देहरादून: उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए रोड कनेक्टिविटी एक बेहतर विकल्प है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए तमाम योजनाओं पर काम कर रही है. लेकिन साल 2023 में उत्तराखंड में हुए तमाम कार्यक्रमों के चलते प्रदेश के सड़कों की दशा सुधार गई. मुख्य रूप से प्रदेश के रामनगर से लेकर देहरादून तक की सभी सड़क व्यवस्थित की जा चुकी हैं. इसके अलावा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून शहर की तस्वीर भी बदल दी गई. इन तमाम आयोजनों के चलते देहरादून की सड़कों की स्थिति पहले से इतनी बेहतर कर दी गई है जो शायद ही सामान्य दिनों में होने की संभावना थी.
सड़कों का फैलाया जा रहा है जाल: प्रदेश में सड़कों का जाल फैलाने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में रोड सेफ्टी पर भी विशेष जोर दिया गया है. रोड सेफ्टी के लिहाज से साल 2023 भी काफी खास रहा. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रोड सेफ्टी संबंधी कामों के लिए करीब 500 करोड रुपए के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए बजट जारी कर दिया गया. जिसका काम शुरू हो गया है. इसके अलावा उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्गों को बेहतर करने का काम लंबे समय से चल रहा है. लेकिन इस साल यात्रा मार्गों पर विशेष फोकस किया गया. हालांकि उम्मीद की जा रही है कि चारधाम यात्रा मार्ग अगले 2 साल के भीतर पूरी तरह से व्यवस्थित कर दी जाएगी.
आपदा की वजह से सड़कों को हुआ था सैकड़ों करोड़ का नुकसान: साल 2023 में आई आपदाओं के चलते उत्तराखंड की सड़कों को काफी अधिक नुकसान पहुंचा था. सरकार के लिए ये एक बड़ी चुनौती अभी भी बनी हुई है. पिछले साल मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से सड़कों और पुलों को काफी नुकसान हुआ था. पीडब्ल्यूडी से मिली जानकारी के अनुसार पिछले मानसून सीजन के दौरान 2,970 सड़कें बंद हुई थीं. इनमें पीडब्ल्यूडी की 2,220, एनएच की 19 और पीएमजीएसवाई की 731 सड़कें शामिल थी. इनको व्यवस्थित करने के लिए अनुमानित 368 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है. इसके अलावा 83 पुल भी क्षतिग्रस्त हुए थे. इन पुलों को पुरानी स्थिति में लाने के लिए करीब 92 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत आने की संभावना है.
रोड सेफ्टी के लिए 500 करोड़ रुपए हुए हैं जारी: पिछले साल रोड सेफ्टी के लिए बड़ा बजट जारी किया गया था. हालांकि, करीब 750 करोड़ रुपए की दरकार थी. इसके सापेक्ष 500 करोड़ रुपए जारी किये गये थे. इससे प्रदेश के 12 जिलों के 95 मार्गों पर करीब 5655.84 किलोमीटर लंबी सड़कों पर रोड सेफ्टी फीचर्स के काम किए जा रहे हैं. रोड सेफ्टी के तहत क्रैश बैरियर लगाना, साइन बोर्ड लगाना, पैराफिट लगाना, कर्व को बेहतर करने समेत तमाम काम किए जा रहे हैं. रोड सेफ्टी के लिहाज से पौड़ी जिला काफी महत्वपूर्ण है. पौड़ी जिले में 10 मार्गों पर 1195.91 किलोमीटर सड़कों पर रोड सेफ्टी के काम होने हैं.
चारधाम यात्रा रूट का काम अगले दो साल में होगा पूरा: पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडे ने कहा कि इस साल पीडब्ल्यूडी की ओर से बहुत काम किए गए हैं. दरअसल, इस साल इंटरनेशनल लेवल के दो कार्यक्रम आयोजित किए गए. G-20 की तीन बैठकें रामनगर और नरेंद्र नगर में हुई थी. साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन देहरादून में किया गया. जिसके चलते देहरादून एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक सड़कें बेहतर की गईं. रामनगर के आसपास की सड़कों को बेहतर किया गया. साथ ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर पूरे देहरादून शहर की सड़कों को काफी अधिक बेहतर किया गया. यही नहीं, चारधाम यात्रा रूट को भी बेहतर किया गया जोकि अगले दो साल में पूरा कर लिया जाएगा.
मार्च 2024 तक रोड सेफ्टी का काम हो जायेगा पूरा: इसके अलावा, देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे सड़कों के कामों को भी पीडब्ल्यूडी ने टेकओवर कर पूरा किया है. कुल मिलाकर, इस साल 2023 में सड़कों के क्षेत्र में बेहतर काम किए गए हैं. इसके अलावा, इस साल रोड सेफ्टी के लिए भी बेहतर काम किए गए हैं. जिसके तहत इस साल रोड सेफ्टी के लिए करीब 500 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. जिसके तहत सभी पर्वतीय जिलों में जहां रोड सेफ्टी के काम किए जाने थे, उन पर काम शुरू हो चुका है. ऐसे में अधिकांश काम मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा, हालांकि कुछ काम थोड़े और समय के लिए आगे बढ़ सकते हैं.
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