देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर पिछले लंबे समय से संशय की स्थिति बनी हुई है, जो जल्द ही स्पष्ट हो सकती है. जुलाई से प्रदेश में श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू की जा सकती है. जिसकी तैयारी में चारधाम देवस्थानम बोर्ड जुट गया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में बैठक होने जा रही है, जिसके बाद चारधाम यात्रा की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...
कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा पर लगा ब्रेक
उत्तराखंड चारधाम यात्रा कई मायनों में बेहद खास है. क्योंकि ना सिर्फ चारधाम के दर्शन करने के लिए यात्रा सीजन देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, बल्कि चारधाम यात्रा से करीब 5 लाख से अधिक लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है, लेकिन इस सीजन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते तय समय पर चारधाम के कपाट तो खुले लेकिन चारधाम की यात्रा नहीं शुरू की जा सकी. हालांकि, इसी बीच 8 जून से स्थानीय लोगों को चारधाम के दर्शन के लिए अनुमति दी गई लेकिन अभी भी बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है.
कब खुले चारधाम के कपाट
उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुले करीब 2 महीने का समय होने जा रहा है. गौर हो की 26 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे. वहीं, 29 अप्रैल को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भी खुल गए थे. इसके साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधामों में से सर्वश्रेष्ठ धाम, बदरीनाथ धाम के कपाट भी 15 मई को ब्रह्ममुहूर्त में खोले गए थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा नहीं शुरू की गई.
विरोध के चलते नहीं शुरू हुई चारधाम यात्रा
देश और प्रदेश में फैले कोरोना महामारी के चलते चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने यात्रा का विरोध किया था. कोरोना महामारी के चलते 30 जून तक यात्रा ना चलाने की बात कही थी. वहीं, देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम से संबंधित सभी जिलाधिकारियों को तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों से बात करने को कहा था, जिसके बाद निर्णय लिया गया कि चारधाम यात्रा फिलहाल स्थानीय स्तर पर ही चलाया जाएगा. लिहाजा, जुलाई से प्रदेश स्तर पर चारधाम यात्रा चलाए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है.
30 जून से शुरू हो सकती है चारधाम यात्रा
8 जून के बाद देवस्थानम बोर्ड ने स्थानीय स्तर पर चारधाम यात्रा चलाने की अनुमति दे दी थी, इसके साथ ही जुलाई से प्रदेश स्तर पर चारधाम यात्रा चलाए जाने की तैयारियों जोर शोर से चल रही है. देवस्थानम बोर्ड ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में जिन लोगों की निजी परिसंपत्तियां हैं, उन्हें भी रखरखाव व मरम्मत कार्य के कार्य करने की अनुमति दे दी थी. जीएमवीएन के गेस्ट हाउस, मंदिर समिति और निजी परिसंपत्तियों में होटल, लॉज के मरम्मत व रखरखाव कार्य के लिए अनुमति भी दी गयी थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू होती है तो यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत नहीं होगी.
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चारधाम यात्रा के इस सीजन में होगी दोहरी चुनौती
हर साल चारधाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम की यात्रा शुरू हो जाती थी, लेकिन साल कोरोना महामारी के चलते चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई. ऐसे में 8 जून के बाद सभी धार्मिक स्थलों को खोलें जाने की अनुमति थी, लिहाजा राज्य सरकार चारधाम यात्रा को चलाने पर विचार कर रही है. हालांकि, अगर चारधाम यात्रा श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं तो ऐसे में कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालु बेहद कम संख्या में आएंगे. वहीं, दूसरी ओर मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम यात्रा फिर से ठप हो जाएगी. क्योंकि हर साल की तरह मानसून सीजन में आने वाले यात्रियों की संख्या बेहद ही कम हो जाती है.
चारधाम यात्रा का बीत गया पिक सीजन
चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिहाज से अप्रैल से जून पीक समय होता है. इस समय चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं का ग्राफ तेजी से बढ़ता है. क्योंकि इसके बाद फिर मॉनसून सीजन के दौरान यात्रियों की संख्या बेहद कम हो जाती है. हालांकि, मॉनसून सीजन के बाद सितंबर-अक्टूबर महीने में एक बार फिर चारधाम यात्रा थोड़ी रफ्तार जरूर पकड़ती है, लेकिन उसके बाद फिर चारधाम के कपाट बंद होने का समय आ जाता है.
यात्रा को लेकर जल्द होगी उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की बैठक
चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य शिवप्रसाद ममगाई ने बताया कि यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात हुई है. जिसमें चारधाम यात्रा चलाने को लेकर चर्चा किया गया. यही नहीं चारधाम यात्रा को 1 जुलाई से प्रदेश स्तर पर चलाने की सहमति भी बनी है. हालांकि, इस संबंध में कुछ दिनों बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की बैठक भी होनी है. जिसमें प्रदेश स्तर पर चारधाम यात्रा चलाने के स्वरूप को तय किया जाएगा. इसके लिए बकायदा एक गाइडलाइन भी जारी की जाएगी, जिसके अनुरूप ही चारधाम यात्रा चलाई जाएगी.
अनलॉक 2.0 का है इंतजार
वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अनलॉक-1 के दौरान के सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत तमाम धार्मिक स्थलों समेत अन्य दुकाने खोल दिए गए थे, लेकिन अब पर्यटन व्यवसाय के साथ ही तमाम अन्य पर्यटन स्थलों को खोलने के लिए अनलॉक -2 का इंतजार है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस संबंध में अपनी सारी तैयारी पूरी कर ली है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है 30 जून को अनलॉक वन के समाप्त होने के बाद 1 जुलाई से अनलॉक- 2 के शुरू होने के दौरान केंद्र सरकार जो गाइडलाइन जारी करेगी उसके तहत प्रदेश के तमाम पर्यटन स्थलों को खोल दिया जाएगा, इसके साथ ही चार धाम यात्रा पर भी निर्णय लिया जाएगा.
साल 2019 में चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या
चारधाम | श्रद्धालुओं की संख्या |
यमुनोत्री धाम | 4,65,534 |
गंगोत्री धाम | 5,30,334 |
केदारनाथ धाम | 10,000,21 |
बदरीनाथ धाम | 12,449,93 |