देहरादून: विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते उत्तराखंड राज्य में आपदा जैसे हालात बनना आम बात है. हालांकि, मॉनसून सीजन (Uttarakhand Monsoon Season) के दौरान प्रदेश में आपदा की स्थिति बद से बदतर हो जाती है. जिस दौरान राज्य सरकार की चुनौतियां और अधिक बढ़ जाती हैं. आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों के लिए हमेशा से ही हेलीकॉप्टर की दरकार रही है. यही वजह है कि उत्तराखंड पुलिस अपने विभाग के लिए हेलीकॉप्टर लिए जाने (uttarakhand police helicopter demand) को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजने जा रही है.
दरअसल, आपदा की स्थिति में हेलीकॉप्टर अहम भूमिका निभाता है. क्योंकि आपदा के समय राहत बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर एक बेहतर साधन होता है. जिसके माध्यम से ना सिर्फ क्विक रिस्पांस किया जाता है, बल्कि तमाम फंसे लोगों को निकालने के साथ ही राशन सामग्री पहुंचाने में भी काफी सहूलियत होती है. यही वजह है कि उत्तराखंड पुलिस को हेलीकॉप्टर की दरकार लग रही है, जिसको लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है.
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हालांकि, इससे पहले एसडीआरएफ भी खुद के पास हेलिकॉप्टर होने को लेकर उत्तराखंड सरकार के माध्यम से भारत सरकार को प्रस्ताव भेज चुकी है. वहीं डीआईजी पुलिस आधुनिकीकरण (DIG Police Modernization) सेंथिल अबुदई कृष्णराज ने बताया कि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही पुलिस विभाग को काफी हाईटेक किया गया है, लेकिन डिजास्टर जोन प्रदेश होने की वजह से क्विक रिस्पांस को लेकर हेलीकॉप्टर की आवश्यकता हमेशा से ही पड़ती रही है. हालांकि शासन से हेलीकॉप्टर उपलब्ध हो जाता है, लेकिन पुलिस विभाग के पास अपना एक हेलीकॉप्टर होना चाहिए. इस संबंध में अभी फिलहाल चर्चा चल रही है, लिहाजा निर्णय लेने के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.