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Mobile Health Van and Telemedicine: मोबाइल हेल्थ वैन और टेलीमेडिसिन से दुर्गम इलाकों में पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवा - उत्तराखंड में स्वास्थ्य

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने अधिकारियों को निर्देशित किया है. साथ ही मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल हेल्थ वैन और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने को कहा है, जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.

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Published : Feb 17, 2023, 10:03 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना ना पड़े. वहीं उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ वैन का एक खास महत्व है. इसी को देखते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल हेल्थ वैन और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को निखारने पर जोर: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ वैन एक अहम योगदान निभा सकती है. मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने इसी के मद्देनजर अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन सुविधाओं को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि इसके लिए शत प्रतिशत सैचुरेशन प्लान दिए जाएं, ताकि इस पर इंप्लीमेंट किया जा सके. खास बात यह है कि राज्य में स्वास्थ्य केंद्र कई क्षेत्रों में बेहद दूर है. लिहाजा मोबाइल वैन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है. इसी को देखते हुए मुख्य सचिव ने इसको बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए.
पढ़ें-Utility of Pirul: पिरूल के उपयोग को बढ़ाने पर शासन में मंथन, कलेक्शन से लेकर ट्रांसपोर्ट तक सुविधाएं देने के निर्देश

लोगों तक पहुंचेगा स्वास्थ्य विभाग: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि मोबाइल वैन के दौरों की निश्चितता बढ़ाते हुए हर क्षेत्र के लिए दिवस निर्धारित किए जाएं. उन्होंने कहा कि मोबाइल वैनों की अपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के लिए एक स्थायी मॉनिटरिंग और फीडबैक सिस्टम को मजबूत किया जाए. इस दौरान मोबाइल वैन में ब्लड सैंपल से लेकर पोर्टेबल एक्स रे- मशीनों की उपलब्धता को भी पूरा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य की विशेष व्यवस्थाएं होनी चाहिए और इसके लिए एक अलग प्लान को सुनियोजित तरीके से किए जाने की जरूरत है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को लेकर भी विचार किया जाना चाहिए. साथ ही टेलीमेडिसिन को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के प्रयास किए जाने चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना ना पड़े. वहीं उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ वैन का एक खास महत्व है. इसी को देखते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल हेल्थ वैन और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को निखारने पर जोर: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ वैन एक अहम योगदान निभा सकती है. मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने इसी के मद्देनजर अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन सुविधाओं को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि इसके लिए शत प्रतिशत सैचुरेशन प्लान दिए जाएं, ताकि इस पर इंप्लीमेंट किया जा सके. खास बात यह है कि राज्य में स्वास्थ्य केंद्र कई क्षेत्रों में बेहद दूर है. लिहाजा मोबाइल वैन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है. इसी को देखते हुए मुख्य सचिव ने इसको बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए.
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लोगों तक पहुंचेगा स्वास्थ्य विभाग: मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि मोबाइल वैन के दौरों की निश्चितता बढ़ाते हुए हर क्षेत्र के लिए दिवस निर्धारित किए जाएं. उन्होंने कहा कि मोबाइल वैनों की अपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के लिए एक स्थायी मॉनिटरिंग और फीडबैक सिस्टम को मजबूत किया जाए. इस दौरान मोबाइल वैन में ब्लड सैंपल से लेकर पोर्टेबल एक्स रे- मशीनों की उपलब्धता को भी पूरा किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

मुख्य सचिव एसएस संधू ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य की विशेष व्यवस्थाएं होनी चाहिए और इसके लिए एक अलग प्लान को सुनियोजित तरीके से किए जाने की जरूरत है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावनाओं को लेकर भी विचार किया जाना चाहिए. साथ ही टेलीमेडिसिन को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के प्रयास किए जाने चाहिए.

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