देहरादून: टोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों के समापन के बाद से ही केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें खिलाड़ियों के लिए तरह-तरह की घोषणाएं कर रही हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने भी एक बड़ा फैसला लिया है. उत्तराखंड सरकार आने वाले सालों में ओलंपिक, कॉमनवेल्थ में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को समूह 'क' 'ख' में नौकरी देगी. इसके लिए नई खेल नीति 2020 में संशोधन किया जाएगा. जिसे आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा.
नई खेल नीति 2020 में उत्तराखंड राज्य सरकार ने खेलों से जुड़े खिलाड़ियों के लिए कई बड़े पुरस्कार रखे हैं. यह नई खेल नीति, अक्टूबर 2020 में हुई कैबिनेट की बैठक में पास की गई थी. तकनीकी दिक्कतों के चलते यह लागू नहीं हो पाई है. ऐसे में उत्तराखंड राज्य सरकार नई खेल नीति 2020 में एक और बड़ा संशोधन करने जा रही है. जिसके तहत मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया जाएगा.
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जानकारी देते हुए खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि खिलाड़ियों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए नई खेल नीति बनाई गई है. खेल मंत्री ने कहा बच्चों को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए इस नई खेल नीति में यह भी व्यवस्था किया गया है कि जो खिलाड़ी, ओलंपिक में मेडल जीतेगा. उसे समूह 'क' और जो खिलाड़ी कॉमनवेल्थ में मेडल जीतेगा, उसे समूह 'ख' में सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसके साथ ही, जो खिलाड़ी नेशनल या इंटरनेशनल स्तर पर मेडल जीतकर आता है तो उसे समूह 'ग' में सरकारी नौकरी दी जाएगी.
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खेल मंत्री ने कहा अगर सरकारी सेवाओं में खिलाड़ियों को अवसर देंगे, तो ऐसे में बच्चे खेल के प्रति आकर्षित होंगे. इसके अतिरिक्त ट्रेनिंग के दौरान बच्चों के लिए अतिरिक्त फंड की भी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है.
बता दें टोक्यो में हुए ओलंपिक खेलों में रोशनाबाद गांव की वंदना कटारिया ने भारतीय महिला हॉकी टीम में खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया. वंदना ने हैट्रिक लगाकर इतिहास भी रचा. वंदना ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं. वंदना के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें 25 लाख रुपए देने की घोषणा की है. प्रदेश में अन्य खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए अब राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.