देहरादूनः उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में वित्तीय अनियमितताओं के ऐसे कई मामले हैं. जो जांच के दायरे तक तो पहुंचे, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो पाई. हैरानी की बात ये है कि एक ही अधिकारी पर कई मामले भी सामने आए और इन पर जांच भी हुई. इसके बावजूद जांच कभी अंतिम फैसले तक नहीं पहुंच पाई. ऐसा ही एक मामला समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक कांति राम जोशी का भी है. जिन पर एक नहीं बल्कि कई मामलों में वित्तीय अनियमितता के आरोप रहे और मुकदमे भी दर्ज हुए. हैरानी की बात ये है कि जिस अधिकारी पर एक के बाद एक कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हों, उसे भी समय-समय पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाती रही.
बहरहाल, यह तो जांच का विषय है, लेकिन ताजा खबर ये है कि कांति राम जोशी को शासन में प्रमुख सचिव समाज कल्याण एल फैनई ने निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं. शासन की ये कार्रवाई किसी जांच की रिपोर्ट के आधार पर नहीं हुई है, बल्कि अपने विभाग के सहायक निदेशक के जेल जाने के बाद सरकारी सेवक नियमावली के तहत यह कार्रवाई की गई है. जिसमें 48 घंटे से ज्यादा अभिरक्षा में रहने वाले कर्मियों को निलंबित किए जाने का प्रावधान है. वैसे इस आदेश की चौंकाने वाली बात ये है कि आदेश में निलंबन की तारीख 10 फरवरी से रखी गई है.
खबर है कि सहायक निदेशक को टिहरी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 10 फरवरी को ही जेल भेज दिया था. इसके बावजूद शासन को 10 दिन बाद जाकर इसकी याद आई. वहीं, कांति राम जोशी पर टिहरी में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी करने समेत देहरादून में फर्नीचर खरीद को लेकर वित्तीय अनियमितता का भी आरोप रहा है. जिनमें मुकदमे दर्ज किए गए थे. फिलहाल, टिहरी में हुई वित्तीय नमिता के मामले में कोर्ट ने उन्हें जेल भेजा है. इतना ही नहीं कांति राम जोशी खिलाफ आय से अधिक मामले में विजिलेंस भी जांच कर रही है. उधर, सहायक निदेशक के जेल जाने के बाद उनकी जमानत को लेकर भी प्रयास हो चुका है, लेकिन कोर्ट उसे खारिज कर चुकी है.
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