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उत्तरकाशी हादसे के बाद कहां थे 'सरकार', एक हजार KM दूर से घटनास्थल पहुंचे CM शिवराज

उत्तरकाशी सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत के बाद उत्तराखंड से लेकर मध्य प्रदेश तक के खलबली मच गई. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह देहरादून पहुंचे. दून पहुंचते ही वो सीधे उत्तरकाशी गए और घटनास्थल का जायजा लिया. लेकिन उत्तराखंड के माननीय पूरी रात सोते रहे.

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उत्तरकाशी सड़क हादसा
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Published : Jun 6, 2022, 7:16 PM IST

Updated : Jun 8, 2022, 2:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को हुए सड़क हादसे में मध्य प्रदेश के 25 लोगों की मौत गई. पिछले 10 सालों में उत्तरकाशी का ये सबसे बड़ा सड़क हादसा है, जिसे इतिहास में काले अक्षरों में याद रखा जाएगा. अब से करीब 10 साल पहले भी चारधाम यात्रा मार्ग पर एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें लगभग 35 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. रविवार को हुए सड़क हादसे ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ये बात हम ऐसा नहीं कह रहे है, इसकी पीछे एक बड़ी वजह है.

रविवार को उत्तरकाशी जिले में डामटा के पास मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों की बस जिस जगह खाई में गिरी थी, वहां की देहरादून से दूरी 80 से 85 किलोमीटर है. देहरादून जिले में बीजेपी के 8 विधायक हैं. वहीं, उत्तरकाशी जिले में भी विधानसभा की तीन सीटें हैं, जिन पर बीजेपी काबिज है. सरकार की कार्यशैली पर सवाल यही खड़े हो रहे है.
पढ़ें- विकासनगर पहुंचे सीएम धामी, उत्तरकाशी सड़क हादसे के सवालों पर मीडिया से बचे

हैरानी की बात ये है कि रविवार शाम 7 बजे यह हादसा हुआ. 7.20 तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून सचिवालय में स्थित कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे थे. लेकिन सवाल ये है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक ने मौके पर पहुंचने की जहमत तक नहीं उठाई.

हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अमला अपने काम में लगा हुआ था. लेकिन माननीय जरा सा भी कष्ट लेने का तैयार नहीं थे. जबकि एक हजार किमी दूर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश के मुखिया सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का जायजा लिया.

पढ़ें- उत्तरकाशी बस हादसा: जौलीग्रांट से एयरलिफ्ट किए गए 25 शव, विमान खजुराहो रवाना

उत्तरकाशी के पुरोला और गंगोत्री, देहरादून के चकराता, मसूरी, नरेंद्रनगर और तमाम आसपास के क्षेत्रों के लगभग 10 से अधिक विधायक मौके पर पहुंच सकते थे. वहां मौजूद टीम और घायलों के परिवार वालों का हौसला दिला सकते थे. लेकिन न तो स्थानीय विधायक रविवार शाम तक मौके पर पहुंचे और न ही सरकार का कोई मंत्री.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 1000 किलोमीटर दूर हो करके न केवल देहरादून पहुंचे बल्कि सुबह 8 बजे वह घटनास्थल पर पहुंच गए. शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे. दोनों मुख्यमंत्रियों ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को शवों को सकुशल मध्यप्रदेश पहुंचाने के निर्देश दिए.
पढ़ें- शिवराज-धामी ने उत्तरकाशी में दुर्घटना स्थल का लिया जायजा, स्टेयरिंग फेल होने को बताया हादसे का कारण

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घटनास्थल का दौरा करने के बाद उत्तराखंड सरकार के मंत्री को थोड़ी अकल आई और परिवहन मंत्री चंदन राम दास भी घटनास्थल का जायजा लेने के लिए पहुंचे. घटनास्थल का जायजा लेने के बाद परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने भी माना कि सड़क में खामियां थीं. यदि सड़क किनारे पैराफिट लगे होते तो शायद हादसा इतना भयानक नहीं होता. फिलहाल परिवहन मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो जल्द सड़क की डीपीआर तैयार करें. इसके साथ ही चंदन राम दास इस मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात भी करेंगे.

बता दें कि रविवार सुबह को हरिद्वार से मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों की बस चारधाम यात्रा के लिए निकली थी, लेकिन रविवार शाम को यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास तीर्थयात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई है और इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गए. मृतकों को पहले देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां उनके शवों को वायु सेना के विशेष विमान से मध्य प्रदेश भेजा गया.

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को हुए सड़क हादसे में मध्य प्रदेश के 25 लोगों की मौत गई. पिछले 10 सालों में उत्तरकाशी का ये सबसे बड़ा सड़क हादसा है, जिसे इतिहास में काले अक्षरों में याद रखा जाएगा. अब से करीब 10 साल पहले भी चारधाम यात्रा मार्ग पर एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें लगभग 35 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. रविवार को हुए सड़क हादसे ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. ये बात हम ऐसा नहीं कह रहे है, इसकी पीछे एक बड़ी वजह है.

रविवार को उत्तरकाशी जिले में डामटा के पास मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों की बस जिस जगह खाई में गिरी थी, वहां की देहरादून से दूरी 80 से 85 किलोमीटर है. देहरादून जिले में बीजेपी के 8 विधायक हैं. वहीं, उत्तरकाशी जिले में भी विधानसभा की तीन सीटें हैं, जिन पर बीजेपी काबिज है. सरकार की कार्यशैली पर सवाल यही खड़े हो रहे है.
पढ़ें- विकासनगर पहुंचे सीएम धामी, उत्तरकाशी सड़क हादसे के सवालों पर मीडिया से बचे

हैरानी की बात ये है कि रविवार शाम 7 बजे यह हादसा हुआ. 7.20 तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून सचिवालय में स्थित कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे थे. लेकिन सवाल ये है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी उत्तराखंड सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक ने मौके पर पहुंचने की जहमत तक नहीं उठाई.

हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अमला अपने काम में लगा हुआ था. लेकिन माननीय जरा सा भी कष्ट लेने का तैयार नहीं थे. जबकि एक हजार किमी दूर से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मिले. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही प्रदेश के मुखिया सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल का जायजा लिया.

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उत्तरकाशी के पुरोला और गंगोत्री, देहरादून के चकराता, मसूरी, नरेंद्रनगर और तमाम आसपास के क्षेत्रों के लगभग 10 से अधिक विधायक मौके पर पहुंच सकते थे. वहां मौजूद टीम और घायलों के परिवार वालों का हौसला दिला सकते थे. लेकिन न तो स्थानीय विधायक रविवार शाम तक मौके पर पहुंचे और न ही सरकार का कोई मंत्री.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 1000 किलोमीटर दूर हो करके न केवल देहरादून पहुंचे बल्कि सुबह 8 बजे वह घटनास्थल पर पहुंच गए. शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे. दोनों मुख्यमंत्रियों ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और अधिकारियों को शवों को सकुशल मध्यप्रदेश पहुंचाने के निर्देश दिए.
पढ़ें- शिवराज-धामी ने उत्तरकाशी में दुर्घटना स्थल का लिया जायजा, स्टेयरिंग फेल होने को बताया हादसे का कारण

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा घटनास्थल का दौरा करने के बाद उत्तराखंड सरकार के मंत्री को थोड़ी अकल आई और परिवहन मंत्री चंदन राम दास भी घटनास्थल का जायजा लेने के लिए पहुंचे. घटनास्थल का जायजा लेने के बाद परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने भी माना कि सड़क में खामियां थीं. यदि सड़क किनारे पैराफिट लगे होते तो शायद हादसा इतना भयानक नहीं होता. फिलहाल परिवहन मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो जल्द सड़क की डीपीआर तैयार करें. इसके साथ ही चंदन राम दास इस मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात भी करेंगे.

बता दें कि रविवार सुबह को हरिद्वार से मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों की बस चारधाम यात्रा के लिए निकली थी, लेकिन रविवार शाम को यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास तीर्थयात्रियों से भरी बस खाई में गिर गई है और इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हो गए. मृतकों को पहले देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां उनके शवों को वायु सेना के विशेष विमान से मध्य प्रदेश भेजा गया.

Last Updated : Jun 8, 2022, 2:30 PM IST
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