देहरादून: राजस्थान में सचिन पायलट के बगावती तेवरों के बाद सियासी पारा चरम पर है. जयपुर से दिल्ली तक अटकलों का बाजार गर्म है. बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने अपने समर्थन में 100 से ज्यादा विधायकों को खड़ा कर एक बार खुद को सीनियर साबित कर दिया है. राजस्थान में खड़े इस सियासी बंवडर से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड के कांग्रेसी नेता को राजस्थान के रण में उतारा है. राहुल गांधी के करीबी और मंगलौर से विधायक काजी निजामुद्दीन आलाकमान के आदेश के बाद कल ही जयपुर पहुंचकर राजनीति के बिसात बिछाने में जुट गये थे.
बता दें काजी निजामुद्दीन राजस्थान में कांग्रेस के सह प्रभारी हैं. राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान को लेकर ईटीवी भारत ने काजी निजामुद्दीन से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार पर कोई भी संकट नहीं है. उन्होंने बड़े ही आत्मविश्वास से कहा जो लोग संकट की बात कर रहे हैं वह खुद अब संकट में आ गए हैं.
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सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से तीन बसों में सवार होकर विधायकों को लेकर निकले काफिले की जिम्मेदारी सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन को ही दी गई. इस पूरे काफिले की अगुवाई करते हुए काजी निजामुद्दीन सभी विधायकों को गेस्ट हाउस लेकर गए. जहां पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ विधायकों की न केवल बैठक होगी, अगर जरूरत पड़ी तो सत्ता का शक्ति प्रदर्शन भी करवाया जाएगा. काजी निजामुद्दीन ने बताया कि कल ही आलाकमान ने उन्हें जयपुर रवाना होने के लिए कहा था. जिसके बाद वे बिना देर किये जयपुर पहुंचे.
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काजी ने कहा वैसे तो वह ज्यादा कुछ बताने के लिए अधिकृत नहीं है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी रणदीप सुरजेवाला को दी गई है. फिर भी वह इतना जरूर कहेंगे कि कांग्रेस को राजस्थान में किसी भी तरह का कोई भी खतरा नहीं है. उन्होंने कहा अशोक गहलोत अपने 5 साल पूरे करेंगे. जो भी लोग राजस्थान में कांग्रेस को कमजोर करने का षडयंत्र रच रहे हैं वह अब खुद ही संकट में आ गये हैं.