देहरादून: पृथक राज्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष स्वर्गीय रंजीत सिंह वर्मा की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर नरेंद्र नगर विधानसभा के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने कचहरी शहीद स्मारक पहुंचकर स्वर्गीय रंजीत सिंह वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान ओम गोपाल रावत ने कहा कि आज भी राज्य आंदोलनकारियों के सपने पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा जब तक उत्तराखंड की सोच के लोग विधानसभा और लोकसभा में नहीं पहुंचेंगे, तब तक शहीदों के सपने साकार नहीं हो पाएंगे.
पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने कहा कि खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर कांड के तमाम आंदोलनकारियों ने जो सपने देखे थे वह आज भी पूरे नहीं हुए हैं. आज भी प्रदेश में राज्य आंदोलनकारी के सपने पूरे होने की उम्मीद बाकी है. उन्होंने कहा उत्तराखंड में कई सरकारें आई और चली गई, भविष्य में भी सरकारी आएंगी और चली जाएंगी, मगर जब तक उत्तराखंड की सोच के लोग विधानसभा और लोकसभा में नहीं पहुंचेंगे तब तक उन्हें नहीं लगता कि प्रदेश के शहीदों के सपने साकार हो पाएंगे.
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बता दें कि स्वर्गीय रंजीत सिंह वर्मा अविभाजित उत्तर प्रदेश की मसूरी सीट से दो बार विधायक भी रहे. रंजीत सिंह वर्मा 42 साल की उम्र में वर्ष 1977 में पहली बार मसूरी सीट पर जनता पार्टी के विधायक चुने गए. उस समय अविभाजित उत्तर प्रदेश में मसूरी विधानसभा क्षेत्र का दायरा कौलागढ़, डोईवाला, रायपुर व थानों से लेकर ऋषिकेश तक फैला था. इसके बाद वर्ष 1989 में वह इसी सीट से निर्दलीय विधायक रहे. उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर राज्य आंदोलनकारियों ने उन्हें याद किया. इस दौरान शहीद स्मारक पर स्वर्गीय रंजीत सिंह वर्मा के जीवन पर आधारित एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर राज्य आंदोलनकारियों की तरफ से एक रक्तदान शिविर भी लगाया गया.