देहरादून: प्रदेश के एक मात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर का आइस स्केटिंग रिंक (ice skating rink) पिछले 11 सालों से बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है. इससे प्रदेश में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा मिलने की उम्मीदें एक बार फिर धूमिल हो रही हैं. वहीं, अब प्रदेश सरकार और खेल विभाग ने भी इसके पुनरुद्धार को लेकर हाथ खड़े (Ice skating rink will be converted into normal stadium) कर दिए हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस आइस स्केटिंग रिंक के खर्चे का वहन ना कर पाने के कारण अब खेल विभाग इसके पूरे स्वरूप को परिवर्तित करने की तैयारी कर रहा है. खेल मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक अब इस आइस स्केटिंग रिंक को सामान्य स्टेडियम में परिवर्तित कर इसका अन्य खेलों में प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए विभागीय अधिकारी योजना तैयार कर रहे हैं.
प्रदेश में शीतकालीन खेलों की अपार संभावनाओं को देखते हुए 2010 में रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आइस स्केटिंग रिंक बनाया गया था. यह रिंक करीब 80 करोड़ की लागत से बनाया गया था. इसके बाद 2011 में यहां आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से साउथ ईस्टर्न एशिया आइस स्केटिंग प्रतियोगिता और उसके बाद आइस हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था.
इन प्रतियोगिता के बाद शीतकालीन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों को उम्मीद थी कि उन्हें अपनी तैयारी के लिए अन्य प्रदेशों और विदेश नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन उसके बाद इसका बिजली और पानी का खर्चा भी पर्यटन और खेल विभाग नहीं उठा पाया और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का आइस स्केटिंग रिंक 11 सालों से बदहाली के आंसू बहा रहा है.
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उधर धामी 2.0 सरकार बनने के बाद शीतकालीन खेलों से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि इस आइस स्केटिंग रिंक के दिन बहुरेंगे. क्योंकि इसके स्तर का आइस स्केटिंग रिंक मात्र चीन में मौजूद है. लेकिन अब इसका खर्चा देख प्रदेश सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. खेल मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि आइस स्केटिंग रिंक के रखरखाव में करीब 1 लाख का खर्चा आ रहा है. वहीं, इसकी चिंताजनक स्तिथि को देखते हुए खेल विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई है और प्रयास किया जा रहा है कि इस आइस स्केटिंग रिंक को सामान्य स्टेडियम के रूप में परिवर्तित करते हुए अन्य खेलों के लिए इसका उपयोग किया जाए. हालांकि, अभी अंतिम निर्णय पर विचार विमर्श किया जा रहा है.