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UKD की नई केंद्रीय कार्यकारिणी का हुआ ऐलान, चार कार्यकारी अध्यक्ष घोषित

उत्तराखंड क्रांति दल (Uttarakhand Kranti Dal) ने नई कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया है. नई कार्यकारिणी में युवाओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं.

Uttarakhand Kranti Dal
उत्तराखंड क्रांति दल
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Published : Sep 8, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 4:26 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड क्रांति दल (Uttarakhand Kranti Dal) यानी यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने नई केंद्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है. काशी सिंह ऐरी ने नई कार्यकारिणी का ऐलान किया है. जिसमें खासकर युवाओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है. जबकि, 16 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सलाहकार समिति की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, 4 केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए गए.

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट (Former cabinet minister Diwakar Bhatt), त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बीड़ी रतूड़ी, नारायण सिंह जंतवाल, पुष्पेश त्रिपाठी और दीवान सिंह बिष्ट को संरक्षक बनाया गया है. साथ ही 16 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सलाहकार समिति की जिम्मेदारी दी गयी है. इस अलावा 4 केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए गए. साथ ही 12 केंद्रीय उपाध्यक्ष और 9 लोगों को केंद्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी (UKD Formed Executive Team) दी गई है.
ये भी पढ़ेंः दो चुनावों में रसातल पर पहुंचा एक मात्र क्षेत्रीय दल, UKD को जनता ने सिरे से नकारा

वहीं, तेज सिंह कार्की को केंद्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया. साथ ही 8 केंद्रीय सचिव, 7 केंद्रीय संगठन मंत्री, 7 केंद्रीय प्रचार सचिव, 7 केंद्रीय संयुक्त सचिव बनाए गए हैं. शांति प्रसाद भट्ट को केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता और 5 लोगों को प्रवक्ता बनाया गया है. साथ ही शिव प्रसाद सेमवाल (Shiv Prasad Semwal) और मोहित डिमरी को मीडिया प्रभारी बनाया गया है.

विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी यूकेडीः उत्तराखंड का एक मात्र क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) लगातार दो विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly election) में एक भी सीट नहीं जीत पाया है. ऐसे में पिछले 10 सालों में यूकेडी रसातल में पहुंच गई है और प्रदेश से अपनी पकड़ खोती जा रही है.

42 सालों से राजनीति के अखाड़े में ताल ठोकती यूकेडी अपना अस्तित्व बचाए रखने में भी नाकाम साबित हुई है. यही वजह है कि साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों यूकेडी का एक भी विधायक (MLA) चुनकर विधानसभा तक नहीं पहुंचा पाया. लिहाजा, पार्टी नेताओं ने इस जनादेश को स्वीकार किया है.

उत्तराखंड में यूकेडी का राजनीतिक रूप से अस्तित्व खतरे में है. इसके पीछे पार्टी नेताओं की गलतियों को ही मुख्य वजह माना जाता है. राज्य आंदोलन से निकले क्षेत्रीय दल में वित्तीय रूप से गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद पार्टी ने तो बड़ा कदम उठाया है, लेकिन आम जनता भी पार्टी के भीतर चल रही इसी तरह की निजी हित की राजनीति के कारण यूकेडी से दूर हो रही है. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में यूकेडी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.
ये भी पढ़ेंः यूकेडी में चंदे के नाम पर अवैध वसूली होगी बंद, सदस्यता अभियान के तहत नकदी पर भी रोक

देहरादूनः उत्तराखंड क्रांति दल (Uttarakhand Kranti Dal) यानी यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने नई केंद्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है. काशी सिंह ऐरी ने नई कार्यकारिणी का ऐलान किया है. जिसमें खासकर युवाओं को अहम जिम्मेदारी दी गई है. जबकि, 16 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सलाहकार समिति की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, 4 केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए गए.

पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट (Former cabinet minister Diwakar Bhatt), त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बीड़ी रतूड़ी, नारायण सिंह जंतवाल, पुष्पेश त्रिपाठी और दीवान सिंह बिष्ट को संरक्षक बनाया गया है. साथ ही 16 वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सलाहकार समिति की जिम्मेदारी दी गयी है. इस अलावा 4 केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किए गए. साथ ही 12 केंद्रीय उपाध्यक्ष और 9 लोगों को केंद्रीय महामंत्री की जिम्मेदारी (UKD Formed Executive Team) दी गई है.
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वहीं, तेज सिंह कार्की को केंद्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया. साथ ही 8 केंद्रीय सचिव, 7 केंद्रीय संगठन मंत्री, 7 केंद्रीय प्रचार सचिव, 7 केंद्रीय संयुक्त सचिव बनाए गए हैं. शांति प्रसाद भट्ट को केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता और 5 लोगों को प्रवक्ता बनाया गया है. साथ ही शिव प्रसाद सेमवाल (Shiv Prasad Semwal) और मोहित डिमरी को मीडिया प्रभारी बनाया गया है.

विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारी थी यूकेडीः उत्तराखंड का एक मात्र क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) लगातार दो विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly election) में एक भी सीट नहीं जीत पाया है. ऐसे में पिछले 10 सालों में यूकेडी रसातल में पहुंच गई है और प्रदेश से अपनी पकड़ खोती जा रही है.

42 सालों से राजनीति के अखाड़े में ताल ठोकती यूकेडी अपना अस्तित्व बचाए रखने में भी नाकाम साबित हुई है. यही वजह है कि साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों यूकेडी का एक भी विधायक (MLA) चुनकर विधानसभा तक नहीं पहुंचा पाया. लिहाजा, पार्टी नेताओं ने इस जनादेश को स्वीकार किया है.

उत्तराखंड में यूकेडी का राजनीतिक रूप से अस्तित्व खतरे में है. इसके पीछे पार्टी नेताओं की गलतियों को ही मुख्य वजह माना जाता है. राज्य आंदोलन से निकले क्षेत्रीय दल में वित्तीय रूप से गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद पार्टी ने तो बड़ा कदम उठाया है, लेकिन आम जनता भी पार्टी के भीतर चल रही इसी तरह की निजी हित की राजनीति के कारण यूकेडी से दूर हो रही है. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में यूकेडी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी.
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Last Updated : Sep 8, 2022, 4:26 PM IST
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