देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस के साथ मिलकर कॉल सेंटर की आड़ में लोन की वापसी के लिए देशभर में लोगों से जबरन वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने मौके से करीब 1500 सिम और 2 सिम बॉक्स को जब्त किया है. इसके साथ ही पुलिस ने 10 टीम लीडर्स और कॉलर्स के खिलाफ 41क सीआरपीसी का लीगल नोटिस तामील करवाया. औरंगाबाद पुलिस ने कॉल सेंटर के सभी 150 कर्मचारियों को नोटिस दिया है. पुलिस के मुताबिक कंपनी का मालिक सैयद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था. सैयद जोहेब फरार है पुलिस ने कहा कि उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया जायेगा.
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि देहरादून के लूनिया मोहल्ला निकट कालिका मंदिर निवासी के साथ करीब 17 लाख रुपए की ऑनलाइन लोन एप के माध्यम से ठगी हुई थी, जिसका संज्ञान साइबर पुलिस ने लिया. प्रथम दृष्टया जांच में पाया कि भारत सरकार के NCRP पोर्टल पर भी फर्जी लोन एप के माध्यम से धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ितों की विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुईं. इन शिकायतों की जांच के बाद मुकदमा पंजीकृत कराया गया है.
मुकदमों की विवेचना के लिए विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें टीम द्वारा अनुमानित 75-80 फर्जी लोन एप को बंद कराने के लिए कार्रवाई की जा चुकी है. साथ ही फर्जी लोन के नाम पर SMS का प्रयोग कर लगभग 70 SMS HEADER को चिन्हित कर इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पूरे देश में इनको बंद करवाया गया.
मुकदमे में दिल्ली निवासी एक आरोपी अंकुर ढींगरा को उसके गुड़गांव स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया था कि वो 2019-20 में कुछ चीनी मूल के नागरिकों को औरंगाबाद ले गया था. इसी क्रम में विवेचना में यह बात सामने आई कि मोबाइल सेवा देने वाली बड़ी कंपनी के 77 नंबर की एक विशेष सीरीज से लोगों को लोन APPS के सन्दर्भ में पैसे वसूलने का काम भी किया जा रहा था.
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नंबरों को चेक करने पर पता चला कि एक साथ 32 सिम 4 अक्टूबर, 2022 को एक ही कंपनी यश इंटरप्राइजेज ने पोर्ट करके लिए थे और एक्टिवेट किये थे. मौके पर साइबर थाना देहरादून की टीम औरंगाबाद पुलिस (महाराष्ट्र) के साथ इस कॉल सेंटर पैठण गेट औरंगाबाद में रेड की. मौके पर एक कॉल सेंटर संचालित था, जहां लगभग 150 लोग पब्लिक से फोन से जबरन वसूली कर रहे थे.
इन कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी का मालिक सैयद जोहेब विभिन्न टीम लीडर्स के माध्यम से इनको काम देता था. इनको दो बड़ी मोबाइल कंपनियों से लाइसेंस प्राप्त हैं, लेकिन इसकी आड़ में भारत के विभिन्न लोगों को कॉल करके पैसे वसूलने का काम भी दिया गया था. मौके से सैयद जोहेब पहले से फरार था और उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया जायेगा.
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि साइबर अपराधी अब आम जनता को अपनी बातों में फंसाकर वाट्सअप के माध्यम से लोन एप का लिंक भेजकर ऐसे एप को डाउनलोड कराया जा रहा है.