देहरादून: हरिद्वार मेंं होने वाले कुंभ में अब बस कुछ ही दिनों का वक्त बचा है. राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार कुंभ मेले की तैयारियां की जा रही हैं. कोरोनाकाल में राज्य सरकार लगातार हरिद्वार में होने वाले कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने की दिशा में काम करते हुए बड़े ही एहतियात से कदम उठा रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकार ने भी हरिद्वार महाकुंभ के लिए एसओपी जारी कर दी है.
कोविड-19 और लॉकडाउन के बाद विश्व के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ 2021 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए SOP जारी कर दी है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन द्वारा जारी की गई SOP में कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कुंभ क्षेत्र की सभी गतिविधियों के संबंध में कोविड के नियमों का पालन करते हुए मेला क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियों के लिए अलग-अलग नियमावली जारी की गई है.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी की गई SOP में आश्रम धर्मशाला, होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस संचालन के लिए नियम बनाए गए हैं. दुकान और कमर्शियल प्रतिष्ठानों के लिए अलग नियमावली और धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही के लिए अलग नियम बनाये गये हैं. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट और वाहन पार्किंग के निर्धारण, होल्डिंग पॉइंट, घाट, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर सभी प्रक्रियाओं को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
ये हैं केंद्र द्वारा जारी एसओपी के प्रावधान-
- मेला प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि मेले में आपदा प्रबंधन अधिनियम का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
- बसों, टिकट काउंटरों में खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. काउंटर पर सभी कर्मचारी मास्क और दस्ताने पहनने होंगे.
- टिकट काउंटर, बस, टैक्सी, विक्रम स्टैंड सभी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के मानक प्रदर्शित करने वाले चिह्व लगाये जाएंगे.
- आपातकाल समय में प्रभावी और तत्काल प्रतिक्रिया के लिए सभी नियंत्रण कक्षों में नोडल अधिकारियों की सूची सभी जगह पर उपलब्ध करवाई जाएगी. जो कि बस, टैक्सी स्टैंड और सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाएगी .
- राज्य परिवहन तथा व्यवसायिक वाहन संचालकों द्वारा सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से स्मार्ट फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाना होगा.
- कोविड-19 की रोकथाम के लिए वाहनों, बसों आदि में बचाव हेतु आवश्यक सूचना पोस्टर लगाने होंगे.
- वाहन चालकों के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा किराया निर्धारित किया जाएगा. जिससे की कोई भी मनमानी का किराया न वसूल सके.
- यात्रा शुरू होने और समाप्ति के बाद वाहन को सैनिटाइज करना होगा.
- कुंभ मेले में आने वाले हर किसी यात्री और श्रद्धालु को वेब पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के यात्री को बस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
- कुंभ मेले के दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन या भंडारे पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
- पार्किंग स्थलों के आस-पास भोजन पकाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.
- पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों के लिए कोविड-19 की जांच व्यवस्था की जाएगी.
- पार्किंग स्थलों पर पीआरडी, होमगार्ड्स के जवानों की तैनाती की जाएगी.
- मेला प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से घाटों में स्नान के दौरान निगरानी के लिए तंत्र विकसित किया जाएगा.
- पवित्र स्नानों के दौरान घाटों के किनारे सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए पर्याप्त रूप में सुरक्षाबल, गोताखोरों की तैनाती की जाएगी. जिससे की किसी भी अप्रिय घटने से बचा जा सके.
- पवित्र स्नान के 20 मिनट के बाद तुरंत तीर्थयात्रियों को वहां से निकाला जाएगा, जिससे भीड़ एक जगह पर जमा न हो.
- मेले में बायोमेडिकल और अपशिष्ट के निस्तारण की उचित व्यवस्था की जाएगी.
- हॉल्टिंग प्वाइंट पर सुरक्षा बलों, बिजली की व्यवस्था के साथ अन्य तरह की सभी व्यवस्थाएं पूरी की जाएंगी. उसके आस-पास खाना पकाने पर प्रतिबंध होगा. साथ ही अग्निशमन की व्यवस्था भी प्रमुखता से की जाएगी.
इससे पहले केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के लिए एसओपी जारी की थी. जिसमें राज्य सरकार को मेले में बुजर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश को रोकने को लेकर योजना बनाने की बात कही गई थी. इसके अलावा राज्य सरकार से कोरोना के मामलों पर रोक लगाने के लिए अतिरिक्त उपाय लागू करने के भी इसमें निर्देश दिये थे.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिये थे कि कुंभ में काम करने वाले हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का पूरी तरीके से राज्य सरकार वैक्सीनेशन कराए. राज्य सरकार ने केंद्र की एसओपी पर चर्चा परिचर्चा कर योजना बनाते हुए आज एसओपी जारी कर दी है.