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एक्शन में उत्तराखंड पुलिस, दो जमातियों पर गैर इरादन हत्या का मुकदमा दर्ज

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Published : Apr 7, 2020, 4:05 PM IST

Updated : Apr 7, 2020, 7:02 PM IST

देहरादून पुलिस ने दो तब्लीगी जमातियों को सर्विलांस के जरिए ढूंढा और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-307 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा दर्ज कराया है.

uttarakhand police
एक्शन में उत्तराखंड पुलिस.

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामले राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. उत्तराखंड सरकार कोरोना वायरस को मात देने के लिए संघर्ष कर रही है. जमातियों द्वारा लगातार अपनी जानकारी छुपाने और डीजीपी की चेतावनी के बाद महज 24 घंटों में 180 जमातियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. पुलिस की चेतावनी से देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर में छिपे जमातियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर कानून अशोक कुमार के मुताबिक देहरादून पुलिस ने चेतावनी को अनसुना करने पर दो तब्लीगी जमातियों को सर्विलांस के जरिए ढूंढा और उनपर आईपीसी की धारा-307 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा दर्ज कराया है. इससे पहले उत्तराखंड में चोरी-छिपे से आने वाले 41 तब्लीगी जमातियों पर पुलिस नेशनल डिजास्टर एक्ट और धारा-188 के तहत मुकदमा दर्ज कर चुकी है. साथ ही हरिद्वार के लक्सर में रहने वाले चार ऐसे लोगों पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, जिन्होंने अपने घरों में तब्लीगी जमातियों को शरण दी थी.

एक्शन में उत्तराखंड पुलिस.

ये भी पढ़ें: सोशल मीडिया पर पोस्ट करना पड़ा भारी, थराली पुलिस ने युवक को गिरफ्तार किया

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी मुकदमा

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग तरह से अफवाह फैलाने वाले 44 लोगों को पुलिस ने चिन्हित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक अब तक 899 जमातियों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटाइन किया जा चुका है. इसके अलावा उत्तराखंड में अभी तक कुल 971 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.

लॉकडाउन के दौरान पुलिस के सामने कई चुनौतीपूर्ण काम

डीजी लॉ एंड ऑर्डर कानून अशोक कुमार के मुताबिक कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान गरीब, असहाय और मजदूरों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर सड़कों पर लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी, जिसे हमने स्वीकार किया और सफलता प्राप्त की. तब्लीगी जमातियों को प्रदेश में खोजना भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही. 899 तब्लीगी जमातियों को ढूंढ कर उन्हें क्वॉरंटाइन किया जा चुका है. बाकी छिपे जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी ढूंढा जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामले राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. उत्तराखंड सरकार कोरोना वायरस को मात देने के लिए संघर्ष कर रही है. जमातियों द्वारा लगातार अपनी जानकारी छुपाने और डीजीपी की चेतावनी के बाद महज 24 घंटों में 180 जमातियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया. पुलिस की चेतावनी से देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर में छिपे जमातियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर कानून अशोक कुमार के मुताबिक देहरादून पुलिस ने चेतावनी को अनसुना करने पर दो तब्लीगी जमातियों को सर्विलांस के जरिए ढूंढा और उनपर आईपीसी की धारा-307 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा दर्ज कराया है. इससे पहले उत्तराखंड में चोरी-छिपे से आने वाले 41 तब्लीगी जमातियों पर पुलिस नेशनल डिजास्टर एक्ट और धारा-188 के तहत मुकदमा दर्ज कर चुकी है. साथ ही हरिद्वार के लक्सर में रहने वाले चार ऐसे लोगों पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, जिन्होंने अपने घरों में तब्लीगी जमातियों को शरण दी थी.

एक्शन में उत्तराखंड पुलिस.

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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी मुकदमा

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग तरह से अफवाह फैलाने वाले 44 लोगों को पुलिस ने चिन्हित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक अब तक 899 जमातियों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटाइन किया जा चुका है. इसके अलावा उत्तराखंड में अभी तक कुल 971 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.

लॉकडाउन के दौरान पुलिस के सामने कई चुनौतीपूर्ण काम

डीजी लॉ एंड ऑर्डर कानून अशोक कुमार के मुताबिक कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान गरीब, असहाय और मजदूरों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर सड़कों पर लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी, जिसे हमने स्वीकार किया और सफलता प्राप्त की. तब्लीगी जमातियों को प्रदेश में खोजना भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही. 899 तब्लीगी जमातियों को ढूंढ कर उन्हें क्वॉरंटाइन किया जा चुका है. बाकी छिपे जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी ढूंढा जा रहा है.

Last Updated : Apr 7, 2020, 7:02 PM IST
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