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निवास प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा, यूकेडी ने प्रदेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड क्रांति दल के नेता ने अधिकारियों पर फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक व्यक्ति का उदाहरण देते हुए, फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जल्द कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.

Dehradun
निवास प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा
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Published : Apr 23, 2021, 5:39 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रदेश सरकार पर राज्य के बेरोजगारों का हक छीनने का आरोप लगाया है. उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल का आरोप है कि कुछ लोग फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर रोजगार हासिल कर रहे हैं. ऐसे में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में लिप्त अधिकारियों और बनवाने वाले लोगों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि ब्लू रिवॉल्यूशन योजना के तहत शिवांकु कुमार नाम के व्यक्ति ने मोबाइल फिश आउटलेट हासिल किया है. ये व्यक्ति उत्तर प्रदेश के रहने वाला है. उसने साल 2015 में यूपी का निवास प्रमाण पत्र हासिल किया. वहीं, साल 2016 में उसने उत्तराखंड सरकार से भी स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया, जिन दस्तावेजों के आधार पर व्यक्ति नौकरी कर रहा है उनके अनुसार वह उत्तर प्रदेश का निवासी है.

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उसने आवेदन करते समय साल 2014 से साल 2017 तक उत्तर प्रदेश के गोंडा के गणपति एंटरप्राइजेज में कार्य करने का अनुभव हासिल करने का प्रमाण पत्र भी लगाया है. ऐसे में जब यह व्यक्ति साल 2014 से साल 2017 तक यूपी के संस्थान में कार्यरत था, तो फिर उसे साल 2016 में उत्तराखंड सरकार का स्थाई निवास प्रमाण पत्र कैसे मिल गया?

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वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल के नेता का कहना है कि फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल फिश आउटलेट आवंटित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. इससे प्रदेश के बेरोजगारों के हाथ से रोजगार छिन जाता है. उनका कहना है कि अगर इस मामले में 1 हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उक्रांद बेरोजगारों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगा.

देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल ने प्रदेश सरकार पर राज्य के बेरोजगारों का हक छीनने का आरोप लगाया है. उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल का आरोप है कि कुछ लोग फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर रोजगार हासिल कर रहे हैं. ऐसे में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में लिप्त अधिकारियों और बनवाने वाले लोगों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.

उक्रांद नेता शिव प्रसाद सेमवाल का कहना है कि ब्लू रिवॉल्यूशन योजना के तहत शिवांकु कुमार नाम के व्यक्ति ने मोबाइल फिश आउटलेट हासिल किया है. ये व्यक्ति उत्तर प्रदेश के रहने वाला है. उसने साल 2015 में यूपी का निवास प्रमाण पत्र हासिल किया. वहीं, साल 2016 में उसने उत्तराखंड सरकार से भी स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया, जिन दस्तावेजों के आधार पर व्यक्ति नौकरी कर रहा है उनके अनुसार वह उत्तर प्रदेश का निवासी है.

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उसने आवेदन करते समय साल 2014 से साल 2017 तक उत्तर प्रदेश के गोंडा के गणपति एंटरप्राइजेज में कार्य करने का अनुभव हासिल करने का प्रमाण पत्र भी लगाया है. ऐसे में जब यह व्यक्ति साल 2014 से साल 2017 तक यूपी के संस्थान में कार्यरत था, तो फिर उसे साल 2016 में उत्तराखंड सरकार का स्थाई निवास प्रमाण पत्र कैसे मिल गया?

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वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल के नेता का कहना है कि फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल फिश आउटलेट आवंटित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. इससे प्रदेश के बेरोजगारों के हाथ से रोजगार छिन जाता है. उनका कहना है कि अगर इस मामले में 1 हफ्ते के भीतर कार्रवाई नहीं की जाती है तो उक्रांद बेरोजगारों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन करेगा.

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