मसूरीः उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने मसूरी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उत्तराखंड और रेस्टोरेंट उद्योग पूरी तरीके से प्रभावित हुए हैं. उत्तराखंड की आर्थिकी की रीड की हड्डी पर्यटन उद्योग है और कोरोना काल में पर्यटन उद्योग पूरी तरीके से प्रभावित हो चुका है. यदि प्रदेश का पर्यटन उद्योग समाप्त हो गया तो यहां पर बेरोजगारी और भुखमरी शुरू हो जाएगी, जो आने वाले समय में घातक सिद्ध होगी.
उन्होंने आगे बताया कि कोरोना काल में सरकार के कहने पर सभी होटल और रेस्टोरेंट व अन्य प्रतिष्ठानों को बंद किया गया था. इस बंदी के दौरान पानी के बिल बदस्तूर जारी रहे, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. जब प्रतिष्ठान और होटल खुले ही नहीं, ना ही पानी का इस्तेमाल हुआ. ऐसे में पानी के बिल लगातार आ रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं बनता है.
उन्होंने कहा कि होटल के साथ अन्य प्रतिष्ठानों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर हो गई है कि वह पानी का बेवजह बिल भी नहीं दे सकते हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि बंद के दौरान आए पानी के बिल को तत्काल माफ किया जाए, जिससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सके.
वहीं, पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के वर्किंग कैपिटल लगभग खत्म हो चुके हैं. ऐसे में सरकार को सस्ती दरों पर साॅफ्ट लोन उपलब्ध कराना होगा, जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को मदद मिल सके.
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि उत्तराखंड प्रदेश पर्यटन उद्योग पर निर्भर है और सरकार के आय के स्रोत के साथ लोगों के रोज़गार का साधन भी पर्यटन उद्योग ही है, जिसको सरकार दरकिनार कर रही है. इन सभी समस्याओं को लेकर वह दो बार मुख्यमंत्री और संबधित सचिवों से भी मिले हैं, परंतु कोई सकारात्मक जवाब या कार्रवाई इस दिशा में नहीं की गई. सरकार की नीतियों को लेकर पूरे प्रदेश में होटल उद्योग के साथ अन्य प्रतिष्ठानों के स्वामियों में भारी आक्रोश है और जल्द एक रणनीति के तहत सरकार को जगाने का काम किया जायेगा.