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परमानेंट हुए शिक्षकों को सरकार ने दिया झटका, सीनियरिटी का दावा किया खारिज

अस्थायी से परमानेंट हुए शिक्षकों को सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है. दरअसल इन शिक्षकों की ओर से नियुक्ति की तारीख से सीनियरिटी का दावा किया जा रहा था, जिसे आखिरकार सरकार ने खारिज कर दिया है.

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Published : Jul 14, 2021, 10:38 AM IST

देहरादून: अस्थायी से परमानेंट हुए शिक्षकों को सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है. दरअसल, इन शिक्षकों की ओर से नियुक्ति की तारीख से सीनियरिटी का दावा किया जा रहा था, जिसे आखिरकार सरकार ने खारिज कर दिया है. ऐसे में सरकार के इस फैसले से पिछले 2 सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे सीधी भर्ती वाले हाईस्कूल हेडमास्टर और इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है.

बता दें कि, सरकार के इस फैसले के बाद अब सीधी भर्ती वाले शिक्षकों में खुशी की लहर है. राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने बताया कि अब सभी शिक्षक चाहते हैं कि सरकार हेड मास्टर की पदोन्नति की तत्काल डीपीसी कराकर सूची जारी करें. जिससे कि सीन आईटी विभाग के चलते इन शिक्षकों का रुका हुआ प्रमोशन जल्द से जल्द किया जा सके.

दरअसल, 1 अक्टूबर 1990 से पहले अस्थायी रूप से नियुक्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट में केस दायर किया था. जिसके बाद 30 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में शिक्षकों का तर्क सही पाया. ऐसे में केस हारने के बाद शिक्षा सचिव ने 23 जुलाई 2019 को शिक्षा निदेशक को नियुक्ति तिथि से सीनियरिटी देने के आदेश दे दिए थे. वहीं, शिक्षा निदेशक ने अगस्त 2019 में आदेश जारी करते हुए 1 अक्टूबर 1990 से पहले अस्थायी रूप से नियुक्त एलटी और प्रवक्ताओं को एक अक्टूबर 1990 से विनियमित मानते हुए सीनियरिटी दे दी थी.

पढ़ें:जल संस्थान पर 3 करोड़ का बकाया, काश्तकारों को नहीं मिल रहा सिंचाईं का पानी

जिसके बाद से एक बार फिर से अस्थायी शिक्षकों और परमानेंट शिक्षकों के बीच सीनियरिटी का विवाद शुरू हो गया. जिस पर कई सालों के इंतजार के बाद अब जाकर सरकार ने आखिरकार पूर्ण विराम लगा दिया है.

देहरादून: अस्थायी से परमानेंट हुए शिक्षकों को सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है. दरअसल, इन शिक्षकों की ओर से नियुक्ति की तारीख से सीनियरिटी का दावा किया जा रहा था, जिसे आखिरकार सरकार ने खारिज कर दिया है. ऐसे में सरकार के इस फैसले से पिछले 2 सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे सीधी भर्ती वाले हाईस्कूल हेडमास्टर और इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है.

बता दें कि, सरकार के इस फैसले के बाद अब सीधी भर्ती वाले शिक्षकों में खुशी की लहर है. राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने बताया कि अब सभी शिक्षक चाहते हैं कि सरकार हेड मास्टर की पदोन्नति की तत्काल डीपीसी कराकर सूची जारी करें. जिससे कि सीन आईटी विभाग के चलते इन शिक्षकों का रुका हुआ प्रमोशन जल्द से जल्द किया जा सके.

दरअसल, 1 अक्टूबर 1990 से पहले अस्थायी रूप से नियुक्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट में केस दायर किया था. जिसके बाद 30 जनवरी 2019 को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में शिक्षकों का तर्क सही पाया. ऐसे में केस हारने के बाद शिक्षा सचिव ने 23 जुलाई 2019 को शिक्षा निदेशक को नियुक्ति तिथि से सीनियरिटी देने के आदेश दे दिए थे. वहीं, शिक्षा निदेशक ने अगस्त 2019 में आदेश जारी करते हुए 1 अक्टूबर 1990 से पहले अस्थायी रूप से नियुक्त एलटी और प्रवक्ताओं को एक अक्टूबर 1990 से विनियमित मानते हुए सीनियरिटी दे दी थी.

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जिसके बाद से एक बार फिर से अस्थायी शिक्षकों और परमानेंट शिक्षकों के बीच सीनियरिटी का विवाद शुरू हो गया. जिस पर कई सालों के इंतजार के बाद अब जाकर सरकार ने आखिरकार पूर्ण विराम लगा दिया है.

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