नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में देहरादून के डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (Dehradun District Cooperative Bank) की ग्रुप डी पोस्ट में स्वीकृत पदों से अधिक कार्यरत कर्मचारियों की बर्खास्तगी संबंधी रजिस्ट्रार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने रजिस्ट्रार के आदेश को सही मानते हुए याचिका को निरस्त कर दिया.
मामले के मुताबिक, आउटसोर्स कर्मचारी रीना उनियाल एवं सात अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून के डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक में ग्रुप डी के लिए 57 पदों में भर्ती हुई. भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर सचिव सहकारी ने इसके जांच के आदेश दिए. परंतु आज तक इसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई. इसी बीच रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव ने एक आदेश जारी कर 39 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने के आदेश दे दिए. जब यह मामला बोर्ड मीटिंग में गया तो बोर्ड ने उनके हक में फैसला दिया. उसके बाद भी उन्हें हटाया जा रहा है. इस आदेश को उनके द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई.
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याचिका में यह भी कहा गया कि बैंक में 76 स्वीकृत पद हैं. जबकि 115 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव ने अपने आदेश में यह कहा कि 39 आउटसोर्स कर्मचारियों को इसलिए हटाया जा रहा है कि बैंक के पास इन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है. ये कर्मचारी आउटसोर्स माध्यम से कार्य कर रहे हैं. बैंक ने 57 पदों पर भर्ती कर ली है. याचिका में भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं को भी चुनौती दी गई है, जो लोग भर्ती हुए हैं. उनमें अधिकांश सगे संबंधी हैं. याचिका में उन्हें नहीं हटाए जाने की प्रार्थना की है.