देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की मुलाकात यूं तो शिष्टाचार भेंट थी, लेकिन हकीकत में इसे सल्ट चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल, भाजपा और कांग्रेस विधानसभा चुनाव 2022 से पहले की रणभूमि को तैयार कर चुकी है और अब उन सिपाहसालारों की तलाश की जा रही है, जो इस रणभूमि में उनकी तरफ से जंग का नेतृत्व करेंगे. इन्हीं प्रत्याशियों के चयन के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भी कर दी है.
उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की तरफ से जारी की गई, तारीखों में 23 मार्च को चुनाव का नोटिफिकेशन किया गया है, नॉमिनेशन के लिए 30 मार्च आखिरी तारीख रखी गई है. जबकि 17 अप्रैल को इस सीट पर मतदान होगा. 2 मई को चुनाव परिणाम घोषित होंगे. चुनाव को राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को शुरू कर दी है. कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए सीधे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ललकार कर इस सीट पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी के अनुसार कांग्रेस इस सीट पर पुरजोर तरीके से चुनाव लड़ने वाली है और आगामी चुनाव से पहले होने वाले सेमीफाइनल पर जीत दर्ज करा कर बेहतर शुरुआत करने वाली है.
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उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के लिए इन नामों पर विचार
- भाजपा की तरफ से स्वर्गीय विधायक सुरेंद्र जिला के भाई महेश जीना, दिनेश मेहरा, यशपाल रावत और प्रदीप रावत के नाम पर विचार किया जा रहा है.
- कांग्रेस की तरफ से फिलहाल जिन नामों पर चर्चा चल रही है. उसमें रणजीत सिंह रावत और विक्रम रावत, गंगा पंचोली का नाम शामिल है.
आम आदमी पार्टी भले ही विधानसभा चुनाव 2022 में दमखम के साथ चुनाव लड़ने और सत्ता में आने का दावा कर रही है, लेकिन सल्ट विधानसभा का उपचुनाव आम आदमी पार्टी लड़ने के मूड में नहीं है. इस तरह देखा जाए तो सीधे तौर पर राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सल्ट विधानसभा का उपचुनाव की टक्कर दिखाई देगी.
चुनाव के लिए किन-किन को बनाया गया पर्यवेक्षक
कांग्रेस ने सल्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए सहसपुर से ताल्लुक रखने वाले आयेंद्र शर्मा और उप नेता विधायक दल करण मेहरा को पर्यवेक्षक बनाकर प्रत्याशी के पैनल चयन की जिम्मेदारी दी है.
भाजपा की तरफ से पर्यवेक्षक के रुप में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और राज्य मंत्री धनसिंह समेत महामंत्री सुरेश भट्ट को जिम्मेदारी दी गयी है.
भाजपा की माने तो राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है और स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना कि इस सीट पर वे जल्द ही प्रत्याशी का चयन भी कर लेगी. पार्टी के प्रदेश महामंत्री विनोद सुयाल की माने तो पार्टी के सामने किसी भी दल का कोई मुकाबला नहीं है और इस सीट को भाजपा बड़ी आसानी से एकतरफा जीतने वाली है.