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मैदानी जनपदों में फल-फूल रहा नशे का कारोबार, ऑपरेशन सत्य के तहत कसा जा रहा शिकंजा - Operation Satya

उत्तराखंड पुलिस की ओर से ऑपरेशन सत्य चलाया जा रहा है. जिसके तहत पुलिस नशे के आदी युवाओं को रेस्क्यू कर काउंसिलिंग करवाते हैं.

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फल-फूल रहा नशे का कारोबार
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Published : Jan 22, 2021, 1:55 PM IST

देहरादून: अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता और शांत वादियों के लिए जाना जाने वाला पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड इन दिनों नशा के कारोबार का हब बनता जा रहा है. देवभूमि में नशे के सौदागर धड़ल्ले से युवकों को अपनी जाल में फांस रहे हैं. वहीं, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ साथ पुलिस महकमा प्रदेश में लगातार नशे के कारोबार पर ब्रेक लगाने के प्रयासों में जुटा हुआ है.

सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि राजधानी देहरादून में पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और हिमाचल से नशा पहुंचाया जा रहा है. जिसके चलते राजधानी में स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं के साथ ही बस्तियों में रहने वाले बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं.

फल-फूल रहा नशे का कारोबार

मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में पहाड़ी जनपदों की तुलना में मैदानी जनपदों में नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. इसमें विशेषकर देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपद का नाम शामिल है. ऐसे में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उन लोगों को हिरासत में लेने की जरूरत है, जो लोग नशे को युवाओं तक पहुंचाने के काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: कोरोना टेस्ट के लिए अब देने होंगे और कम पैसे, सरकार ने घटाए दाम

देहरादून में फल-फूल रहे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस महकमा की ओर से ऑपरेशन सत्य चलाया जा रहा है. जिसके तहत पुलिस नशे के आदी युवाओं को रेस्क्यू कर काउंसिलिंग करवा रही है, ताकि उन्हें नशे की लत से बाहर निकाला जाता है. वहीं दूसरी तरफ नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वाले सौदागरों को एनडीपीसी एक्ट 1985 (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसस एक्ट) के तहत गिरफ्तार भी किया जा रहा है.

ऑपरेशन सत्य के नोडल अधिकारी और एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने बताया कि ऑपेरशन सत्य के तहत अब तक नशे की लत से पीड़ित 894 लोगों को थाना स्तर पर रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं, इनमें से 788 नशे से पीड़ित व्यक्तियों को थाना स्तर पर काउंसिलिंग कर नशे के जंजाल से बाहर निकालने का प्रयास भी किया गया है.

दूसरी तरफ ऑपरेशन सत्य के तहत एनडीपीसी एक्ट में 217 से ज्यादा अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. इन लोगों के पास से कई तरह के मादक पदार्थ बरामद हुए हैं, इसमें चरस, गांजा, अफीम, नशे के कैप्सूल और नशे की गोलियां शामिल हैं. इस तरह अब तक एक करोड़ रुपए से ज्यादा के नशीले पदार्थ पुलिस द्वारा जब्त कर नष्ट किए जा चुके हैं.

बरामद पदार्थ मात्रा अनुमानित कीमत (रुपए)

मादक पदार्थवजन (किलो ग्राम)कीमत
स्मैक1469.97 ग्राम1.46 करोड़
चरस20.531 किग्रा20.53 लाख
गांजा78.217 किग्रा78 हजार
अफीम6.835 किग्रा1.37 लाख
नशीली कैप्सूल45566 कैप्सूल45 हजार
नशीली गोलियां829 गोली4,145
कुल कीमत-------1,70,16,822 रुपए

देहरादून: अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता और शांत वादियों के लिए जाना जाने वाला पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड इन दिनों नशा के कारोबार का हब बनता जा रहा है. देवभूमि में नशे के सौदागर धड़ल्ले से युवकों को अपनी जाल में फांस रहे हैं. वहीं, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ साथ पुलिस महकमा प्रदेश में लगातार नशे के कारोबार पर ब्रेक लगाने के प्रयासों में जुटा हुआ है.

सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि राजधानी देहरादून में पड़ोसी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और हिमाचल से नशा पहुंचाया जा रहा है. जिसके चलते राजधानी में स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वाले युवाओं के साथ ही बस्तियों में रहने वाले बच्चे भी नशे के आदी होते जा रहे हैं.

फल-फूल रहा नशे का कारोबार

मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया कि प्रदेश में पहाड़ी जनपदों की तुलना में मैदानी जनपदों में नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. इसमें विशेषकर देहरादून, हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपद का नाम शामिल है. ऐसे में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उन लोगों को हिरासत में लेने की जरूरत है, जो लोग नशे को युवाओं तक पहुंचाने के काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: कोरोना टेस्ट के लिए अब देने होंगे और कम पैसे, सरकार ने घटाए दाम

देहरादून में फल-फूल रहे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पुलिस महकमा की ओर से ऑपरेशन सत्य चलाया जा रहा है. जिसके तहत पुलिस नशे के आदी युवाओं को रेस्क्यू कर काउंसिलिंग करवा रही है, ताकि उन्हें नशे की लत से बाहर निकाला जाता है. वहीं दूसरी तरफ नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वाले सौदागरों को एनडीपीसी एक्ट 1985 (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसस एक्ट) के तहत गिरफ्तार भी किया जा रहा है.

ऑपरेशन सत्य के नोडल अधिकारी और एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने बताया कि ऑपेरशन सत्य के तहत अब तक नशे की लत से पीड़ित 894 लोगों को थाना स्तर पर रेस्क्यू किया जा चुका है. वहीं, इनमें से 788 नशे से पीड़ित व्यक्तियों को थाना स्तर पर काउंसिलिंग कर नशे के जंजाल से बाहर निकालने का प्रयास भी किया गया है.

दूसरी तरफ ऑपरेशन सत्य के तहत एनडीपीसी एक्ट में 217 से ज्यादा अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. इन लोगों के पास से कई तरह के मादक पदार्थ बरामद हुए हैं, इसमें चरस, गांजा, अफीम, नशे के कैप्सूल और नशे की गोलियां शामिल हैं. इस तरह अब तक एक करोड़ रुपए से ज्यादा के नशीले पदार्थ पुलिस द्वारा जब्त कर नष्ट किए जा चुके हैं.

बरामद पदार्थ मात्रा अनुमानित कीमत (रुपए)

मादक पदार्थवजन (किलो ग्राम)कीमत
स्मैक1469.97 ग्राम1.46 करोड़
चरस20.531 किग्रा20.53 लाख
गांजा78.217 किग्रा78 हजार
अफीम6.835 किग्रा1.37 लाख
नशीली कैप्सूल45566 कैप्सूल45 हजार
नशीली गोलियां829 गोली4,145
कुल कीमत-------1,70,16,822 रुपए
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