देहरादून: प्रदेश सरकार लगातार पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने के प्रयासों में जुटी हुई है. इसी के तहत राज्य सरकार की ओर से ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे योजना चलाई जा रही है. जिसमें उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे नियमावली-2020 के प्राविधानों के अंतर्गत पहले चरण में टिहरी और उत्तरकाशी के एक-एक ट्रैकिंग सेंटर अधिसूचित किए जा चुके हैं. दूसरे चरण में ट्रैकिंग सेंटर के प्रस्ताव बागेश्वर-1, पिथौरागढ़-1, चमोली-1, उत्तरकाशी-2, टिहरी-4 में अधिसूचित किया गया है.
वहीं, तीसरे चरण में टिहरी-2, चमोली-1, पिथौरागढ़-2 और रुद्रप्रयाग-1 ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर अधिसूचित के लिए प्रस्तावित है. सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की संभावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवासीय सुविधाएं स्थापित कर राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊंचाई प्रदान करना है. ऐसे में राजकीय सहायता देकर सरकार, स्थानीय लोगों को सशक्त कर रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकें. साथ ही पलायन पर भी अंकुश लग सकें.
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बता दें कि ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम-स्टे योजना के लिए लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जाएगा. वहीं, मूल्यांकन समिति के परीक्षण के उपरांत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अनुदान की राशि लाभार्थियों को अंतरित की जाएगी. संबंधित जिलों के जिला पर्यटन विकास अधिकारी, समिति के सचिव और मूल्याकंन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे. योजना के अंतर्गत पारंपरिक पहाड़ी शैली में बने भवनों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना का लाभ संबंधित गांव के मूल निवासी ही ले सकेंगे.
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इस योजना के तहत चयनित आवेदकों को राजकीय सहायता अनुदान के रूप में नए कक्षों के निमार्ण के लिए प्रति कक्ष 60,000 रुपए और पहले से निर्मित कक्षों के साज-सज्जा के लिए 25,000 रुपए प्रति कक्ष अधिकतम 06 कक्ष तक दिए जाएंगे. यह योजना पोस्ट कोविड काल में देश के अन्य शहरों से वापस लौटे युवा उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन सिद्ध होगी. साथ ही योजना पलायन को रोकने में मददगार साबित होगी.