देहरादून: प्रदेश के उद्योग मंत्री चंदन रामदास ने उद्योग विभाग की समीक्षा की. वहीं इस दौरान उन्होंने उद्योग विभाग में गतिमान सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का फीडबैक लिया और हाल ही में उद्योग विभाग द्वारा लाई गई नई पॉलिसियों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि जल्द इन्वेस्टर समिट की तर्ज पर कुमाऊं और गढ़वाल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
मीडिया से बातचीत करते हुए उद्योग मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि उत्तराखंड में इंडस्ट्रीज फ्रेंडली माहौल बनाने और बड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए उद्योग विभाग लगातार एक्सरसाइज कर रहा है और इसी के चलते हाल में कैबिनेट से उद्योग विभाग से जुड़ी पांच नई पॉलिसियों को हरी झंडी मिली है. उन्होंने कहा कि इन नई पॉलिसियों के दम पर उत्तराखंड में उद्योग अपने अगले आयाम पर जाएगा. खासतौर से उन्होंने स्टार्टअप और प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर लाई गई पॉलिसियों पर फोकस करते हुए कहा कि स्टार्टअप में उत्तराखंड राज्य पहले से ही बेहतर काम कर रहा है और अब स्टार्टअप उद्योग को और ज्यादा बढ़ावा मिले.
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इसके लिए कुछ नए प्रावधान किए गए हैं. साथ ही प्लास्टिक प्रतिबंध को लेकर उद्योग विभाग द्वारा माइग्रेटेड इंडस्ट्रियल को दिए जा रहे हैं. मंत्री चंदन राम दास ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश ने 6000 का टारगेट लिया था, जिसमें से अब तक कुल 5714 लोन स्वीकृति हो चुके हैं और मार्च आखिर तक यह आंकड़ा अपने टारगेट 6000 को पूरा कर 7000 को छू लेगा.
वहीं उसके अलावा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश ने 10 हजार लाभार्थियों का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 4 हजार लोगों को लाभ दिया जा चुका है. इसके अलावा स्वनिधि योजना, मुद्रा बैंक योजना में भी बेहतर काम हुआ है. सिंगल विंडो सिस्टम के तहत अब तक 10393 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया है. इस तरह से एमएसएमई सेक्टर को देखें तो उत्तराखंड में अब तक 10 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट आ चुका है और जल्द ही उद्योग विभाग इन्वेस्टर समिट की तर्ज पर बड़े आयोजन करने जा रहा है.
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जिसमें से एक गढ़वाल में होगा और एक कुमाऊं में होने जा रहा है. उद्योग मंत्री चंदन राम दास का कहना है कि उद्योग विभाग प्रदेश में निवेश सुलभ माहौल बना रहा है ताकि बड़े से बड़े निवेश को भी उत्तराखंड में लाया जा सके और इसी की प्रारंभिक तैयारी के रूप में उद्योग विभाग ने अपनी तमाम पॉलिसियों को फ्रेमवर्क के तहत धरातल पर उतारा है जो कि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य में निवेश और उद्यमियों के लिए नए अवसर खोलेगा तो वहीं राज्य सरकार ने भी अपनी तरफ से जितनी रियायतें हो सकती है, उतनी रियायतें दी है.
साथ ही कई ऐसी पॉलिसियों को भी अडॉप्ट किया गया है जो कि प्रदेश के बड़े राज्यों में पहले से ही चल रही है ताकि किसी भी मुकाम पर उत्तराखंड राज्य निवेश के मामले में अन्य राज्यों से पीछे ना रहे.