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देवभूमि में छाया होली का खुमार, कुमाऊंनी गीतों पर जमकर थिरकीं रेखा आर्य

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Published : Mar 26, 2021, 7:03 PM IST

कुमाऊं में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाए जाने वाले खड़ी होली के रंगों में राज्यमंत्री रेखा आर्य भी डूबी नजर आईं. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर पारंपरिक तरीके से खड़ी होली मनाई. साथ ही आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया. इस दौरान रेखा आर्य भी वाद्य यंत्रों और ढोल की थाप पर लोकगीत गाते हुए नजर आईं.

रेखा आर्य पर भी छाया खड़ी होली का रंग
रेखा आर्य पर भी छाया खड़ी होली का रंग

देहरादून: होली में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में लोगों पर अभी से होली का खुमार छाने लगा है, प्रदेश में कई जगहों पर लोग बैठकी होली के बाद अब खड़ी होली के रंग में सराबोर हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के विवाह के जश्न और खुशी में उत्तराखंड के कुमाऊं में 1 माह तक खड़ी होल्यार(होली) खेली जाती है. होल्यार में लोग पारंपरिक वेशभूषा के साथ वाद्य यंत्र और ढोल बाजों की धुन पर कुमाऊंनी लोकगीत गाते और होली खेलते नजर आते हैं.

देवभूमि में छाया होली का खुमार.

कुमाऊं की लोक संस्कृति का वर्णन

लोक कलाकारों के मुताबिक खड़ी होली के रंग में कुमाऊं की लोक संस्कृति का भी वर्णन भी आता है. कुमाऊं में लोकगीत गाकर एक माह तक पारंपरिक रीति रिवाज से होली मनाई जाती है. ईटीवी भारत में कुमाऊं की खड़ी होली होल्यार से खास बातचीत की.

गणेश वंदना से शुरू होती है खड़ी होल्यार

होल्यार बबीता ने बताया कि भगवान शिव के विवाह अवसर की खुशी में मनाई जाने वाली खड़ी होली की शुरुआत गणेश वंदना से की जाती है. इसके बाद कुमाऊंनी लोक गीतों गाकर होल्यार घर-घर और गांव-गांव जाकर खड़ी होली खेलते हैं और आपसी भाईचारा का संदेश देते हैं.

कोरोना महामारी के बावजूद होल्यारों में उत्साह

होल्यार बबीता ने कहा कि भले ही इन दिनों कोरोना संक्रमण महामारी के चलते त्योहार मनाने में बाधाएं आ रही है, लेकिन उसके बावजूद सदियों से चली आ रही होल्यार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल पर मदन कौशिक ने मानी गलती, संगठन उठाएगा दोनों यात्राओं का खर्च

रेखा आर्य ने पारंपरिक रीति रिवाज से खेली खड़ी होली

कुमाऊं में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाए जाने वाले खड़ी होली का रंग महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य पर देखने को मिला. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर पारंपरिक तरीके से खड़ी होली मनाई. साथ ही आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया. इस दौरान रेखा आर्य भी वाद्य यंत्रों और ढोल की थाप पर लोकगीत गाते हुए नजर आईं. ईटीवी भारत ने इस मौके पर राज्य मंत्री रेखा आर्य से खास बातचीत की.

शिव बारात लौटने की खुशी में मनाई जाती है खड़ी होली

कुमाऊं खड़ी होली लोकमंच कलाकारों ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव विवाह के बाद जब बारात वापस लौटती है, उसी समय से खड़ी होली मनाई जाती है. वैसे तो शिवरात्रि के दिन से ही कुमाऊंनी खड़ी होली शुरू हो जाती है, लेकिन घर-घर और गांव-गांव जाकर एकादशी यानी होली के 6 दिन पहले से होली के दिन धुलंडी तक कुमाऊंनी होली धूमधाम से मनायी जाती है. खड़ी होली यानी खड़े होकर गीत गाते और वाद्य यंत्र बजाकर होली का त्योहार मनाया जाता है.

सफेद और लाल रंग की पोशाक का विशेष संदेश

ईटीवी से बातचीत करते हुए कुमाऊंनी होली मंच की कलाकार बबीता ने बताया कि खड़ी होली के दिन सभी कलाकार सफेद रंग की पोशाक पहनते हैं, जो शांति संदेश का प्रतीक होता है. वहीं, लाल रंग खुशियों का प्रतीक होता है. कुमाऊंनी होली मंच के वरिष्ठ कलाकार श्रीकांत पांडे ने कहा कि शिवरात्रि के दिन ही कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र पर सफेद और लाल रंग का झंडा लगाया जाता है. सफेद शांति का प्रतीक और लाल भगवान शिव विवाह उपरांत दुल्हन को घर लाने की खुशियों का प्रतीक होता है. इसीलिए कुमाऊं में लोग सफेद और लाल पोशाक पहनकर रीति रिवाज के साथ आपसी भाईचारे का संदेश देते हुए खड़ी होली मनाते हैं.

देहरादून: होली में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं. ऐसे में लोगों पर अभी से होली का खुमार छाने लगा है, प्रदेश में कई जगहों पर लोग बैठकी होली के बाद अब खड़ी होली के रंग में सराबोर हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के विवाह के जश्न और खुशी में उत्तराखंड के कुमाऊं में 1 माह तक खड़ी होल्यार(होली) खेली जाती है. होल्यार में लोग पारंपरिक वेशभूषा के साथ वाद्य यंत्र और ढोल बाजों की धुन पर कुमाऊंनी लोकगीत गाते और होली खेलते नजर आते हैं.

देवभूमि में छाया होली का खुमार.

कुमाऊं की लोक संस्कृति का वर्णन

लोक कलाकारों के मुताबिक खड़ी होली के रंग में कुमाऊं की लोक संस्कृति का भी वर्णन भी आता है. कुमाऊं में लोकगीत गाकर एक माह तक पारंपरिक रीति रिवाज से होली मनाई जाती है. ईटीवी भारत में कुमाऊं की खड़ी होली होल्यार से खास बातचीत की.

गणेश वंदना से शुरू होती है खड़ी होल्यार

होल्यार बबीता ने बताया कि भगवान शिव के विवाह अवसर की खुशी में मनाई जाने वाली खड़ी होली की शुरुआत गणेश वंदना से की जाती है. इसके बाद कुमाऊंनी लोक गीतों गाकर होल्यार घर-घर और गांव-गांव जाकर खड़ी होली खेलते हैं और आपसी भाईचारा का संदेश देते हैं.

कोरोना महामारी के बावजूद होल्यारों में उत्साह

होल्यार बबीता ने कहा कि भले ही इन दिनों कोरोना संक्रमण महामारी के चलते त्योहार मनाने में बाधाएं आ रही है, लेकिन उसके बावजूद सदियों से चली आ रही होल्यार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.

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रेखा आर्य ने पारंपरिक रीति रिवाज से खेली खड़ी होली

कुमाऊं में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मनाए जाने वाले खड़ी होली का रंग महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य पर देखने को मिला. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर पारंपरिक तरीके से खड़ी होली मनाई. साथ ही आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया. इस दौरान रेखा आर्य भी वाद्य यंत्रों और ढोल की थाप पर लोकगीत गाते हुए नजर आईं. ईटीवी भारत ने इस मौके पर राज्य मंत्री रेखा आर्य से खास बातचीत की.

शिव बारात लौटने की खुशी में मनाई जाती है खड़ी होली

कुमाऊं खड़ी होली लोकमंच कलाकारों ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव विवाह के बाद जब बारात वापस लौटती है, उसी समय से खड़ी होली मनाई जाती है. वैसे तो शिवरात्रि के दिन से ही कुमाऊंनी खड़ी होली शुरू हो जाती है, लेकिन घर-घर और गांव-गांव जाकर एकादशी यानी होली के 6 दिन पहले से होली के दिन धुलंडी तक कुमाऊंनी होली धूमधाम से मनायी जाती है. खड़ी होली यानी खड़े होकर गीत गाते और वाद्य यंत्र बजाकर होली का त्योहार मनाया जाता है.

सफेद और लाल रंग की पोशाक का विशेष संदेश

ईटीवी से बातचीत करते हुए कुमाऊंनी होली मंच की कलाकार बबीता ने बताया कि खड़ी होली के दिन सभी कलाकार सफेद रंग की पोशाक पहनते हैं, जो शांति संदेश का प्रतीक होता है. वहीं, लाल रंग खुशियों का प्रतीक होता है. कुमाऊंनी होली मंच के वरिष्ठ कलाकार श्रीकांत पांडे ने कहा कि शिवरात्रि के दिन ही कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र पर सफेद और लाल रंग का झंडा लगाया जाता है. सफेद शांति का प्रतीक और लाल भगवान शिव विवाह उपरांत दुल्हन को घर लाने की खुशियों का प्रतीक होता है. इसीलिए कुमाऊं में लोग सफेद और लाल पोशाक पहनकर रीति रिवाज के साथ आपसी भाईचारे का संदेश देते हुए खड़ी होली मनाते हैं.

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