.