देहरादूनः उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों के आश्रितों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है. हालांकि, आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है. अब मामला प्रवर समिति के पास है. इसी को लेकर राज्य आंदोलनकारी प्रवर समिति के अध्यक्ष बुधवार (25 अक्टूबर) को प्रेमचंद अग्रवाल से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों और प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तीखी बहसबाजी हुई. अब बहस का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. वहीं, जब इस मामले पर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने नो कमेंट्स कहकर बात को टाल दिया.
दरअसल, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने को लेकर बनी प्रवर समिति के कार्यकाल को 2 महीने आगे बढ़ा दिया गया है, जिसके चलते राज्य आंदोलनकारियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. इसी मामले को लेकर राज्य आंदोलनकारी प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन उस वक्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल अपने आवास पर मौजूद नहीं थे तो आंदोलनकारियों की उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. इस दौरान आंदोलनकारियों और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के स्टाफ के बीच बहस हो गई.
ये भी पढ़ेंः 23 साल से क्षैतिज आरक्षण की आस में राज्य आंदोलनकारी, कैबिनेट में मिल चुकी मंजूरी, यहां तक पहुंचा मामला
करीब एक घंटे इंतजार के बाद मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की आंदोलनकारी से मुलाकात हुई लेकिन ये मुलाकात कुछ देर में बहस में तब्दील हो गई. राज्य आंदोलनकारियों और मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच काफी तू-तू मैं-मैं हुई. कुछ देर चली बहसबाजी के बाद मंत्री और आंदोलनकारियों के बीच सामान्य बातचीत हो सकी. बातचीत के दौरान मंत्री से राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच लगातार 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर संघर्ष कर रहा है.
हालांकि, प्रवर समिति की बैठकें हो रही हैं बावजूद इसके कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है जिसके चलते आंदोलनकारियों में काफी नाराजगी है. राज्य आंदोलनकारियों ने प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से कहा कि अगले दो हफ्ते में बैठक बुलाने की पहल की जाए ताकि आंदोलनकारियों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो सके और उनको इसका लाभ मिल सके. राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि अगर इसमें ढिलाई बरती गई तो वो सीएम धामी के सामने अपना विरोध दर्ज कराएंगे.